विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की जा रही है। इस वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि फ्लू का टीका लेने के बाद किसी शख्स को कम से कम दो हफ्तों के लिए घर पर ही रहना चाहिए। पोस्ट के मुताबिक, टीका लेने के बाद व्यक्ति कुछ दिनों के लिए खुद संक्रमित हो जाता है और दूसरों में भी संक्रमण फैला सकता है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा फर्जी साबित हुआ है।
क्या है वायरल पोस्ट में
Jodi Graesser नाम के यूजर ने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर की है। अंग्रेजी में लिखी इस पोस्ट में लिखा गया है कि फ्लू का टीका लेने वालों को कम से कम दो हफ्तों तक घर में रहना चाहिए, क्योंकि वे खुद चलते-फिरते वायरस हैं। इसमें आगे लिखा है, ‘किसी को न तो गले लगाएं और न किस करें। जिन्होंने टीका लिया है उन्हें भी तत्काल ये बताएं, ताकि वे आपके पास न आएं।’
पड़ताल
विश्वास न्यूज को कनाडा सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर फ्लू के टीके से संबंधित कुछ जानकारी मिली। वेबसाइट के मुताबिक, फ्लू के टीके को फ्लू से बचाव का सबसे कारगर तरीका माना गया है और 6 महीने या इससे ज्यादा उम्र के सभी लोगों को इसे लेने का सुझाव दिया गया है। इसमें आगे कहा गया है कि फ्लू के टीके सुरक्षित हैं और किसी को भी इन टीकों की वजह से फ्लू नहीं हो सकता।
हमने आगे पड़ताल की और हमें हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की आधिकारिक वेबसाइट पर एक आर्टिकल मिला। वेबसाइट ने इस दावे को फर्जी करार दिया है। इसमें बताया गया है कि फ्लू के टीके से इन्फेक्शन नहीं फैल सकता। वैक्सीन लेने के बाद फ्लू से सुरक्षित होने में एक या दो हफ्ते लगते हैं।
विश्वास न्यूज ने जनरल फिजिशियन डॉक्टर संचयन रॉय से बात की। उन्होंने बताया, ‘यह सच नहीं है। वैक्सीन प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में मदद करती हैं। वैक्सीन में इस प्रकार के कमजोर वायरस या बैक्टीरिया होते हैं जिनसे स्वस्थ प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों में कोई गंभीर बीमारी नहीं होती। असल में ये एंटीबॉडी पैदा कर शरीर को प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करती है। यह दावा कि वैक्सीन लेने वाले लोग कुछ हफ्तों तक संक्रमित हो जाते हैं, फर्जी है।’
आइए जानते हैं कि वैक्सीन कैसे काम करती हैं
यूएस डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेज के मुताबिक, वैक्सीन किसी नकली इन्फेक्शन की मदद से प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में मदद करती हैं। हालांकि, इस तरह के इन्फेक्शन से अधिकतर मामलों में कभी बीमारी नहीं होती, लेकिन प्रतिरोधक तंत्र से टी-लिम्फोसाइट्स और एंटीबॉडी पैदा होता है। कुछ मामलों में वैक्सीन लेने के कुछेक लक्षण जैसे बुखार आदि दिख सकते हैं। ऐसे लक्षण नॉर्मल हैं और शरीर में प्रतिरोधक क्षमता तैयार होते समय ऐसा होने की संभावना होती है।
ऐसा कहीं नहीं बताया गया कि वैक्सीन लिया हुआ शख्स किसी दूसरे के संपर्क में आकर, उसे गले लगा या किस कर वायरस का ट्रांसफर कर सकता है।
निष्कर्ष
यह दावा भ्रामक है कि फ्लू के टीके से लोग संक्रमित हो जाते हैं। वैक्सीन में ऐसे कमजोर वायरस या बैक्टीरिया होते हैं जो स्वस्थ प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को बीमारी का शिकार नहीं बनाते। ये एंटीबॉडी पैदा कर शरीर को प्रतिरोधक क्षमता देते हैं।
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