विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि जापानी न्यूरोलॉजिस्ट की बनाई एक तस्वीर से किसी के तनाव का अंदाजा लगाया जा सकता है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में सामने आया है कि न तो इस तस्वीर को जापानी न्यूरोलॉजिस्ट ने बनाया है और न ही इससे किसी शख्स में तनाव के स्तर का अंदाजा लगाया जा सकता है। हमारी पड़ताल में सोशल मीडिया पर वायरल दावा फर्जी निकला है।
क्या है वायरल पोस्ट में
Naveen Jain नाम के यूजर ने फेसबुक पर एक तस्वीर शेयर की है। इस पोस्ट में लिखा है, ‘ये एक स्थिर इमेज है जापानी न्यूरोलॉजी प्रोफेसर यामामोटो ने तैयार की है उनके अनुसार ये, 1) यदि ये आपको स्थिर दिखती हैं तो आप स्वस्थ हैं। 2) यदि धीरे-धीरे हिलती देखे को आप थोड़े स्ट्रेस में हैं या रात में नींद पूरी नहीं हुई है। 3) यदि धीरे-धीरे घूमती दिखे तो आप तनाव में हैं और आपको विश्रांति की जरूरत है। 4) यदि लगातार घूमती दिखती है तो आप बहुत तनाव में है और आपको उपचार की जरूरत है।’
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को सोशल मीडिया पर सर्च कर अपनी पड़ताल की शुरुआत की। फेसबुक पर यह पोस्ट कई यूजर्स ने शेयर की है।
केवल फेसबुक पर ही नहीं, बल्कि ये पोस्ट ट्विटर पर भी खूब शेयर की गई है।
हमने वायरल तस्वीर पर Google reverse image सर्च का इस्तेमाल किया। हमें शटरस्टॉक (फोटो स्टॉक की एक कंपनी) पर यही तस्वीर मिली।
हमें शटरस्टॉक में Guten Tag Vector नाम के अकाउंट पर यह तस्वीर पोस्ट मिली।
विश्वास न्यूज ने इस अकाउंट की प्रोफाइल को चेक किया और हमें उस यूजर की ट्विटर प्रोफाइल मिली जिसने इस तस्वीर को पोस्ट किया था।
ट्विटर एडवांस्ड सर्च का इस्तेमाल कर हमें इस यूजर का नाम और उसका बैकग्राउंड मिल गया। इस यूजर का नाम urii Perepadia था।
हमें यही तस्वीर इनके ट्विटर हैंडल पर मिली, जिसे 27 सितंबर 2016 को पोस्ट किया गया था।
विश्वास न्यूज ने उनकी प्रोफाइल को फेसबुक पर भी सर्च किया।
फेसबुक मैसेंजर से हमने उनसे संपर्क साधा और वायरल तस्वीर के संबंध में बात की। उन्होंने कहा कि वायरल पोस्ट में दिख रही तस्वीर उन्होंने बनाई है। उनके मुताबिक, यह तस्वीर 2016 में बनाई गई थी।
इससे एक बात साफ हो गई कि वायरल तस्वीर को किसी जापानी न्यूरोलॉजिस्ट ने नहीं, बल्कि यूक्रेन के ग्राफिक डिजाइनर urii Perepadia ने बनाया है।
वायरल पोस्ट में यह भी दावा किया गया है कि इसे देखने से किसी की दिमागी हालत का पता लगाया जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने साइकोलॉजिस्ट डॉ. ईशा मेहता से बात की। उन्होंने कहा, ‘इल्यूजन (भ्रम) लोगों को बरगलाने के लिए बनाए जाते हैं। इस तस्वीर को दिमागी हालत या तनाव के स्तर से कोई लेना-देना नहीं है। यह दावा पूरी तरह से गलत है।’
निष्कर्ष
पोस्ट का यह दावा गलत है कि जापानी न्यूरोलॉजिस्ट द्वारा बनाई गई यह तस्वीर तनाव के स्तर को बता सकती है। असल में इस तस्वीर को urii Perepadia ने बनाया है जो कि यूक्रेन के ग्राफिक डिजाइनर हैं। इस तस्वीर का दिमागी हालत या तनाव के स्तर से कोई लेना-देना नहीं है।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।