नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट फिर से वायरल हो रही है। इस पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि नकली COVID पॉजिटिव टेस्ट करने पर ठाणे की थायरोकेयर लैब को सील कर दिया गया है। विश्वास न्यूज ने पहले जब इस दावे की पड़ताल की थी तो हमें पता चला था कि ठाणे म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ने थायरोकेयर को कोविड-19 टेस्ट पर रोक लगाने को कहा था। ठाणे लैब के सील होने की खबर फर्जी निकली थी।
क्या हो रहा है वायरल
Yogesh Sawant नाम के यूजर ने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर की है। इस पोस्ट में लिखा है, ‘ठाणे में सरकार ने थायरोकेयर लैब को सील कर दिया है, क्योंकि वहां लोगों को नकली कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट दी जा रही थी। इसके पीछे वजह यह थी कि इस लैब का प्राइवेट अस्पतालों से कनेक्शन था। नकली पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद वे लोगों को खास अस्पताल भेज देते थे जहां कोविड मरीजों के इलाज का पैकेज 3 लाख का है।’ इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज को अपनी पड़ताल में मुंबई मिरर में प्रकाशित रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में ठाणे में जहां थायरोकेयर ने टेस्ट किए थे, वहां बढ़ते नकली कोरोना पॉजिटिव मरीजों का जिक्र किया गया था। मुंबई मिरर के दूसरे आर्टिकल में यह बताया गया है कि ठाणे म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (TMC) ने थायरोकेयर में किए जाने वाले COVID-19 के टेस्ट्स पर रोक लगा दी है, क्योंकि उन्हें उसमें कुछ खामियां मिली हैं।
हालांकि, इन रिपोर्टों में से किसी में इस बात का जिक्र नहीं है कि था कि थायरोकेयर लैब को सरकार ने सील कर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, कथित रूप से टेस्ट में अनियमितता पाए जाने के बाद ठाणे महानगरपालिका ने थायरोकेयर लैब्स को निर्देश दिए कि मरीजों के कोरोना वायरस स्वैब सैंपल्स का टेस्ट बंद कर दें।
विश्वास न्यूज की पूरी फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां क्लिक कर पढ़ा जा सकता है।
मुंबई मिरर और थायरोकेयर ने भी इस फर्जी खबर के बारे में ट्वीट किया था।
इस पोस्ट को Yogesh Sawant नाम के फेसबुक यूजर ने शेयर किया है। हमने यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। फैक्ट चेक किए जाने तक यूजर के 392 फॉलोवर्स थे।
निष्कर्ष
विश्वास न्यूज की पड़ताल में सामने आया है कि ठाणे की इस लैब को सील नहीं किया गया था, जैसा कि वायरल पोस्ट का दावा है। ठाणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने लैब को सील नहीं किया। हालांकि, उन्होंने रिपोर्ट्स में अनियमितता मिलने पर नोटिस जारी कर सफाई जरूर मांगी। यह पोस्ट पहले भी वायरल हो चुकी है। विश्वास न्यूज ने जून 2020 में इसका फैक्ट चेक कर सच बताया था।
Disclaimer: विश्वास न्यूज की कोरोना वायरस (COVID-19) से जुड़ी फैक्ट चेक स्टोरी को पढ़ते या उसे शेयर करते वक्त आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि जिन आंकड़ों या रिसर्च संबंधी डेटा का इस्तेमाल किया गया है, वह परिवर्तनीय है। परिवर्तनीय इसलिए ,क्योंकि इस महामारी से जुड़े आंकड़ें (संक्रमित और ठीक होने वाले मरीजों की संख्या, इससे होने वाली मौतों की संख्या ) में लगातार बदलाव हो रहा है। इसके साथ ही इस बीमारी का वैक्सीन खोजे जाने की दिशा में चल रहे रिसर्च के ठोस परिणाम आने बाकी हैं और इस वजह से इलाज और बचाव को लेकर उपलब्ध आंकड़ों में भी बदलाव हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि स्टोरी में इस्तेमाल किए गए डेटा को उसकी तारीख के संदर्भ में देखा जाए।
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