Fact Check: सोशल मीडिया पर वायरल ‘चन्ना मेरेया’ गाना गाने वाले लड़के की मृत्यु एप्लास्टिक एनीमिया के कारण हुई थी, COVID 19 के कारण नहीं

हमारी जांच में पता चला है कि यह दावा गलत है। इस लड़के की मृत्यु COVID 19 के कारण नहीं, बल्कि ऐप्लास्टिक एनीमिया के कारण 8 जुलाई को हो गई थी। ऐप्लास्टिक एनीमिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर में पर्याप्त मात्रा में नई रक्त कोशिकाएं बनना बंद हो जाती हैं, जिससे थकावट होती है और संक्रमण और अनियंत्रित रक्तस्राव की संभावना बढ़ जाती है।

नई दिल्ली, विश्वास न्यूज़। अस्पताल के एक कमरे में ‘चन्ना मेरेया’ गाना गाने वाले एक लड़के का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ वायरल हो रहा है कि उसकी मौत COVID -19 से हो गयी है। विश्वास न्यूज़ के पास ये वीडियो सबसे पहले वॉट्सऐप पर आया। हमें यह वीडियो फेसबुक और ट्विटर पर भी इसी दावे के साथ मिला कि इस लड़के की मौत COVID -19 के कारण हुई है। हमारी जांच में पता चला है कि यह दावा गलत है। इस लड़के की मृत्यु COVID -19 के कारण नहीं, बल्कि एप्लास्टिक एनीमिया के कारण 8 जुलाई को हो गई थी। एप्लास्टिक एनीमिया एक ऐसी बीमारी है, जिसमें शरीर में पर्याप्त मात्रा में नई रक्त कोशिकाएं बनना बंद हो जाती हैं, जिससे थकावट होती है और संक्रमण और अनियंत्रित रक्तस्राव की संभावना बढ़ जाती है।

क्या हो रहा है वायरल?

सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि ‘चन्ना मेरेया’ हिंदी गाना गाने वाले असम के इस लड़के की इस वीडियो को रिकॉर्ड करने के बाद COVID 19 से मौत हो गयी। फेसबुक पेज ‘वॉयस ऑफ सिक्किम’ पर अपलोडेड इस वीडियो को 98,000 बार देखा गया है।

इस वीडियो के आर्काइव लिंक को यहां देखा जा सकता है।

वीडियो YouTube और स्नैप चैट जैसे कई अन्य प्लेटफार्मों पर भी गलत दावे के साथ वायरल है।

पड़ताल

जब हमने वीडियो के नीचे दिए गए डिस्क्रिप्शन के साथ इंटरनेट पर खोज की, तो हमें मीडिया द्वारा कवर की गयी इस स्टोरी के कई लिंक मिले।

हमें पता चला कि वीडियो में दिख रहे लड़के का नाम ऋषभ दत्ता, 17 वर्ष, है जो असम के तिनसुकिया जिले के काकोपोथर का निवासी था। 8 जुलाई, 2020 को उनका निधन हो गया था।

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, “असम के तिनसुकिया जिले के काकोपोथर के 17 वर्षीय ऋषभ दत्ता, अपनी संगीत प्रतिभा की बदौलत, 2019 के अंत में इंटरनेट सनसनी बन गए थे। उन्हें एप्लास्टिक एनीमिया की बीमारी थी, जिसके कारण शरीर पर्याप्त नई रक्त कोशिकाओं का उत्पादन बंद कर देता है। राज्य में और आसपास के कई लोगों ने दत्ता के इलाज के लिए धन जुटाने में योगदान दिया था। बेंगलुरु में गुरुवार को उनकी मृत्यु के बाद, उनके कई वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से फिर से साझा किए जा रहे हैं।” 11 जुलाई को प्रकाशित इस खबर में कहीं भी ऋषभ के COVID -19 पॉजिटिव होने की बात नहीं लिखी थी।

इंडिया टुडे पर भी हमें 17 वर्षीय ऋषभ दत्ता की मृत्यु की खबर मिली। मगर इस खबर में भी यही लिखा था कि उनकी मृत्यु एप्लास्टिक एनीमिया के कारण हुई थी। इस खबर में भी ऋषभ के COVID -19 पॉजिटिव होने की बात नहीं लिखी थी।

अप्लास्टिक एनीमिया एक दुर्लभ और गंभीर रक्त विकार है, जो तब होता है, जब बोन मैरो शरीर के लिए सामान्य रूप से काम करने के लिए पर्याप्त नई रक्त कोशिकाओं को नहीं बना पता।

वायरल वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि किसी भी डॉक्टर या नर्स ने पीपीई सूट नहीं पहना है। COVID -19 के मरीज़ों के पास कभी भी मेडिकल प्रोफेशनल बिना पीपीई सूट के नहीं जाते।

इसके बाद हमने बेंगलुरु के उस हॉस्पिटल से संपर्क किया, जहां ऋषभ को भर्ती कराया गया था।

नारायण हेल्थ सिटी, बेंगलुरु के मुख्य परिचालन अधिकारी (CMO) जोसेफ पसंगा ने हमें बताया, “मास्टर ऋषभ दत्ता कैंसर से जूझ रहे थे, जिसे एप्लास्टिक एनीमिया कहा जाता था और वह नवंबर, 2019 से नारायण हेल्थ सिटी में अपना इलाज करा रहे थे। 8 जुलाई, 2020 को उनकी इसी बीमारी के कारण मृत्यु हो गई। हम पूरी तरह से जांच कर चुके हैं और वह COVID 19 पॉजिटिव नहीं थे। परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना।”

स्वर्गीय ऋषभ दत्ता के भाई ने भी हमसे फ़ोन कॉल पर इस बात की पुष्टि की कि ऋषभ दत्ता COVID 19 पॉजिटिव नहीं थे। उनकी मृत्यु एप्लास्टिक एनीमिया के चलते हुई थी।

इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर The Voice of Sikkim नाम के एक फेसबुक पेज ने शेयर किया था। इस पेज के कुल 882.7K फ़ॉलोअर्स हैं।

Disclaimer: इस स्टोरी में से कुछ शब्द हटाए गए हैं। शब्दों को हटाए जाने से फैक्ट चेक या उसके निष्कर्ष पर कोई फर्क नहीं पड़ा है।

निष्कर्ष: हमारी जांच में पता चला है कि यह दावा गलत है। इस लड़के की मृत्यु COVID 19 के कारण नहीं, बल्कि ऐप्लास्टिक एनीमिया के कारण 8 जुलाई को हो गई थी। ऐप्लास्टिक एनीमिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर में पर्याप्त मात्रा में नई रक्त कोशिकाएं बनना बंद हो जाती हैं, जिससे थकावट होती है और संक्रमण और अनियंत्रित रक्तस्राव की संभावना बढ़ जाती है।

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