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2023 में गूगल न्यूज इनिशिएटिव के समर्थन से 15 राज्यों के 50 शहरों में विश्वास न्यूज के ‘सच के साथी-सीनियर्स’ मीडिया लिटरेसी अभियान का आयोजन किया गया।
विश्वास न्यूज भारत में मेटा के थर्ड-पार्टी फैक्ट चेकिंग साझेदरों में से एक है। थर्ड पार्टी फैक्ट चेकर के तौर पर विश्वास न्यूज भ्रामक और फेक जानकारियों की पहचान, समीक्षा और उन्हें रेट करता है। अगर फैक्ट चेक किसी सूचना या सोशल मीडिया पोस्ट को फॉल्स, ऑल्टर्ड, पार्ट्ली फॉल्स के तौर पर रेट करते हैं तो मेटा संबंधित पोस्ट और सूचना की पहुंच को घटा देता है। साथ ही यह संबंधित यूजर को इसकी जानकारी देता है और उस पोस्ट पर वार्निंग लेबल को लगा देता है। विश्वास न्यूज मेटा के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स फेसबुक, वाट्सऐप, इंस्टाग्राम और थ्रेड्स पर मिस-इन्फॉर्मेशन की पहचान करते हुए उसका मूल्यांकन करता है।
विश्वास न्यूज इंटरनेशनल फैक्ट-चेकिंग नेटवर्क (आईएफसीएन) द्वारा प्रमाणित है।
विश्वास न्यूज ने अपने प्रोजेक्ट "मिसलीडिंग डेटा प्रेडिक्टर" के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर के साथ साझेदारी की है।
मिस-इन्फॉर्मेशन से मुकाबला करने और उसके प्रसार को सीमित करने के लिए विशिष्ट रूप से गठित मिस-इन्फॉर्मेशन कॉम्बैट अलायंस में उद्योग के अन्य हितधारक भी मौजूद हैं।
यूनिसेफ ने विश्वास न्यूज और जागरण न्यूज मीडिया की साझेदारी में क्रिटिकल अप्रैजल स्किल्स वर्कशॉप का आयोजन किया।
मुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशंस, अहमदाबाद (MICA) विश्वास न्यूज के ‘सच के साथी-सीनियर्स’ के मीडिया लिटरेसी कार्यक्रम का अकादमिक भागीदार है।
IFCN के सर्टिफाइड फैक्ट चेकर के तौर पर विश्वास न्यूज की फैक्ट चेक स्टोरी Poynter की वेबसाइट पर कोरोना वायरस फैक्ट्स/ DatosCoronaVirus अलायंस डाटाबेस में शामिल हैं। इस डाटा बेस में 45 देशों के 100 से अधिक फैक्ट चेकर्स की कम से कम 15 भाषाओं में की गई स्टोरी शामिल हैं। विश्वास न्यूज भी फैक्ट चेक डाटा बेस का हिस्सा है।
- विश्वास न्यूज एक वॉट्सऐप ग्रुप के माध्यम से WHO के अधिकारियों के साथ भी जुड़ा हुआ है।
- उस वॉट्सऐप ग्रुप में WHO के प्रतिनिधि हमारे सवालों का जवाब देते हैं।
- जब कभी किसी पोस्ट में WHO का हवाला दिया जाता है तो हम सीधे WHO के साथ उस दावे को साझा करते हैं। WHO की तरफ से भी हमें उस दावे पर जवाब मिलता है।
- इसके अलावा अगर किसी दूसरी स्वास्थ्य से जुड़ी पोस्ट की पुष्टि की जरूरत होती है तो वॉट्सऐप पर WHO का जवाब सक्रिय रूप में मिलता है।
विश्वास न्यूज ने देश के 10 प्रमुख न्यूज संगठनों के 20 पत्रकारों के लिए एक साल का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया, ताकि उन्हें फैक्ट चेकिंग और न्यूज के सत्यापन के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से लैस किया जा सके। कार्यक्रम को इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) ने मेटा के साथ मिलकर शुरू किया था। इसका समापन 30 नवंबर 2022 को एक दिवसीय कार्यक्रम में मेटा के ऑफिस में किया गया। इस कार्यक्रम के माध्यम से द इंडियन एक्सप्रेस, द हिंदू, हिंदुस्तान टाइम्स, एशियानेट न्यूज, मनोरमा ऑनलाइन, लोकमत, डेक्कन हेराल्ड, प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया, प्रजावाणी और मातृभूमि सहित मीडिया जगत के 20 पत्रकारों को सफलतापूर्वक ट्रेनिंग दिया गया।
ट्विटर अपने लेटेस्ट फैक्ट चेक पेज पर विश्वास न्यूज की कोविड से जुड़ी फैक्ट चेक स्टोरी को दिखाता था।
विश्वास न्यूज की टीम में GNI ट्रेनिंग नेटवर्क के ट्रेनर शामिल हैं।