Fact Check: पीएम मोदी की तस्वीर वाला यह डॉक्युमेंट कोरोना वैक्सीन लेने का सर्टिफिकेट है

विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। वायरल पोस्ट में दिख रहा डॉक्युमेंट कोरोना वैक्सीन का सर्टिफिकेट है, डेथ सर्टिफिकेट नहीं।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसके जरिए दावा किया जा रहा है कि डेथ सर्टिफिकेट के ऊपर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर छापी जा रही है। विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। वायरल पोस्ट में दिख रहा डॉक्युमेंट कोरोना वैक्सीन का सर्टिफिकेट है, डेथ सर्टिफिकेट नहीं।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Anil Singh ने यह पोस्ट शेयर करते हुए कैप्शन लिखा, “बस अब यही देखना रह गया था मृत्यु प्रमाण पत्र पर भी अपना फोटो लगा दिया।”

India Resists नाम के ट्विटर यूजर ने भी इस पोस्ट को गलत दावे के साथ शेयर करते हुए लिखा, “Online death certificate now comes with Modi’s picture! #MautKaSaudagar”

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने वायरल दावे की पड़ताल करने के लिए सबसे पहले  इस तस्वीर को गूगल इमेज पर सर्च किया। हमें यह तस्वीर ‘इंडिया टाइम्स’ की एक रिपोर्ट में मिली। खबर के अनुसार, यह कोरोना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट है। खबर में लिखा था, “अनुवादित:COVID-19  के कारण भारत भर में बढ़ती मौत के आंकड़ों के बीच, महाराष्ट्र के मंत्री और NCP नेता नवाब मलिक ने शनिवार को कहा कि यदि टीकाकरण प्रमाण पत्र पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो लगाई जा रही हैं, तो COVID के मृत्यु प्रमाण पत्र में भी उनकी तस्वीर होनी चाहिए। यदि प्रधानमंत्री टीकाकरण का श्रेय लेना चाहते हैं, तो उन्हें COVID से हुई मौतों की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।”

इस खबर में इस्तेमाल तस्वीर ज़्यादा साफ़ है। यहाँ साफ़ देखा जा सकता है कि सर्टिफिकेट के ऊपर “Provisional Certificate For Covid 19 Vaccination (1st dose)” लिखा है।

आपको बता दें कि चुनावों के बीच तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के ऊपर पीएम मोदी की फोटो होने पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद चुनाव आयोग ने निर्देश दिया था कि पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल में कोरोना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर पीएम की फोटो का इस्तेमाल नहीं किया जायेगा।

इस विषय में ज़्यादा पुष्टि के लिए हमने दिल्ली के महिपालपुर डिस्पेंसरी के कोविड इंचार्ज डॉ जसबीर सिंह और मेहरौली डिस्पेंसरी की कोविड इंचार्ज डॉ शकुंतला बर्मन से संपर्क साधा। हमने दोनों के साथ यह वायरल तस्वीर साझा की। दोनों ने कन्फर्म किया कि यह डॉक्युमेंट कोरोना वैक्सीन का सर्टिफिकेट है।

आपको बता दें कि किसी भी व्यक्ति की मृत्यु को रजिस्टर करना अनिवार्य होता है, जिसके बाद नगरपालिका द्वारा डेथ सर्टिफिकेट इशू किया जाता है। अलग अलग राज्यों में इस सर्टिफिकेट का फॉण्ट और स्क्रिप्ट थोड़ा बोहोत अलग अलग होता है, पर मोटे तौर पर इसका कंटेंट एक जैसा ही होता है। हमने इंटरनेट पर डेथ सर्टिफिकेट कीवर्ड के साथ खोजा तो हमें कई डेथ सर्टिफिकेट के उदाहरण मिले मगर किसी में भी कोई तस्वीर नहीं दिखी।

अब बारी थी फेसबुक पर इस पोस्ट को साझा करने वाले यूजर Anil Singh के प्रोफाइल को स्कैन करने का। प्रोफाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि यूजर वाराणसी का रहने वाला है। यूजर के फेसबुक पर 1,299 फ्रेंड्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। वायरल पोस्ट में दिख रहा डॉक्युमेंट कोरोना वैक्सीन का सर्टिफिकेट है, डेथ सर्टिफिकेट नहीं।

False
Symbols that define nature of fake news
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