हमारी पड़ताल में यह साफ हुआ कि रेमडेसिविर प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों पर उपलब्ध नहीं है। वहीं यह इंजेक्शन भारत में सात फार्मास्युटिकल कंपनियां बना रही हैं जिनमें से केवल दो ने दाम कम किए हैं जिसके चलते यह 899 रुपए से 5000 रुपए तक में उपलब्ध है।
नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है जिसके जरिए दावा किया जा रहा है कि कोरोनावायरस के इलाज में इस्तेमाल होने वाला रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों पर उपलब्ध है। मेडिकल स्टोर्स पर यह 4000 रुपए का बिक रहा है, लेकिन आप इसे 899 रुपए में खरीद सकते हैं। इसके लिए पेशेंट का आधार कार्ड, कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट, डॉक्टर का ओरिजनल प्रिस्क्रिप्शन और इंजेक्शन खरीदने जाने वाले व्यक्ति का आधार कार्ड दिखाना होगा। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में वायरल पोस्ट में किए गए दावे को भ्रामक पाया।
दरअसल रेमडेसिविर प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों पर उपलब्ध नहीं है, वहीं पोस्ट में इस इंजेक्शन के दाम को लेकर किया गया दावा भी भ्रामक है क्योंकि भारत में इस इंजेक्शन को सात फार्मास्युटिकल कंपनियां मैन्युफेक्चर कर रही हैं, जिनमें से केवल एक कंपनी ने दाम घटन कर 899 रुपए किया है, जबकि डॉ रेड्डीज ने 50 प्रतिशत तक दाम कम किए हैं, बाकी पांच कंपनियों ने खबर लिखे जाने तक इस इंजेक्शन के दाम कम नहीं किए थे।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक यूजर Shahin Patel ने यह पोस्ट शेयर करते हुए अंग्रेजी में कैप्शन लिखा जिसका हिंदी अनुवाद है: जिसे भी रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत हो वह मेडिकल शॉप से 4000 रुपए में लेने की बजाए इसे 899 रुपए में पा सकता है। आप इसे सीधे प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र से खरीद सकते हैं। यह केंद्र करीब करीब भारत के हर शहर में है। इसके लिए पेशेंट का आधार कार्ड, कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट, डॉक्टर का ओरिजनल प्रिस्क्रिप्शन और इंजेक्शन खरीदने वाले व्यक्ति के आधार कार्ड की आवश्यक्ता होगी। इसे सभी ग्रुप्स में शेयर करें।
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने वायरल दावे की पड़ताल करने के लिए सबसे पहले प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र की वेबसाइट को खंगाला, लेकिन इस सूची में हमें कहीं भी रेमडेसिविर का नाम नहीं मिला। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों पर देशभर में जेनरिक दवाईयां कम दामों पर उपलब्ध करवाई जाती हैं। भारत सरकार ने यह स्कीम सबसे पहले साल 2008 में शुरू की थी, लेकिन साल 2015 में इसे फिर से लॉन्च किया गया।
हमने प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र के नेशनल हैल्पलाइन नंबर पर संपर्क किया जहां हमारी बात दीपक से हुई। उन्होंने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों पर उपलब्ध नहीं है, वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा गलत है।
हमें इंटरनेट पर कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं जिसमें रेमडेसिविर पर नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल का स्टेटमेंट शामिल है। 13 अप्रैल को छपी इन रिपोर्ट्स के अनुसार डॉ. पॉल ने यह साफ किया है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्तेमाल केवल अस्पताल में भर्ती उन कोरोना पॉजिटिव मरीजों पर ही करने की अनुमति है जिन्हें आॅक्सीजन लगी हुई है। कैमिस्ट की दुकानों से इसे खरीदा नहीं जा सकता।
वायरल पोस्ट में रेमडेसिविर के दाम को लेकर भी दावा किया गया है कि यह 899 रुपए में उपलब्ध है। दरअसल यह इंजेक्शन भारत में कुल सात फार्मास्युटिकल कंपनियां मैन्युफैक्चर कर रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मार्च में Zydus Cadila ने 100 मिलीग्राम इंजेक्शन की कीमत 2800 रुपए से घटाकर 899 रुपए कर दी थी। वहीं हाल ही डॉ रेड्डीज ने भी इसकी कीमत को 50 प्रतिशत तक कम कर दिया है।
अब बारी थी फेसबुक पर इस पोस्ट को साझा करने वाली यूजर Shahin Patel की प्रोफाइल को स्कैन करने का। प्रोफाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि यूजर महाराष्ट्र के मुंबई की रहने वाली है।
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में यह साफ हुआ कि रेमडेसिविर प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों पर उपलब्ध नहीं है। वहीं यह इंजेक्शन भारत में सात फार्मास्युटिकल कंपनियां बना रही हैं जिनमें से केवल दो ने दाम कम किए हैं जिसके चलते यह 899 रुपए से 5000 रुपए तक में उपलब्ध है।
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