Fact Check : अदरक के जरिए नहीं किया जा सकता कोरोना से बचाव, वायरल दावा गलत

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो में नजर आ रहा शख्स डॉक्टर जरीर उदवाडिया नहीं है और शख्स जिन उपायों को वीडियो में बता रहा है, वो भी गलत है। विशेषज्ञों के अनुसार अदरक का चूर्ण सूंघना हानिकारक हो सकता है।

Fact Check : अदरक के जरिए नहीं किया जा सकता कोरोना से बचाव, वायरल दावा गलत

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर कोरोना से बचने के लिए अदरक के चूर्ण को सूंघने की सलाह देते एक शख्स का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह शख्स मुबंई के जाने-माने डॉक्टर जरीर उदवाडिया हैं, जो कि कोविड से बचने का तरीका बता रहे हैं। 

हमारी जांच में पता चला कि वायरल वीडियो में नजर आ रहा शख्स डॉक्टर जरीर उदवाडिया नहीं है और शख्स कोरोना से बचाव के लिए जिन उपायों को वीडियो में बता रहा है, वो भी गलत है। विशेषज्ञों के अनुसार, अदरक का चूर्ण सूंघना हानिकारक हो सकता है।

क्या है वायरल वीडियो में ?

फेसबुक यूजर बारी रिपोर्टर ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, यह डॉ जरीर उदवाडिया हैं जो न केवल मुंबई में बल्कि पूरे भारत में प्रसिद्ध डॉक्टरों में से एक हैं। इन्होंने एक बहुत ही सरल उपाय बताया है।

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 


वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। हमने पाया कि यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी समय से अलग-अलग नामों से वायरल है। 

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने मुंबई के डॉक्टर जरीर उदवाडिया के बारे में सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें संस्कृति मंत्रालय का एक प्रेस नोट मिला। प्रेस रिलीज के मुताबिक, डॉक्टर जरीर उदवाडिया मुंबई के प्रसिद्ध डॉक्टर और शोधकर्ता हैं। साल 2016 में द न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी डॉक्टर जरीर उदवाडिया के इनपुट से एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। 

नीचे दी गई तस्वीर में आप दोनों के बीच के अंतर को देख सकते हैं। 

हमारी अब तक की पड़ताल में ये साफ होता है कि वीडियो में दिख रहा शख्स मुंबई के मशहूर डॉक्टर जरीर उदवाडिया नहीं है, बल्कि वीडियो में दिख रहा शख्स कोई और है। अब बारी थी, वीडियो में किए जा रहे दावे की पड़ताल करने की। इसके लिए विश्वास न्यूज ने डॉ. राजीव जयदेवन से बातचीत की। उन्होंने हमें बताया, आजकल लोग शॉर्टकट लेना पसंद करते हैं, फिर चाहे वह स्वास्थ्य में सुधार करने लिए हो या पैसा कमाने लिए, उन्हें शॉर्टकट ही चाहिए। इसलिए वो बिना सोचे-समझे किसी पर भी विश्वास कर लेते हैं, जो कि खतरनाक है। अगर कोई शख्स ये प्रयोग करने की कोशिश करता है, तो वो उसके लिए खतरनाक हो सकता है। श्वसन पथ का सतह काफी बड़ा होता है, वायरस हवा में मिक्स होकर शरीर में आसानी से जा सकता है। ऐसे में  इतने बड़े क्षेत्र को पाउडर के साथ कवर करना असंभव है, बल्कि ऐसा करने से कई अन्य बीमारियां हो सकती हैं। हमारी श्वास नली काफी नाजुक होती है, ऐसा करने से वो डैमेज हो सकती है। साथ ही पाउडर फेफड़ों के वायु थैली में फंस सकता है। ये प्रयोग करना कई तरीकों से खतरनाक है। ऐसी कोई रिसर्च रिपोर्ट या वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है, जो ये कहता हो कि ये प्रयोग कोरोना से बचाव में कारगर है।

इस तरह के वीडियो बनाने वाले लोग अक्सर अल्कलाइन, पीएच वैल्यू, सिंपल सॉल्यूशन और सेफ एंड नेचुरल क्योर शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, ताकि लोगों को आसानी से विश्वास दिलाया जा सके। ऐसी किसी भी पोस्ट पर भरोसा न करें, संक्रमण नजर आने पर डॉक्टर से सुझाव लें।

जांच के अंत में गलत पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की गई। बारी रिपोर्टर की सोशल स्‍कैनिंग में पता चला कि यूजर हैदराबाद का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो में नजर आ रहा शख्स डॉक्टर जरीर उदवाडिया नहीं है और शख्स जिन उपायों को वीडियो में बता रहा है, वो भी गलत है। विशेषज्ञों के अनुसार अदरक का चूर्ण सूंघना हानिकारक हो सकता है।

False
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