Fact Check : हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ छत्तीसगढ़ में शपथ लेने की पुरानी खबर भ्रामक दावे के साथ वायरल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। दावा भ्रामक साबित हुआ। पुरानी न्‍यूज को अभी शेयर करके भ्रम फैलाया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया के कई प्‍लेटफॉर्म पर 47 सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें कुछ लोगों को हिंदू देवी-देवता को नहीं मानने की शपथ लेते हुए सुना जा सकता है। टाइम्‍स नाउ नवभारत की खबर के साथ दावा किया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हिंदू विरोधी शपथ ली गई।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। दावा भ्रामक साबित हुआ। पुरानी न्‍यूज को अभी शेयर करके भ्रम फैलाया जा रहा है। नवंबर 2022 में छत्तीसगढ़ में एक कार्यक्रम हुआ था। उसी से जुड़ी खबर को अब शेयर करके भ्रम फैलाया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर रमेश बाबू शर्मा ने 28 अक्‍टूबर को एक पोस्‍ट करते हुए लिखा, “बहुत ही चौकानेवाला..कांग्रेस की हिंदू-विरोधी शपथ, कर्नाटक से छत्तीसगढ़ तक: हिंदू-विरोधी कांग्रेस कांड। कांग्रेस और उसकी राज्य सरकार हिंदुओं की पीठ पीछे यही कर रही है। कृपया सभी हिंदुओं के साथ शेयर करें। देखिए कांग्रेस अपने ही देश में जनता को हिंदू सनातन धर्म की क्या शपथ दिला रही है। जागो वरना पतन निश्चित है।”

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसका आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच की शुरुआत सबसे पहले टाइम्‍स नाउ नवभारत के यूट्यूब चैनल की स्‍कैनिंग से की। हमें 9 नवंबर 2022 को अपलोड एक रिपोर्ट मिली। इसमें बताया गया कि छत्तीसगढ़ में एक बौद्ध सम्मेलन में हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ शपथ दिलाई गई। इस शपथग्रहण में कांग्रेस की महापौर हेमा देशमुख भी शामिल थी। इस मामले में जब विवाद बढ़ा तो हेमा देशमुख ने सफाई देते हुए कहा, “मुझे इस शपथग्रहण की जानकारी नहीं थी, मैंने देवी-देवताओं के खिलाफ शपथ नहीं ली।” पूरी रिपोर्ट नीचे देखा जा सकता है।

पड़ताल के दौरान रिपब्लिक भारत के यूट्यूब चैनल पर हमें वायरल वीडियो से जुड़ी रिपोर्ट मिली। 9 नवंबर 2022 की इस रिपोर्ट में बताया गया कि हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ शपथ दिलाई गई। यह वीडियो 7 नवंबर 2022 का है। इस कार्यक्रम में कांग्रेसी महापौर भी शामिल हुई थीं।

सर्च के दौरान हमें लाइव हिंदुस्‍तान डॉट कॉम पर वायरल वीडियो से जुड़ी एक खबर मिली। इसमें बताया गया कि छग के राजनांदगांव का एक वीडियो वायरल हुआ। इसमें लोगों को हिंदू देवी-देवताओं को ना मानने की शपथ लेते हुए देखा जा सकता है। पूरी खबर यहां पढ़ा जा सकता है।

गूगल ओपन सर्च के दौरान नईदुनिया डॉट कॉम पर एक खबर मिली। 9 नवंबर 2022 की इस खबर में बताया गया, “इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक कार्यक्रम में हिंदू विरोधी शपथ दिलवाई जा रही है। यह वायरल वीडियो छत्‍तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले का बताया जा रहा है। खबरों के अनुसार, राजनांदगांव के मोहरा वार्ड में राज्‍यस्‍तरीय बौद्ध धर्म सम्‍मेलन आयोजन हुआ था। जिसमें लोगों को हिंदू देवी-देवताओं को नहीं मानने की शपथ दिलाई जा रही है।”

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल के दौरान नईदुनिया डॉट कॉम, रायपुर के आशीष गुप्‍ता से संपर्क किया। उन्‍होंने पुष्टि करते हुए बताया कि वायरल वीडियो पुराना है। हाल-फिलहाल में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।

छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कम्‍युनिकेशन डिपार्टमेंट के प्रमुख सुशील आनंद शुक्‍ला ने बताया कि 2022 में एक बौद्ध सम्मेलन में अलग-अलग पार्टी के नेताओं को आमंत्रित किया गया था। उसी दौरान वहां कुछ ऐसी शपथ दिलाई गई, जिससे कांग्रेस सहमत नहीं थी। ऐसे में वायरल पोस्‍ट में किया गया दावा पूरी तरह गलत है।

पड़ताल के अंत में रमेश बाबू शर्मा नाम के यूजर की जांच की गई। पता चला कि पेशे से वकील यह फेसबुक यूजर यूपी के चंदौसी में रहता है।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। नवंबर 2022 के एक कार्यक्रम से जुड़ी वीडियो रिपोर्ट को अब गलत दावे के साथ शेयर करके भ्रम फैलाया जा रहा है।

Misleading
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