नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया गया है कि 1 लीटर पानी में हल्दी, लौंग, नींबू और अदरक को उबाल कर बने काढ़ा को पीने से 24 घंटे के अंदर कोरोना वायरस ठीक हो सकता है। Vishvas News ने इसकी पड़ताल की और पाया कि यह वायरल दावा झूठा है। इस काढ़े का इस्तेमाल इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर किया जा सकता है, यह COVID-19 का इलाज नहीं है।
अरुणाचलम अलगप्पन नाम के एक यूजर ने फेसबुक पर तमिल में एक पोस्ट शेयर की, जिसका अंग्रेज़ी अनुवाद है- “कोरोना सिरप “रोकथाम इलाज से बेहतर है” सिरप बनाने के लिए हल्दी -1 चम्मच, लौंग -2, नींबू छिलके के साथ-1, बिना छिलके वाली अदरक को एक लीटर पानी में तब तक उबालें जब तक कि वह 1/2 न हो जाए। नोट: एलोपैथी डॉक्टर का सुझाव जो 24 घंटे के भीतर कोरोना वायरस से ठीक हो गया है।”
पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।
वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि एक एलोपैथी डॉक्टर ने पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के एक संक्रमित मरीज का इस काढ़े से इलाज किया है। Vishvas News को ऐसा कोई भी डॉक्टर नहीं मिला, जिसने ऐसा कोई दावा किया हो।
मिनिस्ट्री ऑफ आयुष के आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. विमल एन. के मुताबिक, “इन सामान्य घरेलू उपचारों से इम्यूनिटी बूस्ट की जा सकती है। यह इलाज नहीं है।”
एलोपैथी डॉक्टर और जनरल फिजिशयन डॉ. मधुसुधन अग्रवाल के मुताबिक, “यह कोरोना वायरस का इलाज नहीं है। इसे इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।”
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ रिसर्च इन फार्मास्युटिकल साइंसेज की एक रिपोर्ट, जिसका टाइटल पोषण और कोरोना वायरस है के अनुसार, महामारी में अपनी डाइट को प्लान करें, बहुत सारे पारंपरिक खाद्य पदार्थ ऐसे हैं जो कुछ एंटीवायरल गुणों के अतिरिक्त लाभ के साथ इम्यूनिटी को बढ़ा सकते हैं। हल्दी के औषधीय गुणों के बारे में सदियों से पता है, फिर भी मैकेनिज्म के सटीक एक्शन को जानने के लिए और बायोएक्टिव घटकों को निर्धारित करने की क्षमता अभी भी पूरी तरह से समझ में नहीं आई है।
यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में अदरक के गुण प्रसिद्ध हैं। यह इम्यूनोन्यूट्रिशन और एंटी-इंफ्लेमेट्री प्रक्रियाओं के जरिए बीमारियों का इलाज कर सकता है। हालांकि, इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि यह कोरोना वायरस को ठीक करता है।
यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ में प्रकाशित एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, लौंग में एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं, लेकिन यह साबित करने के लिए कोई प्रमाण नहीं है कि यह कोरोना वायरस को ठीक कर सकता है।
इसी तरह, विटामिन-सी के स्रोत के रूप में नींबू को इम्यूनिटी बढ़ाने वाला बताया गया है।
अप्रैल 2020 में, तमिलनाडु सरकार ने, इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए कश्यम की सिफारिश की थी। इसके अनुसार, कुछ जड़ी-बूटियों से बने काढ़े को लोगों को इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर दिया जाएगा। COVID-19 के लिए आयुष मंत्रालय के साथ Aarokyam नामक एक कार्यक्रम शुरू किया गया था, जिसमें इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए काढ़ों की सिफारिश की गई थी।
आयुष मंत्रालय ने भी ट्वीट करते हुए कहा कि Aarokyam में आयुष उपचार शामिल हैं, जो लोगों में इम्यूनिटी क्षमता बढ़ाने और गतिरोध बढ़ाने में मदद करता है। यह कहीं नहीं कहा गया था कि यह कोरोना वायरस का इलाज है।
पोस्ट को फेसबुक पर अरुणाचलम अलगप्पन नाम के यूजर ने शेयर किया है। जब Vishvas News ने यूजर की के प्रोफाइल को स्कैन किया तो हमने पाया कि यूजर चेन्नई का रहने वाला है।
जैसा कि वायरल पोस्ट में दावा किया गया है 1 लीटर पानी में हल्दी, लौंग, नींबू और अदरक के साथ उबला हुआ काढ़ा कोरोना वायरस के लिए इलाज नहीं है। हालांकि, यह इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर काम कर सकता है।
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