विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में ये दावा गलत साबित हुआ है। नानावती अस्पताल और डॉक्टर लिमये की तरफ से ऐसे कोई सुझाव जारी नहीं किए गए हैं। फर्जी दावा वायरल हो रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। देश में ओमिक्रोन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसी के साथ ही एक बार फिर घरेलू उपायों का सुझाव तेजी से बढ़ने लगा है। सोशल मीडिया पर इन दिनों एक पर्चे की तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। पर्चे पर कोरोना से बचने और घर पर इलाज करने के तरीकों के बारे में बताया गया है। इस पर्चे को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि कोरोना से बचने के लिए ये सारे सुझाव नानावती अस्पताल के डॉक्टर लिमये ने दिए हैं। विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में ये दावा गलत साबित हुआ है। नानावती अस्पताल और डॉक्टर लिमये की तरफ से ऐसा कोई सुझाव जारी नहीं किया गया है। फर्जी दावा वायरल हो रहा है।
फेसबुक यूजर Vikas Kumar ने जो वायरल पर्चा शेयर किया है उस पर लिखा है कि –
1.विटामिन-सी के लिए, आधे नींबू के साथ गर्म पानी थोड़ी देर के बाद दिया जाता है।
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ा एक ट्वीट मिला। ट्वीट में यूजर ने वायरल पर्चे को शेयर करते हुए अस्पताल से पूछा है कि क्या यह सलाह आपके डॉक्टर्स द्वारा दी गई है। जिस पर नानावती के आधिकारिक ट्विटर हैंडल द्वारा रिप्लाई करते हुए इसे फर्जी बताया है। ट्वीट में लिखा गया है कि विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ संक्रमण और बीमारियों के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। लेकिन COVID-19 संक्रमण के इलाज के लिए नानावती अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा ये सुझाव नहीं दिए गए हैं। वायरल दावा गलत है। इस तरह के किसी भी उपचार प्रोटोकॉल का पालन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
अधिक जानकारी के लिए हमने दैनिक जागरण के पत्रकार रुपेश कुमार की सहायता से नानावती के अस्पताल के पीआरओ यस पंडित से संपर्क किया। हमने वायरल दावे को वॉट्सऐप के जरिए उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। यह तकरीबन एक साल से वायरल है, हमने इसे लेकर एडवाइजरी भी जारी की थी। हमने लोगों से अपील की थी कि गलत दावे को वायरल न करें। COVID-19 संक्रमण के इलाज के लिए नानावती अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा ये सुझाव नहीं दिए गए हैं।
पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Vikas Kumar की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि यूजर ने अपनी कोई भी जानकारी साझा नहीं की हुई है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में ये दावा गलत साबित हुआ है। नानावती अस्पताल और डॉक्टर लिमये की तरफ से ऐसे कोई सुझाव जारी नहीं किए गए हैं। फर्जी दावा वायरल हो रहा है।
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