पड़ताल में पता चला कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। राजस्थान में विधानसभा चुनाव की दस्तक के साथ फर्जी और भ्रामक सूचनाओं के वायरल होने का सिलसिला भी जारी हो चुका है। एक वीडियो को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि इस वीडियो में जनता राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने मोदी-मोदी के नारे लगा रही है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। दावा फर्जी साबित हुआ। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दो अलग-अलग कार्यक्रमों के वीडियो को जोड़कर वायरल वीडियो को तैयार किया गया है। इसमें भी पहले वाले हिस्से में अलग से मोदी-मोदी के नारे वाली आवाज जोड़ी गई है।
फेसबुक यूजर विनय ज्योति सोनी ने 25 सितंबर को 29 सेकंड का एक वीडियो पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ नाम के एक ग्रुप में अपलोड करते हुए दावा किया, “गहलोत- सिर्फ दो ही नारे लगेंगे, राजीव गांधी अमर रहें और अशोक गहलोत जिंदाबाद। मगर जनता मोदी – मोदी चिल्ला रही है। इसे कहते है #डवल_बेइज्जती”
इस पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। इस पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
वायरल पोस्ट में इस्तेमाल किए गए वीडियो के बारे में ज्यादा जानने के लिए सबसे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के फेसबुक पेज को स्कैन किया गया। यहां वीडियो सेक्शन में सर्च करने पर वायरल वीडियो का पहला पार्ट मिला।
इसमें अशोक गहलोत को पहले जनता के सामने हाथ हिलाते और फिर हाथ जोड़ते हुए देखा जा सकता है। बैकग्राउंड में कहीं भी मोदी-मोदी के नारे नहीं सुनाई दिया। 13 सितंबर 2022 को अपलोड इस वीडियो के कैप्शन में लिखा गया कि मंत्री राजेन्द्र यादव के साथ राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों के ब्लॉक स्तरीय आयोजन में शामिल होने नावां, नागौर पहुंचे।
यह वीडियो अशोक गहलोत के एक्स हैंडल पर मिला। इस वीडियो में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जनता के सामने हाथ जोड़ते हुए देखा जा सकता है। इसे भी 13 सितंबर 2022 को अपलोड किया गया था।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए वायरल वीडियो के दूसरे हिस्से के बारे में जानकारी जुटानी शुरू की गई। इसमें एक नेता को यह बोलते हुए सुना जा सकता है कि कोई किसी के नारे नहीं लगाएंगे। दो नारे मैंने बताए हैं। राजीव गांधी अमर रहें। अशोक गहलोत जिंदाबाद। तीसरा कोई किसी का नारा नहीं लगाएगा।
इसे कीवर्ड बनाकर गूगल ओपन सर्च किया गया। हमें कई खबरें और संबंधित वीडियो मिले। एक साल पहले भास्कर डॉट कॉम पर पब्लिश एक खबर में वायरल वीडियो का इस्तेमाल किया गया था। इस खबर में बताया गया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार और निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर ने एक कार्यक्रम के दौरान नारे वाली बात कही थी। उस वक्त मंच पर अशोक गहलोत मौजूद नहीं थे। मुख्यमंत्री के सभा में पहुंचने से कुछ देर पहले ही नागर ने जनता को धमकाते हुए कहा था कि कोई किसी के नारे नहीं लगाएंगे, दो नारे मैंने बताए हैं। राजीव गांधी अमर रहें, अशोक गहलोत जिंदाबाद, तीसरा कोई किसी का नारा नहीं लगाएगा। संबंधित खबर को यहां पढ़ा जा सकता है।
संबंधित वीडियो को रिपब्लिक भारत के यूट्यूब चैनल पर शॉर्ट्स के रूप में देखा जा सकता है। इसे 13 सितंबर 2022 को अपलोड किया गया था।
सर्च के दौरान एएनआई के एमपी/छग/राजस्थान एक्स हैंडल पर भी यह वीडियो मिला। इसे 13 सितंबर 2022 को अपलोड करते हुए बताया गया कि राजस्थान के दूदू के इस वीडियो में बाबू लाल नागर को राजीव गांधी और अशोक गहलोत के नारे के अलावा किसी और के नारे को नहीं लगाने की बात करते हुए देखा जा सकता है।
अब तक की पड़ताल में यह साबित हो गया कि सितंबर 2022 के दो अलग-अलग कार्यक्रम के वीडियो के साथ छेड़छाड़ करके वायरल वीडियो तैयार किया गया। अशोक गहलोत की सभा में मोदी-मोदी के नारे वाली आवाज अलग से जोड़ी गई है। इसी तरह दो नेताओं के नारे लगाने वाला वीडियो भी दूसरी सभा का है। इसका अशोक गहलोत के पहले वाले वीडियो से कोई संबंध नहीं है।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस के सोशल मीडिया के नेशनल कोऑर्डिनेटर नितिन अग्रवाल से संपर्क किया। उनके साथ वायरल वीडियो को शेयर किया। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि दो अलग-अलग कार्यक्रमों के वीडियो को जोड़कर वायरल वीडियो को तैयार किया गया है। पहले वाले पार्ट में मोदी-मोदी के नारे अलग से जोड़कर झूठ फैलाने की कोशिश की गई है।
जांच के अंत में फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर विनय ज्योति सोनी हरियाणा का रहने वाला है। यूजर का अकाउंट लॉक्ड होने के कारण ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर वायरल किया जा रहा है। एक साल पुराने वीडियो में अलग से मोदी-मोदी के नारे को जोड़कर वायरल किया गया।
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