Fact Check: शुगर का स्तर 250 नॉर्मल बताने वाली पोस्ट भ्रामक है

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। किसी महिला के इंटरव्यू के स्क्रीनशॉट के साथ सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इस फोटो के कैप्शन में दावा किया गया है कि अमेरिकी डॉक्टरों ने माना है कि HbA1C को 7 से 8 के बीच होना चाहिए। यानी कि अगर शुगर का स्तर 250 है तो यह नॉर्मल है। इस कैप्शन के मुताबिक, अब पीपी और फास्टिंग का औसत 250 है तो आप डायबिटीज के मरीज नहीं हैं। विश्वास न्यूज ने इस दावे की पड़ताल की और इसे भ्रामक पाया है।

क्या है वायरल पोस्ट में

वायरल पोस्ट में एक औरत के इंटरव्यू का स्क्रीनशॉट लगा हुआ है। इस फोटो के कैप्शन में लिखा है, ‘अब अमेरिकी डॉक्टरों ने स्वीकार किया है कि HbA1C 7 से 8 के बीच होना चाहिए और यह सामान्य स्तर है। इसका मतलब है कि अगर शुगर का स्तर 250 है तो यह सामान्य के दायरे में है। अगर पीपी और फास्टिंग का औसत 250 है तो आप डायबिटीज के मरीज नहीं हैं।’

पड़ताल

हमने अपनी पड़ताल इस पोस्ट में किए गए दावों को कई हिस्सों में तोड़कर शुरू की।

क्या होता है HbA1c?

diabetes.co.uk के मुताबिक, HbA1c का इस्तेमाल ‘ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन’ के लिए किया जाता है। जब हीमोग्लोबिन (लाल रक्त कोशिकाओं के भीतर का प्रोटीन जो शरीर में ऑक्सीजन का परिवहन करता है) हमारे खून में मौजूद ग्लूकोज से मिलता है तो ग्लाइकेटेड हो जाता है।

ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन (HbA1c) को मापकर ही अंदाजा लगाया जाता है कि किसी सप्ताह/महीने की अवधि में ब्लड शुगर का औसत स्तर क्या रहा।

डायबिटीज से पीड़ित लोगों में HbA1c का स्तर जितना ऊंचा होगा उन्हें डायबिटीज से जुड़ी समस्याओं का खतरा उतना ही ज्यादा होगा। HbA1c को हीमोग्लोबिन A1c या A1c के नाम से भी जाना जाता है।

हीमोग्लोबिन A1c टेस्ट पिछले 2 से 3 महीने का ब्लड शुगर का औसत स्तर बताता है। इसे ही HbA1c कहा जाता है।

इसके बाद हमने स्क्रीनशॉट में दिख रहे इंटरव्यू को सर्च किया। हमने पाया कि इस पोस्ट में दिख रहा इंटरव्यू फियोना गॉडली के इंटरव्यू पर आधारित है जो इकोनॉमिक टाइम्स में 20 नवंबर 2016 को सुबह 10:09 पर प्रकाशित हुआ था। हमने इस पूरे इंटरव्यू को पढ़ा। इसमें कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं था कि HbA1c को 7 से 8 के बीच होना चाहिए और इसे नॉर्मल रेंज माना जाना चाहिए। यह भी नहीं कि अगर शुगर का स्तर 250 से कम है तो इसे नॉर्मल रेंज मानना चाहिए।

इंटरव्यू में फियोना गॉडली ने इस बात पर जोर दिया है कि डायबिटीज से जूझ रहे लोगों को सीधे इंसुलिन का रुख करने की बजाए लाइफस्टाइल से जुड़े मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। इसमें उन्होंने ऐसे किसी नंबर का जिक्र नहीं किया है जैसा कि वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है। यहां आप उनके इंटरव्यू का वह हिस्सा देख सकते हैं जहां उन्होंने इंसुलिन का जिक्र किया था।

हमने फिर हीमोग्लोबिन A1c या A1c की रेंज की स्टडी से अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाया।

अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के मुताबिक, A1C के 6.5% से अधिक या बराबर होने पर डायबिटीज मानी जाती है। इसका मतलब है कि वायरल पोस्ट में HbA1C को 7 से 8 के बीच होने और इसे नॉर्मल रेंज मानने का दावा तथ्यात्मक रूप से गलत है।

हमने दूसरी वेबसाइटों पर भी HbA1c के फीगर की जांच की।

WebMD के मुताबिक, डायबिटीज से मुक्त लोगों में हीमोग्लोबिन A1c का स्तर 4% और 5.6% के बीच में होना चाहिए।

हीमोग्लोबिन A1c का स्तर अगर 5.7% और 6.4% के बीच है तो आपको डायबिटीज होने का चांस ज्यादा है। अगर यही स्तर 6.5% के बराबर या उससे अधिक है तो इसका मतलब यह है कि आप डायबिटीज से पीड़ित हैं।

diabetes.co.uk के मुताबिक, अगर H1bAc 6.5% से अधिक है तो आप डायबिटीज से पीड़ित हैं।

यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, अगर आपको डायबिटीज है तो अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन आपको H1bAc का लेवल 7% से नीचे रखने का सुझाव देता है।

यहां H1bAc रिजल्ट को पर्सेंटेज के हिसाब से इस तरह बांटा गया है:

. नॉर्मल: H1bAc 5.7% से नीचे
. प्री-डायबिटीज: H1bAc 5.7% और 6.4% के बीच
. डायबिटीज: H1bAc 6.5% या इससे अधिक

हमने आगे की पड़ताल के लिए डायबिटीज एंड हार्ट क्लीनिक के डॉक्टर जीके खुराना से संपर्क किया। उन्होंने बताया, ‘डायबिटीज की पुष्टि A1C के 6.5% या इससे अधिक होने पर होती है। H1bAc का 7 से 8 फीसदी के बीच होना नॉर्मल नहीं है। मेडिसिन कोई गणित नहीं है। यहां हमेशा किंतु-परंतु की संभावना होती है। शुगर लेवल का 250 होना नॉर्मल नहीं है।’

जनरल फिजिशियन डॉक्टर सजीव कुमार के मुताबिक, ‘हीमोग्लोबिन A1C लेवल का 6.5% या इससे अधिक होने का मतलब है कि आपको डायबिटीज है।’

हालांकि, अपनी पड़ताल के क्रम में हम एन्नल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन की रिपोर्ट पर पहुंचे। इसके एक गाइडेंस स्टेटमेंट के मुताबिक, अनुशंसा की गई है, ‘टाइप 2 डायबिटीज के अधिकतर मरीजों के लिए चिकित्सकों को HbA1c का लेवल 7% और 8% के बीच रखने का लक्ष्य बनाना चाहिए।’ इसमें यह भी अनुशंसा की गई है, ‘जिन टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों को HbA1c के स्तर को 6.5% से नीचे लाने में सफलता मिली है उनके लिए चिकित्सकों को फार्माकोलॉजिक थेरेपी को कम करने पर विचार करना चाहिए।’ हालांकि, ये सारी महज अनुशंसाएं हैं और अमेरिकी डॉक्टरों ने इसे स्वीकार नहीं किया है कि HbA1C का स्तर 7% और 8% के बीच होना नॉर्मल है।

नई अनुशंसाओं पर खड़े हुए संदेह

इंटिग्रेटेड डायबिटीज सर्विसेज के गैरी स्कीनर (CDE, MS) ने कहा कि इस तरह की सामान्य अनुशंसाओं का सीमित महत्व है। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि यह अनुशंसा विशेषकर रोगी की देखभाल करने में विफल है।’

स्कीनर ने आगे जोड़ा, ‘टाइप 2 डायबिटीज वाले कई रोगियों को यहां दी गई अनुशंसा की तुलना में सख्त नियंत्रण का लक्ष्य बनाना चाहिए। हाइपोग्लाइसीमिया के कम जोखिम वाले और नाड़ी संबंधित जटिलताओं के उच्च जोखिम वाले मरीजों को तब फायदा मिलेगा जब A1C का स्तर 7% से कम हो।’

स्कीनर ने आगे चेताया है, ‘ग्लूकोज कंट्रोल से केवल लंबी अवधि के हेल्थ रिस्क ही नहीं, बल्कि उस शख्स की रोजाना की गतिविधियां भी व्यापक रूप से प्रभावित होती हैं।’
उनके मुताबिक, उच्च ग्लूकोज स्तर का लक्ष्य तय करने से किसी व्यक्ति की शारीरिक, बौद्धिक और भावनात्मक दृष्टिकोण से बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता सीमित हो जाती है।

यानी कुल मिलाकर ये अनुशंसाएं हैं। अमेरिकी डॉक्टरों ने इसे स्वीकार नहीं किया है जैसा कि वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है।

निष्कर्ष

HbA1C का 7 से 8 के बीच होने को सामान्य मानने वाला दावा भ्रामक है। अगर शुगर का स्तर 250 से कम है तो यह नॉर्मल रेंज के भीतर नहीं है। एन्नल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित अनुशंसाओं के मुताबिक, टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में चिकित्सकों को HbA1c के स्तर को 7% और 8% के बीच रखने का लक्ष्य बनाना चाहिए। हालांकि, ये केवल अनुशंसा है। डॉक्टरों ने इसे स्वीकार नहीं किया है और इन नंबरों पर संदेह जाहिर किए गए हैं। अमेरिकी डायबिटीज एसोसिएशन, यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन, WebMD और कई दूसरे सोर्सों का कहना है कि A1C के 6.5% या इससे अधिक होने का मतलब डायबिटीज है। HbA1C का 7% से 8% के बीच होना नॉर्मल नहीं है।

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