वीडियो में दिखाए गए टेबलेट मेडिसिन के तौर पर खाने के लिए नहीं है। ये वास्तव में एक टिश्यू पेपर है, जिसे टेबलेट के तौर पर पैक किया गया है। वायरल हो रहा दावा झूठा है।
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें लो-क्वालिटी की टेबलेट्स टिश्यू पेपर की तरह खुल रही हैं। ये बाजार में उपलब्ध हैं। Vishvas News ने इसकी पड़ताल की और पाया कि ये टेबलेट्स दवाई के तौर पर नहीं ली जाती हैं। वास्तव में ये टेबलेट्स की तरह पैक किए गए टिश्यू पेपर हैं। वायरल वीडियो में किया जा रहा दावा झूठा है।
फेसबुक शेयर किए गए पोस्ट में यह दावा किया गया है: “कोई भी टेबलेट खाने से पहले अलर्ट हो जाएं ये आपकी जान ले सकती हैं। इस वीडियो ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है। वीडियो देखने के बाद फॉरवर्ड करना न भूलें।” वीडियो में एक व्यक्ति बता रहा है कि दवा बनाने का तरीका मेडिसिन के कवर पर नहीं लिखा गया है। न ही दवा की मैन्युफैक्चरिंग डेट और एक्सपायरी डेट लिखी गई है। केवल दवा का नाम जोटा लिखा गया है।
इस पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।
Vishvas News ने वीडियो की जांच के लिए InVID टूल का इस्तेमाल किया। InVID magnifier का इस्तेमाल कर हमने हमने टेबलेट स्ट्रिप के कवर पर ’Zota’ नाम लिखा हुआ देखा। हमने जोटा हेल्थकेयर के डायरेक्ट हिमांशू जोटा से बात की। उन्होंने कहा: “वायरल किए जा रहे वीडियो में, यह टिश्यू पेपर है। यह मेडिसिन नहीं है। हमने इन टेबलेट टिश्यू को डॉक्टर्स को गिफ्ट देने के उद्देश्य से खरीदा है। हमने उस पैक पर निर्देशों का भी उल्लेख किया था, लेकिन किसी ने हमारी इमेज को खराब करने और उसका दुरुपयोग करने की कोशिश की है। ये कम्प्रेस्ड वाइप्स थे न की टेबलेट्स, इन्हें डॉक्टर्स को प्रमोशनल प्लान के तौर बांटा गया था।
टिश्यू टेबलेट्स काफी लोकप्रिय हैं और इन्हें ऑनलाइन खरीदना काफी आसान है। इन्हें कई रेस्त्रां में लोगों को दिया जाता है। बस उन पर कुछ पानी डालना होता है और यह टेबलेट टिश्यू की तरह खुल जाती हैं।”
पोस्ट का पूरा फैक्ट चेक यहां पढ़ा जा सकता है।
इस पोस्ट को फेसबुक पर उमेश सिंह नाम के यूजर ने शेयर किया है। हमने यूजर के प्रोफाइल को स्कैन किया और पाया कि यूजर कानपुर, उत्तर प्रदेश का है।
निष्कर्ष: वीडियो में दिखाए गए टेबलेट मेडिसिन के तौर पर खाने के लिए नहीं है। ये वास्तव में एक टिश्यू पेपर है, जिसे टेबलेट के तौर पर पैक किया गया है। वायरल हो रहा दावा झूठा है।
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