Fact Check: कॉम्बिफ्लेम से मौत होने का वायरल दावा गलत है

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें लोगों को कॉन्बिफ्लेम के इस्तेमाल के खिलाफ चेताया जा रहा है। पोस्ट का दावा है कि कॉम्बिफ्लेम की गोली लेने से व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत पाया गया है। 

क्या है वायरल पोस्ट में

फेसबुक पर शेयर की गई इस पोस्ट में लिखा गया है, ‘कॉम्बिफ्लेम की एक गोली आपकी जान भी ले सकती है। खुद कंपनी मार्केट से ये गोलियां वापस मंगवा रही है,,,,, अपने दोस्तों और फैमिली मेंबर्स के साथ शेयर करे।यह वायरल मैसेज दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी शेयर किया जा रहा है। इस पोस्ट के आर्काइवड वर्जन को यहाँ देखा जा सकता है।

पड़ताल

जब 2015 में सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने अपने टेस्ट में कॉम्बिफ्लेम को घटिया पाया था तब से ये मैसेज शेयर हो रहा है। CDSCO के मुताबिक अक्टूबर 2015 में बना कॉम्बिफ्लेम जिसका बैच नंबर A151195 है उसके डिसइंटीग्रेशन टेस्ट में फेल हो गया था। 

कई मीडिया हाउस ने इस पर रिपोर्ट भी प्रकाशित की थी।


कॉम्बिफ्लेम को Sanofi India नाम की कंपनी बनाती है। Sanofi India ने कॉम्बिफ्लेम को लेकर एक बयान जारी किया था। इस बयान के मुताबिक, ‘2015 और 2016 के पहले आधे साल के दौरान बने कॉम्बिफ्लेम टेबलेट्स के कुछ बैच में डिलेड डिसइंटीग्रेशन टाइम‘ (देर से घुलना) मिला। इन्होंने पूरी तरह से घुलने में 15 मिनट के निर्धारित समय से अधिक का वक्त लिया। इसे क्लास 3 (Class III) रिकॉल कहा गया जिसमें किसी उत्पाद का सेवन करने से कोई स्वास्थ्य समस्या का सामना करने की संभावना नहीं होती।

इस रिपोर्ट में आगे बताया गया कि डिलेड डिसइंटीग्रेशन टाइम होने के बावजूद इसे लेने वाले पेशेंट या लिखने वाले डॉक्टर आश्वस्त हो सकते हैं कि उत्पाद के सेफ्टी या प्रभाव पर इसका कोई असर नहीं है।

इस रिपोर्ट में आगे कहा गया, ‘हम CDSCO के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इसके लिए जरूरी कदम उठाए गए हैं। इस मामले के समाधान के लिए उठाए गए तकनीकी कदमों का परिणाम ये रहा है कि आगे के बैच के सैंपलों में समस्या नहीं पाई गई है।


कॉम्बिफ्लेम की सेफ्टी का जिक्र करते हुए कंपनी ने कहा, ‘Sanofi India एक नैतिक और पेटेंट-केंद्रित कंपनी है। हम अपने सारे उपभोक्ताओं को यह आश्वस्त करना चाहते हैं कि Combiflam® पहले की सुरक्षित और असरदार है। कंपनी ने सभी उपयुक्त उपाय किए हैं और नियामक निर्देशों का पालन किया है।

विश्वास न्यूज ने इस संबंध में Sanofi India के मेडिकल अफेयर्स मैनेजर डॉक्टर राकेश सोनवाने से बात की। उन्होंने बताया, ‘कॉम्बिफ्लेम सामान्य तौर पर दी जाने वाली सबसे आम दवा है। इसे हमेशा डॉक्टर के निर्देशानुसार ही लिया जाना चाहिए। डॉक्टर की सलाह पर इसे कभी-कभी लेने से ठीक वैसे ही नुकसान नहीं होगा जैसे दूसरी दवाओं के मामले में है। सोशल मीडिया पर यह फेक न्यूज चल रही है कि कॉम्बिफ्लेम से जान जा सकती है।

विश्वास न्यूज ने पाया कि दैनिक जागरण में 24 दिसंबर 2019 को कंपनी का स्टेटमेंट भी पब्लिश हुआ है। इसमें लिखा गया, ‘हमारी दवा कॉम्बीफ्लेम टेबलेट (आईब्यूप्रूफेन 400 मिलीग्राम और पैसासेटेमोल 325 मिलीग्राम) के बारे में सोशल मीडिया में अफवाहें पैलाई जा रही हैं।

इसमें आगे लिखा गया, ‘हम लोगों से आग्रह करते हैं कि वो जो भी सूचनाएं सोशल मीडिया से प्राप्त करते हैं उसपर आंख बंद भरोसा ना करें। दवाओं के बारे में सही जानकारी के लिए अपने डॉक्टर पर भरोसा करें।

कंपनी के इस बयान को यहां नीचे देखा जा सकता है: 


विश्वास न्यूज ने जनरल फिजिशियन डॉक्टर सजीव कुमार से बात की। उन्होंने बताया, ‘बिना डॉक्टर के परामर्श के कोई भी दवा लेना नुकसानदायक हो सकता है। कॉम्बिफ्लेम दर्द और सूजन में राहत दे सकता है लेकिन इसके लिए हमेशा डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। कभी-कभी कॉम्बिफ्लेम लेने से आपकी मौत नहीं होगी लेकिन इसे हमेशा डॉक्टर के परामर्श पर ही लेना चाहिए।

निष्कर्ष

यह दावा गलत है कि कॉम्बिफ्लेम लेने से आपकी जान जा सकती है। किसी भी दवा का ओवरडोज नुकसानदायक हो सकता है। कोई भी दवा डॉक्टर की देखरेख में ही ली जानी चाहिए।

False
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