चार साल पहले प्रयागराज में कुछ वकीलों ने योगी सरकार की प्रतीकात्मक शवयात्रा निकालते हुए अपना विरोध जताया था।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। यूपी के हापुड़ में वकीलों के ऊपर लाठीचार्ज करने के विरोध में प्रदेश के वकीलों ने कई दिनों तक हड़ताल की थी। अब उसी से जोड़ते हुए दावा किया जा रहा है कि प्रयागराज में वकीलों ने योगी सरकार की प्रतीकात्मक शव यात्रा निकाली।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। यह भ्रामक साबित हुई। सितंबर 2019 में प्रयागराज में कुछ वकीलों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए प्रतीकात्मक शव यात्रा निकाली थी। वायरल वीडियो उसी प्रदर्शन का है। इसका हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शन से कोई संबंध नहीं है।
फेसबुक यूजर नीरज मिश्रा ने 17 सितंबर को एक वीडियो पोस्ट करते हुए दावा किया, “प्रयागराज। अरे मोरे योगी, हाय हाय योगी, हाय मोरे योगी, कहते हाँथ में अगरबत्ती लिए करुण विलाप के साथ अधिवक्ताओं ने निकाली योगी सरकार की शव यात्रा।”
वीडियो में वकीलों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और यूपी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सुना जा सकता है।
वायरल पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो के बारे में सच पता लगाने के लिए सबसे पहले इनविड टूल का इस्तेमाल किया। इस टूल के माध्यम से वायरल वीडियो के कई कीफ्रेम्स निकाले गए। फिर इन्हें गूगल रिवर्स सर्च इमेज टूल के माध्यम से खोजा गया। यह वीडियो हमें एक्स यूजर राजेश रंग के अकाउंट पर मिला। 15 सितंबर 2019 को अपलोड करते हुए इसके बारे में बताया गया कि यह 12 सितंबर 2019 का प्रयागराज का वीडियो है। उस वक्त हाईकोर्ट इलाहाबाद के वकीलों ने योगी सरकार की प्रतीकात्मक शव यात्रा निकाली थी।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए यूट्यूब पर घटना से जुड़े वीडियो को सर्च करना शुरू किया। हमें खबर जगत नाम के एक यूट्यूब चैनल पर शवयात्रा से जुड़ा चार साल पुराना वीडियो मिला। 12 सितंबर 2019 को अपलोड इस वीडियो में बताया गया कि प्रयागराज में अंबेडकर चौराहे से यह प्रतीकात्मक शवयात्रा निकाली गई थी। यह यात्रा राज्य शिक्षा सेवा प्राधिकरण को लखनऊ में बनाए जाने के विरोध में निकाली गई थी।
जांच के दौरान वायरल क्लिप से जुड़ा वीडियो अखंड भारत टीवी नाम के एक चैनल पर भी मिला। 16 सितंबर 2019 को अपलोड इस खबर में बताया गया कि वकीलों का फूटा गुस्सा, योगी की निकाली प्रतीकात्मक शव यात्रा।
सर्च के दौरान पत्रिका डॉट कॉम पर हमें एक खबर मिली। 11 सितंबर 2019 को पब्लिश इस खबर में बताया गया कि राज्य शिक्षा सेवा अधिकरण को लखनऊ में स्थापित करने के विरोध में इलाहाबाद हाइकोर्ट के वकीलों का गुस्सा फूटा। उन्होंने राज्य सरकार की शव यात्रा निकाल कर अपने विरोध जताया।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह से संपर्क किया। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया, “इंटरनेट मीडिया में इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकीलों की ओर से मुख्यमंत्री की प्रतीकात्मक शवयात्रा निकालने का पुराना वीडियो प्रसारित हो रहा है। सितंबर 2019 में वकीलों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान ऐसी यात्रा निकाली थी। इसके बाद कोई यात्रा नहीं निकाली गई। इधर, वकीलों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया है। उन्होंने किसी की प्रतीकात्मक शवयात्रा नहीं निकाली।”
जांच के अंत में भ्रामक पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की गई। पता चला कि फेसबुक यूजर नीरज मिश्रा पत्रकार हैं। इस यूजर को पंद्रह सौ लोग फॉलो करते हैं। यूजर चंदिया का रहने वाला है।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। चार साल पहले प्रयागराज में कुछ वकीलों ने योगी सरकार की प्रतीकात्मक शवयात्रा निकालते हुए अपना विरोध जताया था। उसी वक्त के वीडियो को अब कुछ लोग हालिया बताकर वायरल कर रहे हैं।
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