Fact Check : फिर वायरल हुआ अदरक के जरिए कोरोना का इलाज बताने वाले शख्स का वीडियो 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो में नजर आ रहा शख्स मुंबई के मशहूर डॉक्टर जरीर उदवाडिया नहीं हैं। इतना ही नहीं, शख्स वीडियो में कोरोना से बचने के जो उपचार बता रहा है, वो भी गलत है। ऐसा करना खतरनाक साबित हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के उपाय सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। बिना डॉक्टर की सलाह के इस तरह के कोई कदम न उठाएं। अदरक के जरिए कोरोना का इलाज नहीं किया जा सकता है। 

Fact Check : फिर वायरल हुआ अदरक के जरिए कोरोना का इलाज बताने वाले शख्स का वीडियो 

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक शख्स के वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह मुंबई के डॉ. जरीर उदवाडिया हैं, जो कि कोरोना के नए वेरिएंट से बचने के उपाय बता रहे हैं। वीडियो में शख्स को कहते हुए देखा जा सकता है कि अदरक से कोरोना का इलाज संभव है। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो में किया जा रहा दावा गलत है। वीडियो में नजर आ रहा शख्स मुंबई के मशहूर डॉक्टर जरीर उदवाडिया नहीं हैं। इतना ही नहीं, शख्स वीडियो में कोरोना से बचने के जो उपचार बता रहा है, वो भी गलत है। ऐसा करना खतरनाक साबित हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के उपाय सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। बिना डॉक्टर की सलाह के इस तरह के कोई कदम न उठाएं। अदरक के जरिए कोरोना का इलाज नहीं किया जा सकता है। 

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर मनोज मेहता ने 28 दिसंबर 2023 को वायरल वीडियो को शेयर किया है। यूजर ने कैप्शन में लिखा है, “This is Dr Zarir Udwadia one of the top Chest physicians not only in Mumbai but pan India. Very simple remedy & scientifically explained for preventing viral infection including covid.* *डॉ. ज़रीर उदवाडिया न केवल मुंबई में बल्कि पूरे भारत में शीर्ष छाती चिकित्सकों में से एक हैं। कोविड सहित वायरल संक्रमण से बचाव के लिए बहुत ही सरल एवं वैज्ञानिक तरीके से बताया गया उपाय।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल वीडियो पहले भी अलग-अलग दावों के साथ वायरल हो चुका है। पहले यह वीडियो डॉ. सुशील उदवाडिया  के नाम से वायरल हुआ था। उस दौरान भी विश्वास न्यूज ने साबित किया था कि यह शख्स डॉ. सुशील उदवाडिया नहीं है। कुछ समय बाद यह वीडियो फिर अलग दावे के साथ डॉक्टर जरीर उदवाडिया के नाम से वायरल हुआ। उस दौरान भी हमने साबित किया कि यह शख्स डॉक्टर जरीर उदवाडिया नहीं है। पूरी रिपोर्ट को यहां पर पढ़ें। 

वीडियो में अदरक की मदद से कोरोना के इलाज के दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें अमेरिका की नेशनल अकेडमी ऑफ साइंस, इंजीनियरिंग और मेडिसिन की वेबसाइट पर दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट मिली। मौजूद जानकारी के अनुसार, “अदरक का सेवन – अदरक की जड़ों के रूप में, अदरक की चाय, अदरक कैप्सूल के रूप में, अदरक को सूंघकर या भोजन में अदरक पाउडर मिलाकर खाना। ऐसा करना कोरोना वायरस के संक्रमण को रोक नहीं सकता है और न ही कोरोना से लड़ पाएगा। वायरल संक्रमण आपके शरीर में तब फैलता है जब वायरस आपकी कोशिकाओं में प्रवेश करता है और अपनी प्रतियां बनाता है और फिर वे प्रतियां नई कोशिकाओं में प्रवेश करती हैं और प्रक्रिया को दोहराती हैं। अदरक आपके शरीर में वायरस को नष्ट नहीं करेगा या प्रतिलिपि बनाने की प्रक्रिया को नहीं रोकेगा।”

पड़ताल के दौरान हमें दावे से जुड़ी कई न्यूज रिपोर्ट्स मिली। इन रिपोर्ट्स में बताया गया है कि भारत सरकार ने इस तरह के दावों का खंडन किया है। सरकार ने ऐसे उपायों को खतरनाक और जानलेवा बताया है। सरकार ने लोगों से सावधानी बरतने के लिए कहा है। सरकार का कहना है कि काली मिर्च, शहद और अदरक के जरिए या फिर इस तरह की चीजों से कोरोना का इलाज नहीं किया जा सकता है। 

अधिक जानकारी के लिए हमने एम्स के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. निश्चल से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, वायरल दावा गलत है। कोरोना के फिर से मामले सामने आने के बाद भ्रम फैलाने वाले वीडियो एक बार फिर से वायरल होने लगे हैं। इस तरह के किसी भी वीडियो पर भरोसा न करें। अगर आपको कोई संक्रमण नजर आते हैं, तो आप अपनी नजदीकी अस्पताल में जाकर चेकअप करवाएं और डॉक्टर से सलाह लें। इस तरह से किसी कदम को उठाना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। 

जब पहले यह दावा वायरल हुआ था। उस समय विश्वास न्यूज ने डॉ. राजीव जयदेवन से बातचीत की थी। उन्होंने हमें बताया था, आजकल लोग शॉर्टकट लेना पसंद करते हैं, फिर चाहे वह स्वास्थ्य में सुधार करने लिए हो या पैसा कमाने लिए, उन्हें शॉर्टकट ही चाहिए। इसलिए वो बिना सोचे-समझे किसी पर भी विश्वास कर लेते हैं, जो कि खतरनाक है। अगर कोई शख्स ये प्रयोग करने की कोशिश करता है, तो वो उसके लिए खतरनाक हो सकता है। श्वसन पथ का सतह काफी बड़ा होता है, वायरस हवा में मिक्स होकर शरीर में आसानी से जा सकता है। ऐसे में  इतने बड़े क्षेत्र को पाउडर के साथ कवर करना असंभव है, बल्कि ऐसा करने से कई अन्य बीमारियां हो सकती हैं। हमारी श्वास नली काफी नाजुक होती है, ऐसा करने से वो डैमेज हो सकती है। साथ ही पाउडर फेफड़ों के वायु थैली में फंस सकता है। ये प्रयोग करना कई तरीकों से खतरनाक है। ऐसी कोई रिसर्च रिपोर्ट या वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है, जो ये कहता हो कि ये प्रयोग कोरोना से बचाव में कारगर है।

विश्वास न्यूज ने इस संबंध में आरएमएल में काम करने वाले डॉ. गौतम शर्मा से संपर्क किया था। उन्होंने भी दावे का खंडन करते हुए इसे गलत बताया था। 

अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर के 1,731 मित्र हैं और यूजर ने प्रोफाइल पर खुद को आगरा का रहने वाला बताया हुआ है। 

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो में नजर आ रहा शख्स मुंबई के मशहूर डॉक्टर जरीर उदवाडिया नहीं हैं। इतना ही नहीं, शख्स वीडियो में कोरोना से बचने के जो उपचार बता रहा है, वो भी गलत है। ऐसा करना खतरनाक साबित हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के उपाय सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। बिना डॉक्टर की सलाह के इस तरह के कोई कदम न उठाएं। अदरक के जरिए कोरोना का इलाज नहीं किया जा सकता है। 

False
Symbols that define nature of fake news
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