नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इस पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि I-Pill और ‘अनवॉन्टेड 72’ में आर्सेनिक होता है। पोस्ट में आगे कहा गया है कि गर्भनिरोधक गोलियों में मौजूद आर्सेनिक 72 घंटों के भीतर ही फर्टिलिटी सिस्टम (प्रजनन सिस्टम) को बर्बाद कर देता है और इन गोलियों से कैंसर भी हो सकता है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में इस वायरल पोस्ट का दावा भ्रामक निकला है।
फेसबुक पर शेयर की गई इस पोस्ट में दावा किया गया है कि गर्भनिरोधक गोलियों में आर्सेनिक होता है और ये 72 घंटों के भीतर फर्टिलिटी सिस्टम को बर्बाद कर देती हैं। इसमें आगे कहा गया है कि गर्भनिरोधक गोलियों से कैंसर भी हो सकता है। इस पोस्ट को फेसबुक पर Girl’s Safety नाम के पेज से शेयर किया गया है। हमारी पड़ताल तक इस पोस्ट पर 93 रिएक्शन, 18 कमेंट्स आ चुके थे और इसे 17 बार शेयर किया जा चुका था।
विश्वास न्यूज ने इस पोस्ट में दिखाई जा रही दवा की जांच से अपनी पड़ताल शुरू की। i-pill दवा के कवर के मुताबिक, इसमें लिवोनोजेस्ट्रेल (Levonorgestrel) नाम का कम्पोनेंट है। यही कम्पोनेंट ‘अनवॉन्टेड 72’ के कवर पर भी देखा जा सकता है।
‘लिवोनोजेस्ट्रेल’ कीवर्ड को गूगल पर सर्च करने के दौरान हम यूएस नेशनल काउंसिल ऑफ मेडिसिन के नेशनल सेंटर ऑफ बायोटेक्नोलॉजी मेडिसिन की आधिकारिक वेबसाइट पर पहुंचे। वहां हमें मिला, ‘लिवोनोजेस्ट्रेल, जिसे मॉर्निंग-आफ्टर पिल के नाम से भी जाना जाता है, फर्स्ट लाइन ओरल इमरजेंसी गर्भनिरोधक गोली है। इसे वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की तरफ से प्रेग्नेंसी रोकने के लिए अनुमति मिली हुई। असुरक्षित यौन संबंध के 72 घंटे के भीतर या गर्भनिरोधक की विफलता के दौरान इसके इस्तेमाल को एफडीए की अनुमति मिली हुई है।’
विश्वास न्यूज ने वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की आधिकारिक वेबसाइट पर भी पड़ताल की। हमने पाया कि WHO की अनुशंसा के तहत इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल रेजिमेन में उलिप्रिस्टल एसीटेट (ulipristal acetate), लिवोनोजेस्ट्रेल, या एथिनिल एस्ट्राडियोल प्लस लिवोनोजेस्ट्रेल से बनने वाले कम्बाइंड ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव्स (COCs) शामिल हैं।
हमने इस बारे में भी सर्च किया कि क्या गर्भनिरोधक गोलियों में आर्सेनिक पाया जाता है? हमें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं मिली।
हमें WHO की आधिकारिक वेबसाइट पर भी ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली जो यह बताती हो कि गर्भनिरोधक दवाओं में आर्सेनिक होता है।
विश्वास न्यूज ने गायनोलॉजिस्ट डॉ. अनुराधा शर्मा से भी बात की। उनके मुताबिक, ‘गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल लगातार नहीं करना चाहिए। अगर कभी-कभी इसका इस्तेमाल हो तो कोई समस्या नहीं है। किसी को इनकी आदत नहीं डालनी चाहिए। इनसे कैंसर नहीं होता, लेकिन इनका इस्तेमाल हमेशा मेडिकल सुपरविजन में ही किया जाना चाहिए।’
हमने इस संबंध में इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. मनीष सिंघल से भी बात की। उन्होंने कहा, ‘लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल नुकसानदायक हो सकता है, लेकिन कभी-कभी लेने पर समस्या नहीं होती। इनमें आर्सेनिक नहीं पाया जाता है।’
विश्वास न्यूज की पड़ताल में सामने आया कि गर्भनिरोधक गोलियों में आर्सेनिक नहीं होता। साथ ही, ये 72 घंटों के भीतर फर्टिलिटी सिस्टम को भी बर्बाद नहीं करतीं। हालांकि, डॉक्टरों ने यह जरूर कहा कि लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोलियों के इस्तेमाल से बचना चाहिए।
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