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Fact Check: ऑक्सीजन लेवल मेंटेन करने के लिए होम्योपैथिक दवा ASPIDOSPERMA Q के बारे में वायरल पोस्ट है भ्रामक

हमारी पड़ताल में यह साफ हुआ कि होम्योपैथिक दवा ASPIDOSPERMA Q ऑक्सीजन का विकल्प नहीं है, लिहाजा कोरोना पेशेंट इस दवा को लेने से पहले डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें।

  • By: Amanpreet Kaur
  • Published: May 3, 2021 at 06:14 PM
  • Updated: May 4, 2021 at 12:25 PM

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। देशभर में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की किल्लत देखने को मिल रही है। इसी बीच सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल हो रही है। इस पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि होम्योपैथिक दवा ASPIDOSPERMA Q 20 बूंदें एक कप पानी में लेने से ऑक्सीजन लेवल तुरंत मेंटेन हो जाएगा। विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा भ्रामक है।

दरअसल ASPIDOSPERMA Q होम्योपैथिक दवा अस्थमा रोगी को दी जाती है। यह दवा मरीज के लक्षणों को देख कर दी जाती है, लेकिन वायरल पोस्ट का यह दावा भ्रामक है कि इस दवा को लेते ही तुरंत ऑक्सीजन लेवल मेंटेन हो जाएगा। यह दवा ऑक्सीजन सिलेंडर का विकल्प नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

ट्विटर यूजर Sardar Vallabhbhai Patel Foundation – SVPF.India ने यह पोस्ट शेयर किया है, जिसमें दवा की बोतल की तस्वीर के साथ टेक्स्ट लिखा गया है: ऑक्सीजन लेवल गिर रहा है तो ऑक्सीजन मिलने का इंतजार मत करके ASPIDOSPERMA Q 20 बूंद एक कप पानी में देने से ऑक्सीजन लेवल तुरंत मेंटेन हो जाएगा, जो हमेशा बना रहेगा। ये Homeopathic medicine है। Oxygen ढूंढने में समय बर्बाद ना करें।

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट में किए गए दावे की पड़ताल के लिए सबसे पहले इंटरनेट पर ASPIDOSPERMA Q के बारे में सर्च किया। हमें हेल्थ डेस्क पर एक आर्टिकल मिला, जिसके अनुसार एस्पिडोस्पर्मा एक फूलदार पौधा है और यह साउथ अमेरिका, सेंट्रल अमेरिका, सदर्न मैक्सिको और वेस्ट इंडीज में पाया जाता है। इस पौधे की छाल व पत्तियों का इस्तेमाल होम्योपैथिक दवाइयों में किया जाता है। हालांकि, इस बात के पर्याप्त सबूत नहीं कि एस्पिडोस्पर्मा क्यू ऑक्सीजन लेवल सुधारने में लाभकारी है।

इस संबंध में भारतीय होम्योपैथी मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर भास्कर भट्ट का कहना है कि होम्योपैथी की दवाइयां मरीज के लक्षण देख कर दी जाए तो यह मरीज को रिकवर करने में मदद करती हैं। अगर मरीज की परेशानी व लक्षण देख कर लगता है कि उसे एस्पिडोस्पर्मा दी जानी चाहिए तो हो सकता है कि उसे इससे लाभ हो। एस्पिडोस्पर्मा जैसी ही करीब 20 दवाइयां हैं, जिससे ब्रॉन्कियल अस्थमा, कार्डिक अस्थमा और ऑक्सीजन रिडक्शन के मरीजों की मदद की जाती है, लेकिन इनमें से कोई भी दवाई ऑक्सीजन का विकल्प नहीं हो सकती। इन दवाइयों से लंग्स की कैपेसिटी को बढ़ाया व सुधारा जा सकता है, लेकिन अगर ऑक्सीजन की कमी है तो ऑक्सीजन ही दी जानी चाहिए।

हमने दिल्ली बेस्ड होम्योपैथिक डॉक्टर संजीव कोहली से भी संपर्क किया। उन्होंने भी हमें बताया कि वायरल पोस्ट में जिस दवा का जिक्र किया जा रहा है वह दवा अस्थमा पेशेंट्स को दी जाती है। बेशक यह कोई जादू की छड़ी नहीं है कि यह दवा देते ही ऑक्सीजन लेवल तुरंत ठीक हो जाएगा। कोविड के मरीज जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत है उन्हें ऑक्सीजन ही दी जानी चाहिए। यह दवा उसका विकल्प नहीं है। सलाह यही है कि होम्योपैथी की कोई भी दवा बिना डॉक्टर की सलाह के न लें। डॉ. कोहली ने हमें यह भी बताया कि उन्होंने अभी तक किसी कोविड पेशेंट को ASPIDOSPERMA Q सजेस्ट नहीं की है।

हमें आयुष मंत्रालय का एक ट्वीट भी मिला, जिसमें यह साफ किया गया है कि ASPIDOSPERMA Q दवा को लेकर वायरल हो रहा दावा भ्रामक है।

हमें सेंट्रल काउंसिल फॉर रीसर्च इन होम्योपैथी (CCRH) की ओर जारी गाइडलाइंस भी मिलीं, जिसमें यह साफ किया गया है कि कोरोना मरीज बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी होम्योपैथिक दवा का सेवन न करें।

अब बारी थी फेसबुक पर पोस्ट को साझा करने वाले यूजर Sardar Vallabhbhai Patel Foundation – SVPF.India की प्रोफाइल को स्कैन करने का। प्रोफाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि खबर लिखे जाने तक यूजर के 897 फॉलोअर्स थे।

(यह स्टोरी एकता कंसोर्टियम के तहत पब्लिश की गई है, जिसमें देश के चुनिंदा आईएफसीएन सर्टिफाइड फैक्ट चेकिंग ऑर्गेनाइजेशंस एक साथ मिल कर मिसइन्फॉर्मेशन के खिलाफ लड़ रहे हैं।)

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में यह साफ हुआ कि होम्योपैथिक दवा ASPIDOSPERMA Q ऑक्सीजन का विकल्प नहीं है, लिहाजा कोरोना पेशेंट इस दवा को लेने से पहले डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें।

  • Claim Review : ऑक्सीजन लेवल गिर रहा है तो ASPIDOSPERMA Q 20 बूंद एक कप पानी में देने से ऑक्सीजन लेवल तुरंत मेंटेन हो जाएगा, जो हमेशा बना रहेगा।
  • Claimed By : Twitter User: Sardar Vallabhbhai Patel Foundation - SVPF.India
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