Fact Check: 5 साल तक शरीर में नहीं रहती है पैरासिटामोल, दावा फर्जी है

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इस पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि पैनडॉल या पैरासिटामोल दवा शरीर में 5 साल तक रहती है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा फर्जी पाया गया है।

क्या है वायरल पोस्ट में

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस पोस्ट में दावा किया गया है कि पैनडॉल शरीर के लिए जहरीली है और लिवर को नुकसान पहुंचाती है। इस पोस्ट में आगे दावा किया गया है कि पैनडॉल शरीर में कम से कम 5 साल तक रहती है। फेसबुक पर इस पोस्ट को Shaukat Amin Shah नाम के यूजर ने पोस्ट किया है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने पैरासिटामोल दवा के बारे में सर्च कर अपनी पड़ताल की शुरुआत की। हमने पाया कि पैनडॉल पैरासिटामोल का ट्रेड नाम है।

हमने आगे सर्च किया तो हमें विश्व स्वास्थ्य संगठन की जरूरी दवाइयों की लिस्ट में पैरासिटामोल भी मिली।

हमें यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की आधिकारिक वेबसाइट पर एक स्टडी भी मिली। इसमें बताया गया है कि मुंह के रास्ते पैरासिटामोल लेने पर हमारी जठरांत्र प्रणाली (गैस्ट्रोइंटेस्टिनल ट्रैक्ट) इसे तेजी से पचाती है।

इसमें आगे बताया गया है, ‘एक स्वस्थ शरीर में पैरासिटामोल का 85 से 95 फीसदी हिस्सा 24 घंटे के अंदर पेशाब में निकल जाता है।’

विश्वास न्यूज ने जनरल फिजिशियन डॉक्टर सजीव कुमार से भी बात की। उन्होंने कहा कि पैरासिटामोल के शरीर में 5 साल तक रहने का दावा गलत है। उनके मुताबिक, पैरासिटामोल कुछ घंटों में ही शरीर से बाहर निकल जाती है।

इस पोस्ट में दूसरा दावा किया गया है कि लंबे समय तक पैनडॉल का इस्तेमाल किसी व्यक्ति के दर्द सहने की क्षमता को घटा देता है। डॉक्टर सजीव कुमार के मुताबिक, इस दावे की भी पुष्टि नहीं हुई है।

निष्कर्ष

विश्वास न्यूज की पड़ताल में सामने आया है कि पैरासिटामोल के 5 साल तक शरीर में रहने का दावा करने वाली पोस्ट फर्जी है।

पूरा सच जानें…

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False
Symbols that define nature of fake news
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