17 मुल्कों के फैक्ट चेकर्स UN जनरल असेंबली में विश्व-नेताओं के भाषणों की करेंगे पड़ताल
- By: Abhishek Parashar
- Published: Sep 25, 2019 at 05:48 PM
- Updated: Sep 25, 2019 at 06:36 PM
(नई दिल्ली)। संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक पर इस बार 17 देशों के 23 फैक्ट चेकिंग एजेंसियों की नजरें होंगी। इस पहल का लक्ष्य इस महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय आयोजन के दौरान दुनिया भर के देशों के राष्ट्राध्यक्षों और शीर्ष राजनेताओं के फर्जी और गलतफहमी फैलाने वाले दावों और बयानों की सत्यता जांचना है।
यूएन जनरल असेंबली के बारे में सभी फैक्ट चेकर्स द्वारा की जाने वाली फैक्ट चेकिंग को बाद में इस पहल में हिस्सा लेने वाले सभी फैक्ट चेकर्स के बीच शेयर किया जाएगा। इन फैक्ट चेकिंग का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद के साथ ही अन्य मुल्कों में इन्हें प्रकाशित भी किया जाएगा। हालांकि, इस क्रम में सभी बाइलाइंस बनी रहेंगी, यानी भले ही वे कंटेट या फैक्ट चेकिंग अन्य भाषाओं में छपें, लेकिन उसके साथ फैक्ट चेकर्स के नाम होंगे हीं। बगैर पूर्व अनुमति के किसी भी मीडिया हाउस को इन फैक्ट चेक्स को प्रकाशित करने की अनुमति नहीं होगी।
Efecto Cocuyo के लिए काम करने वाले वेनेजुएला के फैक्ट चेकर जीनफ्रेडी गुटिरेज के अनुसार, ‘इस तरह की पहल से दुनियाभर के फैक्ट चेकर्स के बीच न सिर्फ सहयोग और संबंध मजबूत होंगे, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पत्रकारिता की संस्कृति भी विकसित होगी।’
Factnameh के लिए काम करने वाले ईरान के फैक्ट चेकर फरहाद सौजांची ने बताया कि ईरान के लोगों की नजर अमेरिकी राष्ट्रपति के भाषण पर रहेगी। इसमें भी कोई शक नहीं कि भारतीय प्रधानमंत्री के भाषण पर भी बड़ी संख्या में पाकिस्तानी लोगों का ध्यान रहेगा। उनके अनुसार, फैक्ट चेकर्स के बीच के इस सहयोग और पहल से अपने नेताओं ही नहीं, बल्कि अन्य मुल्कों के टॉप नेताओं के बयानों को समझने में भी दुनियाभर के लोगों को मदद मिलेगी।
फैक्ट चेकर्स के बीच हुए इस सहयोग या गठबंधन से पहले फैक्ट-चेकिंग करने वाले सभी संगठन इंटरनेशनल फैक्ट-चेकिंग नेटवर्क द्वारा प्रस्तावित नियमों और शर्तों का पालन करने पर सहमत हुए।
तय नियमों के अनुसार, यूएन जनरल एसेंबली के इस कवरेज के दौरान सभी फैक्ट चेकर्स IFCN के सिद्धांतों और शर्तों (कोड ऑफ प्रिंसिपल्स) का जिम्मेदारीपूर्वक और सही तरीके से पालन करेंगे। इसका मतलब है कि फैक्ट चेकिंग के दौरान वे अपने सूत्रों और तौर-तरीकों के प्रति पूरी तरह पारदर्शिता बरतेंगे और ठोस, गैरपक्षपाती साक्ष्यों के आधार पर निष्कर्ष निकालेंगे।
फैक्ट चेकिंग के दौरान अगर कोई फैक्ट चेकर किसी तरह की गलती करता है तो उसका करेक्शन जरूर प्रकाशित होगा और इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी सदस्यों को इसके बारे में बताया जाएगा, ताकि वे भी इसका अनुवाद करवाकर अपने पूर्व प्रकाशित लेख में संलग्न कर सकें।
फैक्ट चेकर्स का यह समूह विभिन्न राजनेताओं के उन दावों की प्राथमिकता भी तय करेगा, जिनमें कई मुल्कों के लोगों की रुचि हो सकती है। हालांकि, उन दावों के साथ ऐसा नहीं किया जाएगा, जिनकी प्रकृति स्थानीय और क्षेत्रीय होगी। इस पहल के जरिए फैक्ट चेकर्स का यह गठबंधन झूठी और भ्रामक जानकारियों के खिलाफ एक तरह की लड़ाई है, जिसे इस तरह के अन्य अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में भी आजमाया जा सकता है, जहां दुनिया के टॉप राजनेता लंबे भाषण देते हैं और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुना जाता है।
हम आपको यहां उन फैक्ट चेकर्स की लिस्ट दे रहे हैं, जो अलग-अलग देश में इसे कवर करेंगे। अधिक जानकारी के लिए आप इनकी वेबसाइट या सोशल मीडिया साइट्स पर विजिट कर सकते हैं।
1.भारत- Vishvas News,The Quint,Boom
2.बोस्निया और हर्जेगोविना- Istinomjer
3.ब्राज़ील- Agência Lupa, Aos Fatos
4.कनाडा- Agence Science-Presse
5.जर्मनी- Correctiv
6.बांग्लादेश- BD FactCheck
7.ईरान- Factnameh
8.केन्या- PesaCheck
9.मैसेडोनिया- Vistinomer
10.नाइजीरिया- Dubawa
11.पोलैंड- Demagog
12.फिलीपींस- Vera Files,Rappler
13. स्पेन- Maldita.es,Newtral
14. दक्षिण कोरिया- NewstoF / SNUFactCheck
15. तुर्की- Doğruluk Payı
16. अमेरिका- FactCheck.org, PolitiFact
17. वेनेजुएला- Efecto Cocuyo
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