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Fact Check: ईयरफोन या ईयरबड के ज्यादा इस्तेमाल से चेहरे पर लकवा मारने का दावा गलत, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने किया खारिज

ईयरफोन या ईयरबड के ज्‍यादा इस्‍तेमाल से बहरेपन, कान में संक्रमण व दर्द और स्ट्रेस तो हो सकता है, लेकिन इससे चेहरे को लकवा मारने वाला दावा गलत है।

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ई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। ईयरफोन और ईयरबड को लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक डॉक्‍टर कह रहे हैं कि ईयरफोन या ईयरबड के ज्‍यादा इस्‍तेमाल से चेहरे पर लकवा मार सकता है। साथ में ये दावे भी किए गए हैं कि ईयरफोन के अधिक इस्तेमाल से बहरेपन, सिर दर्द, स्ट्रेस व टेंशन में वृद्धि और दिल की बीमारी का खतरा भी रहता है। 

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी जांच में पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल दावा भ्रामक है। डॉक्टरों के अनुसार, ईयरफोन और ईयरबड के ज्यादा इस्तेमाल से बहरापन, कान में दर्द व संक्रमण और स्ट्रेस जैसी स्वास्थ्य समस्याएं तो हो सकती हैं, लेकिन इससे चेहरे पर लकवा मारने वाला दावा गलत है।  

क्‍या है वायरल पोस्‍ट

विश्वास न्यूज के वॉट्सऐप टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर ने इस वीडियो को भेजकर इनकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है।

फेसबुक यूजर ‘मोटिवेशन ऑफ सक्‍सेज लाइफ‘ (आर्काइव लिंक) ने 1 अगस्‍त को वीडियो पोस्‍ट करते हुए लिखा,

“Earphones are very dangerous for your health.

Avoid using earphones. We carefully for your children. Don’t use earphones.

हेडफोन या ईयरफोन के ज्यादा इस्तेमाल के साइड इफेक्ट्स

1. बहरापन

2. हृदय की बीमारी का खतरा

3. सिर में दर्द

4. स्ट्रेस और टेंशन में वृद्धि

5. लकवा”

पड़ताल

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने ईयरफोन या ईयरबड से सेहत को होने वाले नुकसान के बारे में कीवर्ड से गूगल पर सर्च किया और सभी दावों की एक-एक करके जांच की। 

ईयरफोन से लकवा 

सबसे पहले हमने वायरल वीडियो में किए जा रहे दावे के बारे में जांच की। इसमें दावा किया गया है कि ईयरफोन या ईयरबड के अधिक प्रयोग से आधे चेहरे को लकवा मार सकता है। कीवर्ड से सर्च करने पर हमें इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट मिली। 19 नवंबर 2020 को इंडियन एक्‍सप्रेस में पीटीआई के हवाले से छपी रिपोर्ट के अनुसार, “कोविड-19 महामारी के कारण ईयरफोन का उपयोग बढ़ गया है। इस कारण अब डॉक्टरों के पास कान में दर्द, जलन और संक्रमण की शिकायतों वाले अधिक मरीज आ रहे हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले सात-आठ महीने में लंबे समय तक हेडफोन और ईयरपॉड्स के इस्तेमाल से ऐसी शिकायतें बढ़ी हैं। मुंबई के जेजे हॉस्पिटल के ईएनटी विभाग के प्रमुख डॉ. श्रीनिवास चव्‍हाण का कहना है कि हेडफोन लगाकर आठ घंटे से अधिक समय तक काम करने से लोगों के कानों पर अधिक तनाव पड़ रहा है। बिना कीटाणुरहित ईयरपॉड या ईयरप्लग से संक्रमण फैल सकता है। लगातार लंबे समय तक ऊंची आवाज में सुनने से सुनने की क्षमता भी कमजोर हो रही है। डॉ. चव्हाण ने चेतावनी दी कि यदि लोग अपनी आदतें नहीं बदलते हैं तो उनके कानों को ‘स्थायी क्षति’ का सामना करना पड़ सकता है। कान के अंदर का वैक्‍स बैक्टीरिया को मारता है और संक्रमण को रोकता है। कानों को साफ करने के लिए कॉटन बड्स का उपयोग इस वैक्‍स को हटा देता है और कान के अंदरूनी हिस्से को बैक्टीरिया के संक्रमण के संपर्क में ला देता है। इससे आम तौर पर कान में दर्द होता है। उन्‍होंने कहा कि वे हम समय-समय पर लोगों को ईयरफोन हटाने की सलाह देते रहे हैं। कानों को सुरक्षित रखने के लिए ताजी हवा कानों के अंदर जानी चाहिए। वहीं, सेंट जॉर्ज हॉस्पिटल के ईएनटी यूनिट के हेड डॉ. राहुल कुलकर्णी ने कहा क‍ि वयस्क भी कानों में जलन की शिकायत लेकर आ रहे हैं। लंबे समय तक तेज आवाज़ के संपर्क में रहने से लोग चिंतित और गुस्सैल हो जाते हैं। ऐसी शिकायतें आजकल देखने को मिल रही हैं।”

इसके बाद हमने वायरल वीडियो में दिख रहे फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. वरुण दुग्‍गल से संपर्क किया। उनका कहना है, “वायरल वीडियो मेरा ही है। यह दावा मैंने नहीं किया है। मेरे क्लीनिक पर मरीज आई थी, जिसने बताया था कि ईयरफोन के इस्तेमाल से उसके सिर में दर्द के बाद आधे चेहरे पर लकवा मार गया है। इसे बेल्स पैल्सी कहते हैं। मरीज की कोई क्लीनिकल हिस्ट्री नहीं थी। ऐसा कुछ मैंने नहीं कहा है। मरीज ने ऐसा कहा था। मैंने केवल लोगों को सचेत करने के लिए यह वीडियो डाली थी।

डॉ. वरुण ने हमें फेसबुक रील का लिंक भेजा। इसमें मरीज के बयान को देखा जा सकता है। इसमें वह कह रही है कि वह दिन भर ईयरफोन लगाए रहती है, जिससे उसे सिरदर्द होता था। अब उसे ऐसा लग रहा है कि ईयरफोन के कारण उसको यह समस्या आई है। DrVarun Duggal II नाम से बने फेसबुक पेज पर इस रील को 21 जुलाई (आर्काइव लिंक) को अपलोड किया गया है।

इसी पेज पर हमें 22 जुलाई को अपलोड किया गया वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) भी मिला।

इस बारे में बीएलके मैक्‍स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के प्रिंसिपल डायरेक्‍टर एवं न्‍यूरो सर्जरी व न्‍यूरो स्‍पाइन विभाग के हेड डॉ. अनिल कुमार कंसल का कहना है, “ईयरबड से आधे चेहरे को लकवा मारने का दावा गलत है। ऐसा नहीं होता है। यह वीडियो फाल्‍स है। फेस पैरालिसिस और ईयरबड में कोई कनेक्‍शन नहीं है।

वहीं, इंद्रप्रस्‍थ अपोलो हॉस्पिटल के ईएनटी हेड एंड नेक सर्जरी विभाग के हेड डॉ. राजीव पुरी ने भी इस दावे का गलत बताया। उन्‍होंने कहा, “ईयरफोन या ईयरबड से चेहरे पर लकवा होना संभव नहीं है।

बहरेपन की समस्या 

29 दिसंबर 2022 को टाइम्‍स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट में लिखा है, “बीएमजे ग्‍लोबल हेल्‍थ जर्नल में छपे एक अध्‍ययन में लिखा है कि हेडफोन्‍स और ईयरबड्स के प्रयोग से एक बिलियन मतलब एक अरब से ज्‍यादा लोगों पर बहरेपन का खतरा मंडरा रहा है। मेदांता गुरुग्राम के ईएनटी और हेड नेक सर्जरी के चेयरमैन डॉ. केके हांडा ने कहा कि तेज आवाज से बहरेपन की समस्‍या काफी पहले से है। कुछ समय से ऐसे लोगों की संख्‍या बढ़ गई है, जिन्‍हें हेडफोन के अधिक उपयोग से सुनने में दिक्‍कत होने लगी है। इंद्रप्रस्‍थ अपोलो हॉस्पिटल के ईएनटी हेड एंड नेक सर्जरी विभाग के हेड डॉ. राजीव पुरी का कहना है कि आजकल लोग तेज आवाज में गाना सुनते हैं। डॉक्‍टरों ने सलाह दी है कि लंबे समय तक हेडफोन का इस्‍तेमाल नहीं करना चाहिए।”

ओनली माय हेल्‍थ वेबसाइट पर 14 जून 2021 को ईयरफोन अधिक इस्‍तेमाल से होने वाले नुकसान पर खबर छपी है। इसमें मैक्‍स हेल्‍थकेयर गुरुग्राम के ईएनटी एंड हेड एंड नेक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. रविंद्र गेरा के हवाले से लिखा गया है, “ईयरफोन के ज्यादा प्रयोग से कान में संक्रमण और दर्द हो सकता है। लगातार ईयरफोन का बहुत अधिक उपयोग वर्टिगो नामक स्वास्थ्य स्थिति का कारण बन सकता है। वर्टिगो मूल रूप से चक्कर आने की एक चिकित्सीय समस्या है, जो कहीं भी और कभी भी हो सकती है और किसी भी अन्य गतिविधि को बाधित कर सकती है। तेज आवाज के कारण कान की नलिका में दबाव बढ़ने से चक्कर आने लगते हैं। साथ ही यह सुनने की क्षमता भी कम कर सकते हैं। लंबे समय तक ईयरफोन के अत्यधिक इस्तेमाल से फोकस और एकाग्रता की शक्ति कमजोर हो सकती है।”

डॉ. अनिल कुमार कंसल का कहना है, “ईयरबड या ईयरफोन के अधिक प्रयोग से सुनने की क्षमता कम हो सकती है और कान में अजीब तरह की आवाज सुनाई दे सकती है, जिसे टिनिटस कहते हैं।

वहीं, डॉ. राजीव पुरी ने कहा, “ईयरफोन या ईयरबड से सुनने के क्षमता पर असर पड़ता है या कान में संक्रमण हो सकता है।

स्ट्रेस व टेंशन में वृद्धि और हृदय की बीमारी का खतरा

इस बारे में हमने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. ओम शंकर से बात की। उन्होंने कहा, “ईयरफोन के लगातार इस्तेमाल से स्ट्रेस या टेंशन का स्तर बढ़ सकता है। स्ट्रेस इनडायरेक्टली रूप से हार्ट पर असर करेगा या ब्लड प्रेशर पर प्रभाव डालेगा। स्ट्रेस दिल के लिए खतरा है।

ईयरफोन के इस्तेमाल से सिर में दर्द 

दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 26 सितंबर 2022 को छपी खबर में लिखा है, “जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज अस्पताल के ईएनटी विभाग में कार्यरत डॉ. आशुतोष कुमार ने कहा है कि लगातार घंटों ईयरफोन के उपयोग से सिर दर्द होने की संभावना बनी रहती है।”

इससे साफ होता है कि वीडियो में लकवा वाला दावा गलत है, जबकि पोस्‍ट में किए गए कुछ दावे सही हैं।  

अंत में हमने वीडियो शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल को स्‍कैन किया। 29 जनवरी को बने इस पेज की लोकेशन जयपुर दी गई है।

निष्कर्ष: ईयरफोन या ईयरबड के ज्‍यादा इस्‍तेमाल से बहरेपन, कान में संक्रमण व दर्द और स्ट्रेस तो हो सकता है, लेकिन इससे चेहरे को लकवा मारने वाला दावा गलत है।

  • Claim Review : ईयरफोन या ईयरबड के ज्‍यादा इस्‍तेमाल से चेहरे पर लकवा मार सकता है।
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