Fact Check: कोरोना वायरस से नहीं बचाती है अगरबत्ती, वीडियो का दावा झूठा है

अगरबत्ती कोरोना वायरस से नहीं बचा सकती है। यूट्यूब वीडियो पोस्ट का दावा झूठा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। एक यूट्यूब चैनल पर शेयर किए गए वीडियो में दावा किया जा रहा है कि अगरबत्ती जलाकर भी कोविड-19 से लड़ाई लड़ी जा सकती है। वीडियो में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस के लिए वैक्सीन लगाने की जरूरत नहीं, अगरबत्ती से निकली सकारात्मक ऊर्जा वायरस को खत्म कर सकती है।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा झूठा पाया गया है। इस तरह के दावों का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

क्या हो रहा है वायरल

एक तेलुगु यूट्यूब चैनल पर शेयर किए गए वीडियो का अनुवाद कुछ ऐसा है। इसके मुताबिक, ‘वैक्सीन लेने की कोई जरूरत नहीं। अगरबत्ती कोरोना वायरस का इलाज करने के लिए काफी है। कोरोना वायरस नकारात्मक ऊर्जा की वजह से फैल रहा है। इसे रोकने के लिए हम सकारात्मक ऊर्जा का सहारा ले सकते हैं। हाल ही में मैंने एक प्रयोग किया। मैंने अपने घर में अंबिका की अगरबत्ती जलाई और कोरोना गायब हो गया। इसलिए, सुबह और शाम को कम से कम 9-10 अगरबत्ती लगाकर खुद को बचा सकते हैं।’

इस यूट्यूब पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

अगरबत्ती की खुशबू सकारात्मक ऊर्जा से जुड़ी होती है और सकारात्मक ऊर्जा मन और शरीर को शांत करती है। हालांकि, ऐसा कोई प्रमाण नहीं है, जो यह साबित करता हो कि अगरबत्ती से मिलने वाली सकारात्मक ऊर्जा कोरोना वायरस संक्रमण को ठीक कर सकती है।

विश्वास न्यूज को अपनी पड़ताल में साउथ चीन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के रोंग झोउ और चीन टोबैको ग्वांगडोंग इंडस्ट्रीयल कंपनी की अगुआई में साइंस डेली की एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘अगरबत्ती का धुआं म्यूटाजेनिक पाया गया, जिसका अर्थ है कि इसमें ऐसे रासायनिक गुण होते हैं, जो संभवतः आनुवंशिक सामग्री जैसे डीएनए को बदल सकते हैं और इसलिए म्यूटेशंस का कारण बनते हैं।’ इसमें आगे बताया गया है कि इसका मतलब यह हुआ है कि अगरबत्ती का धुआं संभवतः एक सेल के लिए अधिक विषैला होता है, विशेष रूप से इसकी आनुवंशिक सामग्री के लिए।

हमने इस वीडियो के दावे के संदर्भ में इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉक्टर निखिल से बात की। उन्होंने बताया, ‘यह कहना गलत है कि कोरोना वायरस वैक्सीन की जरूरत नहीं और अगरबत्ती जलाकर कोरोना वायरस का इलाज किया जा सकता है।’

हिंदू में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, ‘ऑल इंडिया मेडिकल साइंसेज (एम्स) के डायरेक्टर और मशहूर पल्मोनोलॉजिस्ट रणदीप गुलेरिया ने भारत सरकार से अनुमति प्राप्त वैक्सीन के सुरक्षित होने को रेखांकित करते हुए कोविड-19 की गंभीरता और मृत्यु दर को कम करने के लिए व्यापक टीकाकरण की आवश्यकता पर बल दिया है।

इस वीडियो को शेयर करने वाले यूट्यूब चैनल का नाम Oneindia Telugu है। चैनल के 4 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं।

निष्कर्ष: अगरबत्ती कोरोना वायरस से नहीं बचा सकती है। यूट्यूब वीडियो पोस्ट का दावा झूठा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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