हमारी पड़ताल में यह साफ हुआ कि वायरल तस्वीर गुजरात की नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की है और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तस्वीर में दिख रहे लोग टाइफाइड का इलाज करवाने पहुंचे थे।
नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें जमीन पर दो कतारों में कुछ मरीज लेटे नजर आ रहे हैं, जबकि एक मरीज चारपाई पर दिख रहा है और उन्हें स्लाइन चढ़ाई जा रही है। दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर गुजरात के तापी जिले की है, जहां कोरोना मरीजों का इलाज तंबुओं में किया जा रहा है। विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा गलत है।
दरअसल वायरल तस्वीर गुजरात की नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले के एक गांव की है। यहां एक प्राइवेट क्लीनिक में इलाज करवाने आए लोगों को इस तरह टेंट लगाकर स्लाइन चढ़ाया जा रहा था।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक यूजर Arshi Raza ने यह पोस्ट शेयर करते हुए लिखा: स्वास्थ्य सेवा का गुजरात मॉडल! देश इसी धोके मे बर्बाद हो रहा है यह सब नटवर लाल के बाप है संघि,, तस्वीर तापी जिले की, जहां कोरोना मरीज़ों का इलाज तंबुओं में हो रहा है। दिन रात चिताए जल रही है
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने वायरल तस्वीर की पड़ताल करने के लिए सबसे पहले इसे गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से ढूंढा। हमें एक यूजर का ट्वीट मिला, जिसमें उसके इस पोस्ट के दावे को गलत बताया था और नवापुर एक्सप्रेस नाम के एक चैनल के न्यूज बुलेटिन के स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए लिखा था कि यह तस्वीर महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले की है।
यूजर के स्क्रीनशॉट में दिए गए नंबर पर जब हमने संपर्क किया तो हमारी बात नवापुर एक्सप्रेस के एडिटर सुधीर निकम से हुई, जिन्होंने बताया कि उनकी टीम के रिपोर्टर, निलेश पाटिल ने यह न्यूज कवर की थी। इसके बाद हमने निलेश से संपर्क किया, जिन्होंने हमें विस्तार में बताया कि यह घटना नंदुरबार जिले के शिवपुर गांव की है, जहां लोग टाइफाइड के इलाज के लिए डॉ. नीलेश वलवी के निजी क्लीनिक पहुंच रहे थे। हालांकि, जब यह मामला जिला कलेक्टर के सामने आया तो उन्होंने तुरंत इन मरीजों को अस्पताल शिफ्ट कर टेंट को खाली करवाया।
रिपोर्टर निलेश ने हमारे से दैनिक भास्कर में छपी वायरल तस्वीर और इससे जुड़ी रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट भी साझा किया।
ज्यादा जानकारी के लिए हमने नंदुरबार के डिस्ट्रिक्ट इन्फॉर्मेशन ऑफिसर डॉ. किरण मोगे से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि यह घटना 19 अप्रैल के आस-पास की है, जब नंदुरबार के शिवपुर गांव में लोगों का टेंट में ही इलाज करने की बात सामने आई थी। डॉ. मोगे ने कहा कि वहां मौजूद लोग टायफाइड का इलाज करवा रहे थे। हालांकि, इनमें से किसी का भी कोरोना टेस्ट तब तक नहीं किया गया था। वायरल पोस्ट में किया गया दावा गलत है। यह घटना गुजरात की नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की है। नंदुरबार से तापी की दूरी बहुत ज्यादा नहीं है और इलाज करने वाले डॉक्टर के अनुसार, उसके पास कुछ मरीज तापी जिले से भी आए थे, लेकिन यह घटना महाराष्ट्र की ही है।
हालांकि, देश के अन्य राज्यों की ही तरह गुजरात में भी अस्पतालों में बेड व ऑक्सीजन की कमी है, कोरोना के चलते लोग बेहाल हो रहे हैं। वहीं, महाराष्ट्र में भी स्थिति ज्यादा अलग नहीं है।
अब बारी थी फेसबुक पर पोस्ट को साझा करने वाली यूजर Arshi Raza की प्रोफाइल को स्कैन करने का। प्रोफाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि यूजर उत्तर प्रदेश के लखनऊ की रहने वाली है।
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में यह साफ हुआ कि वायरल तस्वीर गुजरात की नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की है और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तस्वीर में दिख रहे लोग टाइफाइड का इलाज करवाने पहुंचे थे।
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