दूध व उस से बने प्रोडक्ट में मिलावट के कारण 2025 तक देश में 87 फीसदी कैंसर मरीज होने के बारे में डब्ल्यूएचओ ने कोई चेतावनी जारी नहीं की है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के नाम से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी जारी की है कि मिलावटी दूध के कारण 2025 तक भारत में 87 फीसदी लोग कैंसर के मरीज हो जाएंगे।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला है कि डब्ल्यूएचओ ने ऐसी कोई चेतावनी नहीं दी है। इससे पहले भी यह झूठा दावा वायरल हो चुका है, जिसका डब्ल्यूएचओ खंडन कर चुका है। हां, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कैंसर के मामलों में 2025 तक 12.7 फीसदी बढ़ोतरी का अंदेशा जताया है।
थ्रेड यूजर khanabid809070 ने 23 सितंबर को एक कथित खबर का स्क्रीनशॉट शेयर (आर्काइव लिंक) किया। इसमें लिखा है,
“दूध नहीं जहर पीता है इंडिया, उत्पादन 14 करोड़ लीटर लेकिन खपत 64 करोड़ लीटर
WHO की चेतावनी- बंद नहीं हुई मिलावट तो 87% भारतीयों को 2025 तक होगा कैंसर“
वायरल दावे की जांच के लिए हमने इसे कीवर्ड से गूगल पर सर्च किया। दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर छह साल पहले छपी खबर में लिखा है, “देश में दूध और इससे बनने वाले प्रोडक्ट में से 68.7 फीसदी मिलावटी हैं। एनीमल वेलफेयर बार्ड के सदस्य मोहन सिंह अहलूवालिया ने कहा है कि 89 फीसदी प्रोडक्ट में एक या दो तरह की मिलावट होती है।” रिपोर्ट में दावा किया गया कि डब्ल्यूएचओ ने भारत सरकार को चेतावनी दी है कि 2025 तक देश की 87 फीसदी आबादी मिलावट के कारण कैंसर का शिकार हो जाएगी।
पीआईबी की तरफ से 18 अक्टूबर 2022 को एक्स हैंडल पर पोस्ट कर इस दावे को झूठा बताया गया है। इसमें कहा गया है कि डब्ल्यूएचओ न ऐसी कोई एडवायजरी जारी नहीं की है।
डब्ल्यूएचओ ने भी इस दावे का खंडन करते हुए प्रेस नोट जारी किया गया था। इसमें कहा गया था कि संगठन ने दूध या दूध से बने प्रोडक्ट में मिलावट के मुद्दे पर भारत सरकार को कोई एडवायजरी जारी नहीं की है।
इससे पहले जब यह पोस्ट वायरल हुई थी, तब विश्वास न्यूज ने डब्ल्यूएचओ की साउथ-ईस्ट एशिया रीजन की कम्युनिकेशन ऑफिसर शमिला शर्मा से संपर्क किया था। उन्होंने इस पोस्ट को फेक बताया था।
2 मार्च 2023 को आजतक की वेबसाइट पर छपी खबर के अनुसार, आईसीएमआर ने 2025 तक कैंसर के मामलों में 12.7 फीसदी बढ़ोतरी का अंदेशा जताया है। शराब व तंबाकू का सेवन, धूम्रपान, मोटापा, जीवनशैली, प्रदूषण, खराब आहार और शारीरिक गतिविधयों में कमी आदि को इसका कारण बताया गया है।
फेक पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। वह एक विचारधारा से प्रभावित हैं।
निष्कर्ष: दूध व उस से बने प्रोडक्ट में मिलावट के कारण 2025 तक देश में 87 फीसदी कैंसर मरीज होने के बारे में डब्ल्यूएचओ ने कोई चेतावनी जारी नहीं की है।
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