Fact Check: इस जंगली सब्जी से ठीक नहीं हो सकता कैंसर, पोस्ट का दावा फर्जी है

Fact Check: इस जंगली सब्जी से ठीक नहीं हो सकता कैंसर, पोस्ट का दावा फर्जी है

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर की गई है जिसमें लिखा है कि कैंसर पेशेंट के लिए अच्छी खबर, इलाज यहां है। खतरनाक बीमरियों के इलाज का दावा करने वाली ऐसी हेडलाइंस अक्सर सैकड़ों पाठकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। लोग इनके चक्कर में फंस भी जाते हैं। सोशल मीडिया पर वायरल इस पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि जंगली ऑबर्जीन (एक प्रकार की जंगली सब्जी) ब्रेस्ट, प्रोस्टेट, पेट, लिवर और किडनी कैंसर के साथ अस्थमा को भी ठीक कर सकता है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा फर्जी पाया गया है।

क्या है वायरल पोस्ट में

Gbenga Fasole GSc नाम के फेसबुक यूजर ने एक पोस्ट शेयर की है। इसमें लिखा है, ‘कैंसर पेशेंट के लिए अच्छी खबर, इलाज यहां है, जंगली ऑबर्जीन (बेहद चर्चित और संरक्षित किए जाने वाला पौधा)। ब्रेस्ट कैंसर पर नियंत्रण, प्रोस्टेट कैंसर के खिलाफ लड़ाई, पेट के कैंसर पर कंट्रोल, लिवर कैंसर से लड़ाई, किडनी कैंसर से लड़ाई, संक्षेप में कहें तो सभी तरह के कैंसर और अस्थमा पर नियंत्रण। इस जंगली ऑबर्जीन के फल को पर्याप्त मात्रा में लेकर 5 लीटर पानी में पकाएं। एक गिलास सुबह और एक गिलास रात में पिएं। आपका कैंसर गायब हो जाएगा। फल या पत्ते को मसल कर कैंसर से प्रभावित ब्रेस्ट पर लगाएं। कोई भी जो बाहरी अंगों के कैंसर, सोर या पुराना घाव है तो इस जंगली एगप्लांट या इसके पत्तों को पीसकर घाव पर लगाएं, जबकि इससे तैयार काढ़ा पीते रहें। यह तुरंत कैंसर को खत्म कर देगा।’

इसमें आगे लिखा है, ‘कम से कम एक महीने तक इस्तेमाल करें। एक-दो बार इस्तेमाल करके छोड़ न दें। काढ़ा पीते रहें, पिसे हुए को कैंसर वाले ब्रेस्ट, बाहरी अंग के कैंसर पर लगाएं। यह शरीर के किसी भी प्रकार के कैंसर को खत्म कर देता है। यह जंगली एगप्लांट झाड़ियों में मिलता है। अगर आप शहर में रहते हैं और आसपास झाड़ियां नहीं हैं तो गांव का रुख करें और इसे खोजें। कैंसर को खत्म करें।’ इसमें दावा किया गया है कि कई हर्बलिस्ट ने सभी प्रकार की बीमारियों में इनके इलाज की पुष्टि की है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह देखने को मिला कि इस पोस्ट को फेसबुक पर कई यूजर्स ने शेयर की है।

हमें पता चला कि इस वायरल दावे की किसी डॉक्टर की तरफ से कथित तौर पर पुष्टि की गई है। हम अपने पड़ताल के क्रम में 20 अक्टूबर 2019 की एक फेसबुक पोस्ट पर पहुंचे। यह पोस्ट डॉक्टर गिलियार्ड फार्मेसी (Dr. Gilliard Pharmacy) नाम के पेज पर शेयर की गई है। इसमें दावा किया गया है कि जंगली ऑबर्जीन को पानी के साथ मिला कर लेने से कैंसर गायब हो जाएगा।


डॉक्टर गिलियार्ड फार्मेसी नाम का पेज कैंसर के इलाज के लिए ऑबर्जीन के इस्तेमाल की पैरवी करता है।

विश्वास न्यूज ने इस पेज की प्रोफाइल फोटो पर Google reverse image सर्च का इस्तेमाल किया। पेज की प्रोफाइल में एक शख्स को दिखाया गया है जिसने स्टेथोस्कोप लटका रखा है।

जब हमने Google reverse image सर्च का इस्तेमाल किया तो हमें इसी तस्वीर के साथ कई सारी पोस्ट मिलीं।

अपनी पड़ताल में हमने पाया कि तस्वीर में दिख रहे इस शख्स का नाम डॉक्टर गिलियार्ड नहीं, बल्कि पॉल रिवस है जो एक अमेरिकी डॉक्टर हैं।

वायरल पोस्ट पर आए कई कमेंट्स में इस सलाह के लिए शुक्रिया कहने के साथ इसकी रेसिपी को लेकर और भी जानकारी मांगी गई है।

विश्वास न्यूज ने इस मामले में इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर मनीष सिंघल से संपर्क किया। उन्होंने कैंसर के इलाज और ऑबर्जीन से किसी तरह के संबंध होने के दावे को खारिज किया।

कहां से हुआ इस दावे का जन्म?

विश्वास न्यूज ने गूगल पर कीवर्ड सर्च से अपनी पड़ताल जारी रखी। हम एक पेज पर पहुंचे जिसका नाम Truth About Cancer (कैंसर के बारे में सच) था।

इस पेज के एक पोस्ट में ‘एगप्लांट कैंसर इलाज’ नाम का वीडियो दिया गया है। इस पोस्ट में लिखा है कि देखिए डॉक्टर राइट बता रहे हैं कि डॉक्टर बिल चाम ने कैसे एगप्लांट के एक्सट्रैक्ट क्रीम की खोज की जिसे BEC5 या क्यूराडर्म के नाम से जाना जाता है।

वीडियो में एगप्लांट एक्सट्रेक्ट क्रीम को BEC5 या क्यूराडर्म बताया जा रहा है।

BEC5 या करैडर्म की आधिकारिक वेबसाइट पर इसे ‘The Eggplant Skin Cancer Cream’ (द एगप्लांट स्किन कैंसर क्रीम) बताया जा रहा है।

विश्वास न्यूज की आगे की पड़ताल में पता चला कि 2015 में यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की आधिकारिक वेबसाइट ने एक वॉर्निंग लेटर जारी किया था। इस वॉर्निंग लेटर में उस कंपनी को फटकार लगाई गई थी जो बिना उनकी अनुमति के करैडर्म उत्पाद की मार्केटिंग कर रही थी।

इसका मतलब साफ यह है कि एगप्लांट स्किन कैंसर क्रीम को एफडीए से अप्रूवल नहीं मिला है। इसके बावजूद यह बाजार में उपलब्ध है।

निष्कर्ष

यह दावा फर्जी है कि जंगली ऑबर्जीन का काढ़ा किसी भी तरह के कैंसर को ठीक कर सकता है।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

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