Fact Check: चिकन खाने से नहीं दी जा सकती कोरोना वायरस को मात; विशेषज्ञों के अनुसार उचित सावधानियां और मेडिकल एडवाइस ज़रूरी

Fact Check: चिकन खाने से नहीं दी जा सकती कोरोना वायरस को मात; विशेषज्ञों के अनुसार उचित सावधानियां और मेडिकल एडवाइस ज़रूरी

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज): वायरल हो रही एक फेसबुक पोस्ट में लिखा है, “चिकन खाओ, कोरोना को हराओ”। पोस्ट के ज़रिये बताने की कोशिश की जा रही है कि चिकन प्रतिरक्षा बढ़ाता है और COVID-19 को मात देने में मदद करता है। विश्वास न्यूज ने जांच की और पोस्ट को फर्जी पाया।

क्या है वायरल पोस्ट में?

डॉ-फहीम अहमद नाम के एक यूजर ने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें लिखा था: “चिकन खाओ, कोरोना को हराओ”

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच शुरू की और पाया कि भले ही चिकन में महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं, लेकिन ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है जो सीधे तौर पर यह सुझाव दे कि चिकन कोरोनावायरस को हरा सकता है।

संयुक्त राज्य अमेरिका के स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट एनआईएच के अनुसार, पोल्ट्री उत्पाद विटामिन बी 6 के प्राथमिक स्रोत में से एक हैं।

हार्वर्ड की स्वास्थ्य वेबसाइट के अनुसार, “जब हम बीमार हों तो चिकन सूप पीने से हमें राहत महसूस होती है। पर इस सवाल का कोई संक्षिप्त जवाब नहीं है कि क्या कोई वैज्ञानिक प्रमाण है कि यह उपचार में सहायता करता है? ऐसे कोई नैदानिक ​​परीक्षण नहीं हैं जो दिखाते हैं कि चिकन अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में बेहतर उपचार है।”

क्या चिकन कोरोनावायरस को रोक सकता है?

डॉ. अनंत पाराशर, एमडी मेडिसिन के अनुसार, “स्वस्थ भोजन करना स्वस्थ शरीर के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। लेकिन, केवल एक पदार्थ वाला आहार ही COVID-19 के खिलाफ प्रतिरक्षा का निर्माण नहीं कर सकता है। नहीं, चिकन कोरोनावायरस को नहीं हरा सकता, अगर ऐसा होता तो सभी रोगियों को ऐसा करने की सलाह दी जाती। COVID-19 की रोकथाम के लिए सभी सावधानियां बरती जानी चाहिए और निश्चित रूप से अच्छा आहार लेना चाहिए।”

वायरल पोस्ट वाला दावा कर्नाटक पोल्ट्री फार्मर्स एंड ब्रीडर्स एसोसिएशन और वेनकॉब द्वारा एक विज्ञापन जारी किए जाने के बाद वायरल हुआ, जो ऑल इंडिया पोल्ट्री डेवलपमेंट एंड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड का हिस्सा है। विज्ञापन स्पष्ट रूप से उस अफवाह के बाद सामने आया जिसमें कहा गया था कि “महामारी के दौरान चिकन और अंडे खाना सुरक्षित नहीं है”। हालांकि, मूल विज्ञापन की भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) ने निंदा की थी और इसे हटाने के लिए कहा गया था। पेटा इंडिया द्वारा विज्ञापन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के बाद ऐसा हुआ था।

इस पोस्ट को डॉ-फहीम अहमद नाम के यूजर ने फेसबुक पर शेयर किया है। जब हमने यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया तो हमने पाया कि यूजर मुल्तान का रहने वाला है।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट