नई दिल्ली (विश्वास टीम)। मानवाधिकार संगठन मानुषी की फाउंडर मधु किश्वर और तारिक फतेह ने बाबरी मस्जिद के मामले को कांग्रेस की तीन राज्यों में हुई जीत से जोड़कर ट्वीट किया है। ये वीडियो काफी पुराना है और इसका कांग्रेस पार्टी की जीत से कोई लेना-देना नहीं है। इस ट्वीट में लिखा गया है कि कांग्रेस की जीत के अभी 24 घंटे भी नहीं बीते है और यहां पर बाबरी मस्जिद लेके रहेंगे, पाकिस्तान जिंदाबाद! के नारे के साथ जुलूस निकाला जा रहा है। हमारी जांच में ये वीडियो गलत संदर्भ में इस्तेमाल हो रहा है और इसका कांग्रेस की जीत से कोई लेना देना नहीं है। कांग्रेस ने 11 दिसंबर को छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में जीत दर्ज की है। हालांकि तारिक फतेह ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया है।
फिर हमने और भी जगह देखा कि कोई ऐसा मैसेज तो नहीं चल रहा है। वाट्सएप पर भी ऐसे ही मैसेज वायरल किया जा रहा है। इसमें भी कहा गया है कि ‘कांग्रेस की जीत को 24 घंटा भी नहीं हुआ..बाबरी मस्जिद लेकेरहेंगे..पाकिस्तान जिंदाबाद..। इसके साथ यही वीडियो अटैच किया गया है।
पड़ताल
इसके बाद हमने अनुमान लगाया कि किसी जुलूस का हिस्सा है इसलिए हमने बाबरी मस्जिद जुलूस के नाम से इसे गूगल पर सर्च करने का फैसला किया लेकिन हमें देश के कई हिस्सों की मिलती- जुलती खबरें मिली लेकिन हमें कहीं भी वह वीडियो नहीं दिखाई दे रहा था जिसको मधु किश्वर ने शेयर किया था।
इसके बाद हमनेअपनी जांच को आगे बढ़ाने का फैसला किया और गूगल के वीडियो सेक्शन में इसे खोजा। हमें पहले ही स्लॉट पर ये वीडियो दिखा। लेकिन इस वीडियो की हेडिंग ‘संभल बाबरी मस्जिद जुलूस 6 दिसम्बर’ थी।
फिर हमने इस वीडियो के अपलोड होने की तारीख चेक की। इस वीडियो को 6 दिसंबर 2016 को अपलोड किया गया था। इसको अपलोड करने का काम जुनैद जुबैरी ने किया था। इस वीडियो के एक फ्रेम को देखने के बाद पता चला है कि ये जुलूस इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग- शहर संभल की अगुवाई में निकला है।
जुनैद जुबैरी के फेसबुक प्रोफाइल को स्टॉकस्कैन पर स्कैन किया। इसमें हमें पता चला कि बाबरी मस्जिद के नारे का यूट्यूब पर सबसे पहले वीडियो अपलोड करने वाला जुनैद जुबैरी संभल का रहने वाला है। उसके यूट्यूब चैलन में अब तक कुल छह वीडियो अपलोड हैं। ये चैनल 16 जून 2016 को बनाया गया है। जबकि ट्विटर पर 22 मई 2017 से सक्रिय हैं। जुबैदी के बारे में पता चला कि वो फेसबुक पर अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव और कांग्रेस को फॉलो करता है।
ये वीडियो 6 दिसंबर 2016 को अपलोड किया था इसलिए हमने इस तारीख के आसपास के अखबारों को जांचने का फैसला किया। इसमें सफलता हासिल हुई। हमें यह खबर संभल के एक स्थानीय अखबार में मिली। ये खबर 7 दिसंबर 2016 को छपी थी जिसने इस खबर को ‘मुस्लिमों ने भरी हुंकार,हर हाल में बनेगी बाबरी मस्जिद’ हेंडिंग से छापा था। यानी कि हमारी जांच में ऐसी रैली होने का सबूत मिल गया है।
इस वीडियो को हमने देखा तो इसमें बाबरी मस्जिद के समर्थन में नारे लग रहे थे लेकिन इसका ऑडियो सही है या गलत इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। हमारी जांच में एक बात साफ हो गई है किये वीडियो कांग्रेस की तीन राज्यों में जीत के बाद का नहीं है। ये 2016 से ही यूट्यूब पर मौजूद है। इसके साथ ही ये वीडियो इन तीन राज्यों में से किसी का भी नहीं है। ये वीडियो उत्तर प्रदेश के संभल जिले का है।
इस वीडियो को गलत इरादों से गलत संदर्भ में इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे कांग्रेस पार्टी का कोई नाता नहीं दिखाई दे रहा है।
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