Fact Check: WHO द्वारा दी गई निपाह वायरस फैलने की पुरानी चेतावनी अब हो रही वायरल

जून 2020 में भारत में निपाह वायरस के प्रकोप का दावा करने वाली WHO की पोस्ट भ्रामक है। WHO ने 2018 में निपाह वायरस के प्रकोप की चेतावनी दी थी। वैश्विक स्वास्थ्य निकाय से कोई लेटेस्ट चेतावनी नहीं मिली है।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। हाल ही में फेसबुक पर एक वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत में निपाह वायरस के फैलने को लेकर अलर्ट जारी किया है। यह वायरस COVID-19 और इबोला की तुलना में ज्यादा घातक है। Vishvas News ने इस दावे की पड़ताल की और पाया कि यह दावा भ्रामक है। WHO ने वर्ष 2018 में निपाह के प्रकोप की चेतावनी दी थी, वैश्विक स्वास्थ्य संगठन की तरफ से कोई भी नई चेतावनी नहीं दी गई है।

क्लेम

फेसबुक पोस्ट में लिखा है: “#FIND OUT भारत में Covid-19 से ज्यादा घातक वायरस निपाह है। इसका कारण बैट फ्लूड है। डब्लूएचओ नए वायरस के बारे में अलर्ट करता है: निपाह वीएनआई जो कोरोनोवायरस की तुलना में ज्यादा घातक है और बहुत-सी फ्लू पेंटिंग्स में देखा गया है जो मस्तिष्क में सूजन पैदा करता है। पहली रिसर्च के अनुसार, चमगादड़ द्वारा छोड़ा गया तरल पदार्थ इसका कारण हैं। निपाह वायरस को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है, जो COVID और इबोला की तुलना में ज्यादा घातक वायरस है। भारत में 18 लोगों की मृत्यु हो गई है।”

पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

Vishvas News के द्वारा जांच के दौरान हमें 4 जून, 2018 का न्यूयॉर्क टाइम्स का एक आर्टिकल मिला। रिपोर्ट के अनुसार, विशेषज्ञों का मानना है कि पहली बार भारत के केरल राज्य में निपाह वायरस से संक्रमित होने की महामारी की संभावना बनी हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 18 लोग संक्रमित थे जिसमें से 17 लोग मारे गए।

7 अगस्त, 2018 की WHO की एक रिपोर्ट पुष्टि की गई है कि 17 जुलाई 2018 तक, केरल से 17 मौतें समेत 19 निपाह वायरस (NiV) मामले सामने आए थे। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 1 जून 2018 से कोई नया मामला या मृत्यु नहीं हुई है और 30 जुलाई तक केरल राज्य में ह्यूमन टू ह्यूमन ट्रांसमिशन पाया गया।

Vishvas News ने और सर्च किया और उन रिपोर्ट्स को ढूंढने की कोशिश की, जिसमें WHO ने भारत में निपाह वायरस के संबंध में हाल ही में कोई बयान दिया हो या कोई चेतावनी जारी की हो। WHO की आधिकारिक वेबसाइट और इसके सोशल मीडिया हैंडल पर कोई लेटेस्ट रिपोर्ट नहीं है।

हमने WHO के प्रवक्ता से बात की और वायरल पोस्ट के बारे में भी पूछा। उन्होंने कहा: “यह एक पुरानी खबर है, जो हाल में वायरल हो रही है। इस साल भारत में निपाह वायरस का कोई भी मामला सामने नहीं आया है और WHO ने इस साल ऐसी कोई भी चेतावनी नहीं दी है।”

फेसबुक पर इस पोस्ट को Noticias circulandopuerto नाम के पेज ने शेयर किया है। जब Vishvas News ने इस पेज को स्कैन किया तो हमने पाया कि पेज के अब तक 59,5806 फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: जून 2020 में भारत में निपाह वायरस के प्रकोप का दावा करने वाली WHO की पोस्ट भ्रामक है। WHO ने 2018 में निपाह वायरस के प्रकोप की चेतावनी दी थी। वैश्विक स्वास्थ्य निकाय से कोई लेटेस्ट चेतावनी नहीं मिली है।

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