Fact Check: यह वीडियो वैष्णो देवी का नहीं, उत्तराखंड के मसूरी का है

विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वीडियो वैष्णो देवी का नहीं है, उत्तराखंड के मसूरी का है। वीडियो का वैष्णो देवी जाने वाले रास्ते से कोई संबंध नहीं है।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन के कारण कितनी जगहों पर देखा जा रहा है कि जंगली जानवर जंगलों से निकल कर बाहर आ रहे हैं। इस सब के बीच में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमे एक शेर को सुनसान रास्ते पर गुजरता देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो वैष्णो देवी का है, जहां यह शेर वैष्णो देवी माता के मंदिर के रास्ते पर घूम रहा है। विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वीडियो वैष्णो देवी का नहीं है, उत्तराखंड के मसूरी का है। वीडियो का वैष्णो देवी जाने वाले रास्ते से कोई संबंध नहीं है।

क्या हो रहा है वायरल?

मीडिया हाउस जगबानी ने एक वीडियो को अपलोड किया, जिसमें एक शेर को सुनसान रास्ते पर गुजरता देखा जा सकता है| वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखा है: “सूना नहीं है माँ का दरबार, भक्त नहीं तो शेर ही सही #Lion #MataVaishnoDevi”

वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड लिंक

पड़ताल

पड़ताल की शुरुआत करते हुए हमने सबसे पहले इस पोस्ट को ध्यान से देखा। पोस्ट में कई यूज़र ने कमेंट किया हुआ था कि यह वीडियो वैष्णो देवी का नहीं है, बल्कि उत्तराखंड के मसूरी का है।

वीडियो को ध्यान से देखा जाए तो जिस सड़क पर शेर घूम रहा है, वहां एक रोड साइन लगा हुआ है, जो अक्सर स्कूलों के सामने देखा जाता है।


SCHOOL AHEAD SIGN

अब हमने कीवर्ड सर्च का सहारा लिया और हमें “Pallavi Sareen” नाम के फेसबुक यूज़र का 15 अप्रैल को अपलोड किया गया एक पोस्ट मिला, जिसमें उसने इस वीडियो को लेकर लिखा था कि यह वीडियो वैष्णो देवी का नहीं, बल्कि उत्तराखंड के मसूरी का है। इस पोस्ट में हिंदुस्तान की खबर का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया गया था। अब हमने हिंदुस्तान की खबर को ढूंढा। Hindustan Live ने 13 अप्रैल 2020 को इस वीडियो को लेकर खबर अपलोड किया था। खबर की हेडलाइन थी: “लॉकडाउन के बीच मसूरी की सड़कों पर घूमता दिखाई दिया बाघ,देखें VIDEO”

खबर के अनुसार: मसूरी के वुडस्टॉक स्कूल बाईपास पर गत रात्रि बाघ दिखाई देने से क्षेत्र में हड़कंप का माहौल बना है। चल रहे लॉकडाउन के कारण लोगों के घरों में रहने और सन्नाटा पसरने से जंगली जानवर जंगलों से निकलकर शहर का रुख करने लगे है। हालांकि, बाघ ने किसी को कोई नुकसान नही पहुंचाया।

मतलब यह बात साफ़ हो रही थी कि यह वीडियो वैष्णो देवी का नहीं है। अब हमने इस वीडियो को लेकर हमारे दैनिक जागरण के उत्तराखंड इंचार्ज देवेंद्र सती से सम्पर्क किया। देवेंद्र ने विश्वास टीम को बताया, “यह वीडियो देहरादून जिले के मसूरी इलाके में वुड स्टॉक स्कूल के नजदीक का है। वन रेंजर बीएस रावत ने इसकी पुष्टि की। इसमें दिखाई पड रहा जानवर बाघ नहीं, बल्कि गुलदार है। जो वीडियो वायरल हो रहा है वह डब है।” देवेंद्र ने हमारे साथ पूरा CCTV फुटेज भी शेयर किया है।

इस वीडियो को कई और यूज़र की तरह जगबानी ने भी शेयर किया है। जगबानी एक मीडिया हाउस है जो देश-विदेश की खबरों को कवर करता है।

Disclaimer: विश्वास न्यूज की कोरोना वायरस (COVID-19) से जुड़ी फैक्ट चेक स्टोरी को पढ़ते या उसे शेयर करते वक्त आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि जिन आंकड़ों या रिसर्च संबंधी डेटा का इस्तेमाल किया गया है, वह परिवर्तनीय है। परिवर्तनीय इसलिए क्योंकि इस महामारी से जुड़े आंकड़ें (संक्रमित और ठीक होने वाले मरीजों की संख्या, इससे होने वाली मौतों की संख्या ) में लगातार बदलाव हो रहा है। इसके साथ ही इस बीमारी का वैक्सीन खोजे जाने की दिशा में चल रहे रिसर्च के ठोस परिणाम आने बाकी हैं, और इस वजह से इलाज और बचाव को लेकर उपलब्ध आंकड़ों में भी बदलाव हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि स्टोरी में इस्तेमाल किए गए डेटा को उसकी तारीख के संदर्भ में देखा जाए।

निष्कर्ष: विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वीडियो वैष्णो देवी का नहीं है, उत्तराखंड के मसूरी का है। वीडियो का वैष्णो देवी जाने वाले रास्ते से कोई संबंध नहीं है।

False
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