नई दिल्ली( विश्वास न्यूज): सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है। इस पोस्ट में कहा गया है कि कोरोना की वैक्सीन लगाने के बाद एनेस्थीसिया की दवा नहीं लेनी चाहिये, क्योंकि इसके साइड-इफेक्ट्स हो सकते हैं। वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि इससे जान भी जा सकती है। इसलिए कोरोना की वैक्सीन लगाने के चार हफ्ते के बाद ही एनेस्थीसिया की दवा लेनी चाहिए। विश्वास न्यूज ने वायरल हो रहे पोस्ट की पड़ताल की और पाया कि कोरोना वैक्सीन लगाने के बाद एनेस्थीसिया से नुकसान होने का दावा गलत और फर्जी है।
फेसबुक यूजर Anthony P. Krishan द्वारा एक पोस्ट वायरल किया जा रहा है। इस वायरल पोस्ट में लिखा है, ‘ कोई भी व्यक्ति जिसे कोरोना वैक्सीन लगाया गया है, उसे किसी भी प्रकार के एनेस्थेटिक, यहां तक कि स्थानीय एनेस्थेटिक्स या दंत चिकित्सक एनेस्थेटिक्स लेने से मना किया गया है, क्योंकि इससे वैक्सीन लेने वाले व्यक्ति के जीवन के लिए एक बड़ा खतरा है और ये बेहद खतरनाक है। मृत्यु की भी संभावना है। इसलिए, वैक्सीन लगाने वाले व्यक्ति को टीका लेने के 4 हफ्ते बाद तक इंतजार करना चाहिए। शरीर में एंटीबॉडी विकसित होने के 4 हफ्ते बाद ही एनेस्थेटिक दिया जा सकता है।’ यही पोस्ट ट्विटर पर भी वायरल किया जा रहा है।
वायरल पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां मौजूद है।
विश्वास न्यूज ने इस वायरल पोस्ट में किये जा रहे दावे को लेकर अपनी जांच शुरू की। सबसे पहले हमने डॉक्टर अमित मालवीय, एमडी, एनेस्थीसिया जो देश के प्रतिष्ठित अस्पताल एम्स (ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस) में एनेस्थीसियोलॉजिस्ट हैं उनसे इस वायरल पोस्ट को लेकर बात की। तो उन्होंने इस दावे को गलत और फेक करार दिया। डॉक्टर अमित मालवीय ने कहा, “इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि कोविड वैक्सीन लेने के बाद एनेस्थीसिया नहीं ले सकते। एम्स में ऐसे कई मरीजों को एनेस्थीसिया दिया गया है, जिन्होंने कोविड वैक्सीन का एक या दोनों डोज लिया हुआ है और अब तक किसी भी मरीज पर कोई भी दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिला है। वैक्सीन लेने के बाद एनेस्थीसिया लेना पूरी तरह सुरक्षित है।” उन्होंने बताया कि यही बात अमेरिकन सोसाइटी ऑफ एनेस्थीसियोलॉजिस्ट्स ने भी कहा है।
पटना एम्स में कोविड-19 के नोडल ऑफिसर डॉक्टर संजीव कुमार ने भी इस दावे को फर्जी बताया है। उन्होंने कहा कि कोविड वैक्सीन लेने के बाद लोकल या जनरल कोई भी एनेस्थीसिया लिया जा सकता है।
13 जून, 2021 को नोटिफिकेशन जारी करते हुए मलेशियाई सोसाइटी ऑफ एनेस्थीसियोलॉजिस्ट और कॉलेज ऑफ एनेस्थीसियोलॉजिस्ट, एकेडमी ऑफ मेडिसिन ऑफ मलेशिया ने ऐसे भ्रामक दावों को गलत करार दिया है।
नोटिफिकेशन में कहा गया है वैक्सीनेशन के चलते इमरजेंसी में हो रहे सर्जरी को टालने का कोई औचित्य नहीं है।
एनेस्थीसिया एक ऐसी दवा है, जो सर्जरी करने से पहले मरीज को बेहोश करने के लिये दी जाती है, जिससे सर्जरी करने के दौरान उसे ना तो कुछ याद रहे और ना कोई तकलीफ हो।
फेसबुक पर जब हमने वायरल पोस्ट शेयर करने वाले यूजर का प्रोफाइल स्कैन किया तो पाया कि Anthony P. Krishan श्रीलंका के रहने वाले है।
विश्वास न्यूज की टीम ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि फेसबुक और ट्विटर पर कोरोना वैक्सीन ले चुके लोगों को एनेस्थीसिया लेने के साइड इफेक्ट और इससे जान पर खतरे होने को लेकर किया जा वायरल पोस्ट फेक और फर्जी है। फैक्ट चेक में ये स्पष्ट हो गया है कि कोरोना की वैक्सीन लेने के बाद एनेस्थीसिया की दवा लेने का कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। ऐसे सभी ट्वीट और फेसबुक पोस्ट फर्जी है।
(With inputs from Manish Kumar)
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