विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। बसपा प्रमुख मायावती का एक पुराना बयान अब गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है। मायावती ने यह बयान एमएलसी चुनाव के वक्त दिया था।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर सूबे में माहौल बन चुका है। सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक में हर ओर चुनाव से जुड़ी गतिविधियां नजर आ रही हैं। इन्हीं सब के बीच अब बसपा प्रमुख मायावती का एक बयान वायरल हो रहा है। इसमें उन्हें कथित रूप से भाजपा का सपोर्ट करने की बात कहते हुए देखा जा सकता है। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। पता चला कि मायावती का पुराना बयान, जो कि एमएलसी चुनाव से जुड़ा हुआ था, उसे अब विधानसभा चुनाव के बीच गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है। हमारी पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित होती है। कई यूजर्स मायावती के इस बयान को अभी का समझकर वायरल कर रहे हैं।
फेसबुक यूजर किशोर गोयल ने 18 जनवरी को एक पोस्ट करते हुए लिखा :’बदनीयती की साक्षात प्रतिमा!’
पोस्ट में एक न्यूज चैनल की ब्रेकिंग प्लेट का इस्तेमाल किया गया। इसमें मायावती की तस्वीर मौजूद थी। इसमें लिखा था मायावती का निशाना, बीजेपी को सपोर्ट करना पड़ा तो करेंगे : मायावती।
सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। फेसबुक पोस्ट के आकाईव्ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के संदर्भ में बसपा सुप्रीमो मायावती के वायरल बयान की सच्चाई जानने के लिए विश्वास न्यूज ने सबसे पहले गूगल रिवर्स इमेज टूल का इस्तेमाल किया। इस टूल में वायरल पोस्ट को अपलोड करके संबंधित कीवर्ड से ओरिजनल खबरों को खोजना शुरू किया।
हमें जी न्यूज की वेबसाइट पर एक खबर मिली। 29 अक्टूबर 2020 को पब्लिश इस खबर में बताया गया कि एमएलसी चुनाव में सपा को जवाब देने के लिए मायावती ने भाजपा को सपोर्ट देने की बात कही थी। खबर में लिखा गया, “मायावती ने समाजवादी पार्टी को पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने साजिश के तहत 7 विधायकों को तोड़ा है, उनका झूठा हलफनामा दिलवाया. उन्होंने ये भी कहा कि सपा को उसकी ये हरकत भारी पड़ेगी. अब समाजवादी पार्टी को सबक सिखाने के लिए वे बीजेपी का साथ भी दे सकती हैं. ‘सपा को सबक सिखाने के लिए BJP का साथ देना पड़ा तो देंगे’ मायावती ने ये भी कहा है कि सपा को सबक सिखाने के लिए वो बीजेपी को वोट देना पड़ा तो भी पीछे नहीं हटेंगी. एमएलसी के चुनाव में बीएसपी जैसे को तैसा जवाब देने के लिए पूरा जोर लगाएगी.”
जी न्यूज की पूरी खबर यहां पढ़ी जा सकती है।
विश्वास न्यूज को पड़ताल के दौरान जी उत्तर प्रदेश उत्तराखंड चैनल का एक फेसबुक लाइव भी मिला। इसे 29 अक्टूबर 2020 को किया गया था। हमें पता चला कि अभी वायरल हो रहा स्क्रीनशॉट दरअसल जी उत्तर प्रदेश उत्तराखंड चैनल का पुराना स्क्रीनशाट है। लाइव के 14वें मिनट पर हमें वही कंटेंट नजर आया, जो अब वायरल हो रहा है। इसे यहां देखा जा सकता है।
सर्च के दौरान विश्वास न्यूज को एएनआई के ट्विटर हैंडल पर एक पुराना वीडियो मिला। मायावती की प्रेस क्रॉन्फेंस का यह वीडियो 29 अक्टूबर 2020 को अपलोड किया गया था। इसमें भी मायावती एमएलसी चुनाव के संदर्भ में सपा उम्मीदवारों को हराने के लिए भाजपा या अन्य उम्मीदवारों को समर्थन देने की बात करतीं नजर आईं। पूरा वीडियो यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए बसपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता फैजान खान से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्ट को वॉट्सऐप पर शेयर किया। विश्वास न्यूज से बातचीत में उन्होंने बताया कि बसपा प्रमुख का पुराना बयान बिना संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है। यह फेक है।
पड़ताल के अंतिम चरण में फेसबुक यूजर किशेर गोयल की सोशल स्कैनिंग की गई। पता चला कि यूजर एक राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ है। मध्य प्रदेश के मंदसौर के रहने वाले इस यूजर को 1631 लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। बसपा प्रमुख मायावती का एक पुराना बयान अब गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है। मायावती ने यह बयान एमएलसी चुनाव के वक्त दिया था।
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