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Fact Check : रूस में हुए ब्रिक्स समिट में पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति ने मिलाया था हाथ, झूठी पोस्ट वायरल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। यह फर्जी साबित हुई। अधूरे वीडियो का इस्‍तेमाल करके झूठ फैलाया जा रहा है। रूस में हुए ब्रिक्‍स समिट में पीएम मोदी और चीनी राष्‍ट्रपति गर्मजोशी से मिले और हाथ भी मिलाया था।

  • By: Ashish Maharishi
  • Published: Oct 25, 2024 at 12:57 PM
  • Updated: Oct 25, 2024 at 04:11 PM

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के कजान शहर में आयोज‍ित ब्रिक्‍स समिट में शामिल होकर भारत लौट आए हैं। इसी बीच उन्‍हें लेकर एक पोस्‍ट वायरल हो रही है। इस पोस्‍ट में दावा किया गया कि चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग ने भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी से हाथ मिलाने से परहेज किया। पोस्‍ट के साथ दो क्लिप का एक वीडियो भी पोस्‍ट किया गया है। इसमें शी जिनपिंग और एंजेला मर्केल को पीएम मोदी के साथ देखा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। यह फर्जी साबित हुई। अधूरे वीडियो का इस्‍तेमाल करके झूठ फैलाया जा रहा है। रूस में हुए ब्रिक्‍स समिट में पीएम मोदी और चीनी राष्‍ट्रपति गर्मजोशी से मिले और हाथ भी मिलाया था। जबकि जर्मनी की पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल से जुड़ा वीडियो सात साल पुराना है। वह भी अधूरा है। पूरे वीडियो में उन्‍हें भी पीएम मोदी से हाथ मिलाते हुए देखा जा सकता है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर एस के कपूर ने 14 अक्‍टूबर को एक वीडियो पोस्‍ट करते हुए दावा किया, “शी जिनपिंग ने मोदी जी से हाथ मिलाने से किया परहेज, – ब्रेकिंग न्यूज़। मोदी जी का इतना इंसल्ट देखा नहीं जा रहा है। भक्तो कुछ करो। कम से कम मीडिया में तो युद्ध शुरू करो।”

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट में मौजूद दोनों क्लिप की विस्‍तार से जांच की। सबसे पहले चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग की क्लिप की पड़ताल की गई। इसके कई कीफ्रेम्‍स निकालकर गूगल लेंस के जरिए सर्च किया गया। हमें कई न्‍यूज रिपोर्ट में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के हाथ मिलाने की तस्‍वीर और वीडियो मिले।

द हिंदू के यूट्यूब चैनल पर मौजूद रिपोर्ट में साफ देखा जा सकता है कि दोनों नेता अपने-अपने देश के झंडे के सामने खड़े होकर हाथ मिला रहे हैं।

इसी तरह दैनिक जागरण में 24 अक्‍टूबर को प्रकाशित खबर में पीएम मोदी और चीनी राष्‍ट्रपति के हाथ मिलाने की तस्‍वीर को देखा जा सकता है। खबर में बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्‍ट्रपति की बहुप्रतीक्षित बैठक रूस के शहर कजान में संपन्‍न हुई।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल के दूसरे चरण में जर्मनी की पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल और पीएम मोदी से जुड़ी क्लिप की जांच की। गूगल लेंस से सर्च करने पर हमें असली वीडियो मिला। 30 मई 2017 को द ट्रिब्‍यून ने वीडियो को अपलोड करते हुए बताया था कि जर्मनी की पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल और पीएम मोदी प्रेस कॉफ्रेंस में मौजूद थे। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि दोनों नेता ने अपने-अपने देश के झंडे के सामने हाथ मिलाते हुए फोटो खिंचवाएं।

अब तक की पड़ताल में यह साबित हो गया कि अधूरे वीडियो को शेयर करके यह झूठ फैलाया जा रहा है कि पीएम मोदी से दो बड़े देश के नेताओं ने हाथ नहीं मिला।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण के राष्‍ट्रीय ब्‍यूरो के जयप्रकाश रंजन से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि पीएम मोदी और चीनी राष्‍ट्रपति की पांच साल बाद मुलाकात हुई है। ऐसे में यह सोचने की बात है कि क्‍या दोनों हाथ नहीं मिलाएंगे। दोनों बड़े गर्मजोशी से मिले थे और हाथ भी मिलाया था। वायरल पोस्‍ट गलत है।

भाजपा की सोशल मीडिया टीम के प्रदेश सह संयोजक शशि कुमार ने विश्‍वास न्‍यूज को बताया कि चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी के हाथ मिलाने की कई तस्‍वीरें मौजूद हैं। वायरल पोस्‍ट में कोई सच्‍चाई नहीं है।

पड़ताल के अंत में फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। पता चला कि एस के कपूर नाम का यह यूजर महाराष्‍ट्र के मुंबई में रहता है। इसके 1.9 हजार फेसबुक फ्रेंड हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि पीएम मोदी से जुड़ी वायरल पोस्‍ट फर्जी है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग ने रूस में ब्रिक्‍स समिट में हाथ मिलाया था।

  • Claim Review : चीनी राष्‍ट्रपति ने नहीं मिलाया पीएम मोदी से हाथ
  • Claimed By : FB User SK Kapoor
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