नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि जब अखिलेश यादव जम्मू व कश्मीर में हटाई गए अनुच्छेद 370 के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, तब यूपी पुलिस ने उन्हें अरेस्ट कर लिया। यह वीडियो सोनभद्र के नाम से भी वायरल हो रहा है।
विश्वास टीम की पड़ताल में यह दावा फर्जी निकला। वायरल हो रहा वीडियो पहले भी कई बार गलत संदर्भ के साथ वायरल हो चुका है। वीडियो 9 मार्च 2011 का है। उस दिन सुबह अखिलेश यादव को गिरफ्तार कर लिया गया था, क्योंकि यूपी में तीन दिन से लगातार प्रदेश सरकार के खिलाफ सपा कार्यकर्ता आंदोलन कर रहे थे। उस वक्त प्रदेश में मायावती की सरकार थी।
संदीप आनंद भारदवाज नाम के फेसबुक यूजर ने 9 अगस्त को अखिलेश यादव से जुड़ा एक वीडियो अपलोड करते हुए लिखा, ”योगी जी की U. P पुलिस। घसीटते हुए टीपू को थाना ले जाया गया।।370 के खिलाफ हो रहा था प्रदर्शन। मोदी,अमित शाह के बाद योगीजी और उनकी पुलिस एक्शन में,धक्के मुक्के ओर इज्जत के साथ उठवाया अखिलेश को।”
यह वीडियो फेसबुक के अलावा सोशल मीडिया के दूसरे प्लेटफॉर्म पर भी लगातार वायरल हो रहा है।
वीडियो की पड़ताल शुरू करने से पहले विश्वास न्यूज ने 1:29 मिनट के वीडियो को कई बार देखा। आखिरकार वीडियो के अंत में हमें एक क्लू मिला। वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि अखिलेश यादव 370 के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, इसलिए पुलिस ने उनके खिलाफ एक्शन लिया। हालांकि, वीडियो को यदि आप ध्यान से देखें तो अंत में अखिलेश यादव की गाड़ी ड्राइव कर रहे ड्राइवर को स्वेटर पहने हुए देखा जा सकता है। मतलब यह तो साफ था कि वायरल वीडियो अभी का नहीं है, बल्कि यह ठंड के मौसम का है।
इसके बाद हमने वीडियो को InVID टूल में अपलोड करके कई वीडियो ग्रैब निकाले और उसे गूगल रिवर्स इमेज टूल के जरिए सर्च किया। सर्च के दौरान हमें पता चला कि यह वीडियो 2017 में भी गलत दावे के साथ वायरल हो चुका है। हमने अपनी पड़ताल को जारी रखने के लिए गूगल रिवर्स इमेज में सर्च के साथ ‘अखिलेश यादव गिरफ्तार’ जैसे कीवर्ड भी लिखा। आखिरकार हमें TIMES NOW का एक वीडियो हाथ लगा। इस वीडियो को चैनल के यूट्यूब अकाउंट पर 9 मार्च 2011 को अपलोड किया गया था।
खबर में बताया गया कि लखनऊ में अखिलेश यादव को अरेस्ट किया गया, क्योंकि प्रदेश भर में मायावती सरकार के खिलाफ सपा कार्यकर्ता धरना प्रदर्शन कर रहे थे। पूरी खबर आप यहां देख सकते हैं।
इसके बाद हमने गूगल सर्च में ‘अखिलेश यादव गिरफ्तार’ कीवर्ड के साथ टाइम लाइन टूल का यूज करते हुए खबर को सर्च करने का फैसला किया। इसके लिए हमने टाइम लाइन में 9 मार्च 2011 से लेकर 11 मार्च 2011 तक की डेट फिक्स की।
सर्च से हमें आजतक की वेबसाइट पर मौजूद एक खबर का लिंक मिला। खबर में बताया गया था, ”समाजवादी पार्टी द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार की नीतियों के खिलाफ किये जा रहे तीन दिवसीय आंदोलन के अंतिम दिन बुधवार को सपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद अखिलेश यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.”
आजतक की वेबसाइट पर यह खबर 9 मार्च 2011 को पब्लिश की गई थी।
इसके बाद विश्वास न्यूज ने सपा प्रवक्ता अमीक जामई से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि अखिलेश यादव को अरेस्ट करने वाले जिस वीडियो को अब वायरल किया जा रहा है, वह पहले भी कई बार वायरल हो चुका है। दरअसल वीडियो की सच्चाई यह है कि 2011 में अखिलेश यादव को अरेस्ट किया गया था। उस वक्त सूबे में योगी आदित्यनाथ की नहीं, मायावती की सरकार थी।
अंत में विश्वास न्यूज ने अखिलेश यादव के पुराने वीडियो को अब का बताकर वायरल करने वाले फेसबुक यूजर संदीप आनंद की सोशल स्कैनिंग की। हमें पता लगा कि इस अकाउंट को 235 लोग फॉलो करते हैं। हमारी जांच में पता चला कि यह एक फेक अकाउंट है।
निष्कर्ष : विश्वास टीम की पड़ताल में पता चला कि अखिलेश यादव का वायरल हो रहा वीडियो 9 मार्च 2011 का है। उस वक्त यूपी में मायावती की सरकार थी। प्रदेशभर में सपा के कार्यकर्ता सरकार का विरोध कर रहे थे। अखिलेश यादव जब दिल्ली से लखनऊ लौट रहे थे तो उन्हें अमौसी एयरपोर्ट के बाहर निकलते ही अरेस्ट कर लिया गया था ।
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