COVID-19 को रोकने के लिए WHO ने लॉकडाउन बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं दिया, वायरल हो रही पोस्ट फर्जी है

कोरोना वायरस को कंट्रोल करने के लिए WHO ने लॉकडाउन बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं दिया है। वायरल पोस्ट फर्जी है।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस लॉकडाउन की अवधि को लेकर एक प्रक्रिया और प्रोटोकॉल तैयार किया है। वायरल पोस्ट के मुताबिक, COVID-19 लॉकडाउन को जून के अंत तक बढ़ाया जाएगा। इस वायरल पोस्ट में कथित प्रस्तावित लॉकडाउन की टाइमलाइन भी दी गई है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह पोस्ट फर्जी निकली है।

क्या है वायरल पोस्ट में

सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही इस पोस्ट में लिखा है, ‘सबसे खतरनाक वायरस को कंट्रोल करने का विश्व स्वास्थ्य संगठन का प्रोटोकॉल और प्रक्रिया। स्टेप 1- एक दिन, स्टेप 2- 21 दिन। पांच दिन बाद स्टेप 3- 28 दिन, पांच दिन बाद स्टेप 4- 15 दिन। हमारी भारत की सरकार ने भी ठीक ऐसा ही किया। मार्च 22- एक दिन (ट्रायल लॉकडाउन), मार्च 24-अप्रैल 14- 21 दिन (पहला लॉकडाउन), अप्रैल 15- अप्रैल 19- लॉकडाउन से राहत। अप्रैल 20- मई 18- 28 दिन (दूसरा लॉकडाउन)। अगर कोरोना संक्रमित मरीजों का रेशियो जीरो होता है तो लॉकडाउन खत्म। ऐसा नहीं होन पर, मई 19- मई 24- लॉकडाउन से राहत। मई 25-जून 10- 15 दिन (अंतिम लॉकडाउन)।’

इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि से संपर्क कर अपने पड़ताल की शुरुआत की। हमने उनसे पूछा कि क्या WHO ने ऐसा कोई प्रॉटोकॉल या प्रस्ताव जारी किया है। WHO के प्रतिनिधि ने इस मैसेज को फर्जी बताया। यानी इस मैसेज में गलत तरीके से संगठन के नाम का इस्तेमाल हुआ है।

हमें अपनी पड़ताल में WHO के साउथ-ईस्ट एशिया के ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट मिला। इस ट्वीट में लिखा है कि लॉकडाउन के लिए WHO के प्रोटोकॉल के मैसेज सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं, वे फर्जी हैं। इसमें स्पष्ट लिखा है कि WHO का लॉकडाउन को लेकर कोई प्रोटोकॉल नहीं है। WHO साउथ-ईस्ट एशिया ने वायरल दावे को खारिज किया है।

विश्वास न्यूज ने इस वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले पेज की सोशल स्कैनिंग भी की। फैक्ट चेक करने तक श्री राधा विजयते नमः फेसबुक पेज को 123,205 यूजर फॉलो करते हैं।

Disclaimer: कोरोनावायरसफैक्ट डाटाबेस रिकॉर्ड फैक्ट-चेक कोरोना वायरस संक्रमण (COVID-19) की शुरुआत से ही प्रकाशित हो रही है। कोरोना महामारी और इसके परिणाम लगातार सामने आ रहे हैं और जो डाटा शुरू में एक्यूरेट लग रहे थे, उसमें भी काफी बदलाव देखने को मिले हैं। आने वाले समय में इसमें और भी बदलाव होने का चांस है। आप उस तारीख को याद करें जब आपने फैक्ट को शेयर करने से पहले पढ़ा था।

निष्कर्ष: कोरोना वायरस को कंट्रोल करने के लिए WHO ने लॉकडाउन बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं दिया है। वायरल पोस्ट फर्जी है।

False
Symbols that define nature of fake news
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