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फर्जी और भ्रामक खबरों की पड़ताल के अलावा विश्वास न्यूज टीम पूरे देश में जमीनी स्तर पर न्यूज वेरिफिकेशन और फैक्ट चेक जागरुकता ट्रेनिंग/वर्कशॉप का भी आयोजन करती है। विश्वास न्यूज के इस फ्लैगशिप प्रोग्राम का नाम 'सच के साथी' है। 'सच के साथी' विश्वास न्यूज और जागरण मीडिया की तरफ से चलाई जाने वाली एक ट्रेनिंग और अवेयरनेस ड्राइव है, जिसका लक्ष्य आम लोगों को रोजर्मरा की खबरों में फर्जी खबरों की पहचान करना और उन्हें आगे बढ़ने से रोकने के लिए जागरूक करना है।
इस कैंपेन का लक्ष्य आम आदमी में भी फैक्ट-चेकिंग स्किल विकसित करना है ताकि वह संभावित फर्जी खबर की पहचान और उसका खुलासा कर सके। विश्वास न्यूज डिजिटल रूप से अपनी इस जमीनी गतिविधि और वर्कशॉप के माध्यम से ऐसे लोगों तक पहुंचता है, जो डिजिटल रूप से खास सक्षम नहीं हैं। इस कैंपेन को प्रमाणित और प्रशिक्षित फैक्ट चेकर्स व पूरे देश में फैले दैनिक जागरण के नेटवर्क की मदद से संचालित किया जाता है।
'सच के साथी सीनियर्स' एक मीडिया साक्षरता अभियान है, जिसका उद्देश्य भारत में फेक/फर्जी और भ्रामक सूचनाओं के प्रसार को रोकना है। यह अभियान गूगल न्यूज इनिशिएटिव (जीएनआई) समर्थित है, जिसका अकादमिक भागीदार मुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशंस अहमदाबाद (एमआईसीए) है। इस अभियान का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों को आवश्यक प्रशिक्षण और जागरूकता से लैस करना है। कार्यक्रम 15 राज्यों के 50 शहरों में सेमिनार और वेबिनार की एक श्रृंखला के माध्यम से विश्वसनीय और अविश्वसनीय जानकारी के बीच के अंतर के बारे में जागरूकता फैलाते हुए वरिष्ठ नागरिकों को सूचित निर्णय लेने में मदद कर रहा है।
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सच के साथी फैक्ट्सअप एक मीडिया साक्षरता कार्यक्रम था, जो बड़े पैमाने पर समाज में तथ्य-जांच (फैक्ट-चेक) की शक्ति का प्रसार करके गलत/विघटनकारी सूचनाओं के बारे में अपने पाठकों/यूजर्स को सही जानकारी उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह समर्पित था। सच के साथी अभियान के छठे संस्करण का मुख्य उद्देश्य विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ, अपने पाठकों को ऑनलाइन और ऑफलाइन फैलने वाली झूठी सूचनाओं के खतरे के बारे में शिक्षित करना रहा है। यह प्रशिक्षण संक्षिप्त और आकर्षक तरीके से उन लोगों के लिए प्रस्तुत किया गया, जो समाज के 'सच के साथी' बनना चाहते हैं। विश्वास न्यूज ने भारत के 11 राज्यों और 20 शहरों में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों सत्रों के माध्यम से देश के आम नागरिकों को गलत सूचनाओं को पहचानने और फैक्ट चेक की जानकारी देने का सफल प्रयास किया। और पढ़ें
सच के साथी : विधानसभा चुनाव 2022 (For Healthy Voters) एक मीडिया साक्षरता अभियान था, जिसका लक्ष्य आमजनों के बीच पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के दौरान फैली गलत और भ्रामक पोस्ट और कोविड को लेकर फैले भ्रमों को दूर करना और उन्हें जागरूक करना था। विश्वास न्यूज़ के इस अभियान में 10 से अधिक विशेषज्ञ डॉक्टर्स लाइव जुड़े। 15 फरवरी से 5 मार्च 2022 तक चले इस अभियान से उत्तरप्रदेश के लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, वाराणसी समेत चंडीगढ़ (पंजाब) के प्रतिभागी जुड़े। और पढ़ें
सच के साथी: 'वैक्सीन के लिए हां' (Yes For Vaccine) एक मीडिया साक्षरता अभियान था , जिसका लक्ष्य आमजनों के बीच वैक्सीन को लेकर फैले भ्रमों को दूर करना और उन्हें वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित करना था। विश्वास न्यूज़ के इस अभियान में फैक्ट चेकर्स के अलावा दैनिक जागरण के हेल्थ रिपोर्टर/ न्यूज़ कोऑर्डिनेटर्ज़ ने सहयोग किया। अभियान में 30 से अधिक विशेषज्ञ डॉक्टर्स लाइव जुड़े। मई 2021 से सितंबर तक चले इस अभियान में उत्तरप्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश और झारखंड के 12 शहर जुड़े थे। और पढ़ें
सच के साथी- बिहार चुनाव मीडिया लिटरेसी कैंपेन मुख्य रूप से 3 श्रेणियों में बंटा था:
A- विश्वास न्यूज ने लोगों को इस बात की जानकारी दी कि चुनाव से जुड़ी या सामान्य खबरों को सोशल मीडिया पर देखते हुए क्या करें और क्या न करें। इसके अलावा लोगों को भारत के चुनाव आयोग की तरफ से जारी वोटिंग की प्रक्रिया की भी जानकारी दी गई। साथ ही, कोड ऑफ कंडक्ट से जुड़े कुछ बेसिक टिप्स भी उनके साथ साझा किए गए।
B- विश्वास न्यूज ने लोगों को कोविड-19 और इससे जुड़ी भ्रामक खबरों से बचने को लेकर जागरूक किया।
C- विश्वास न्यूज का उद्देश्य फैक्ट चैंपियंस की एक मजबूत हाइपरलोकल कम्युनिटी बनाना था ताकि बिहार चुनाव से जुड़े दुष्प्रचार पर लगाम लगाई जा सके।
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विश्वास न्यूज ने 'सच के साथी 2 - हेल्थ फैक्ट चेक' का आयोजन लोगों को जागरूक करने के लिए किया। इसके तहत विश्वास न्यूज टीम 5 राज्यों के 6 शहरों में गई। इन शहरों में वर्कशॉप आयोजित कर लोगों को हेल्थ से जुड़ी फर्जी/गलत सूचनाओं की पहचान करने की ट्रेनिंग दी गई। हमारी इस पूरी कवायद का मुख्य उद्देश्य घातक कोरोना वायरस के खिलाफ जागरूकता फैलाना और बचाव के उपाय बताना था। कार्यक्रम के तहत ट्रेनिंग पाए लोगों को ‘फैक्ट चेक चैम्प’ कहा गया। ये चैम्प अपने सोशल सर्किल (परिवार, दोस्त और सहकर्मी) के लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी गलत सूचनाओं के खिलाफ जागरूक करके इस मुहिम को आगे बढ़ाए। विश्वास न्यूज फैक्ट चेकिंग के क्षेत्र में जागरण न्यू मीडिया की एक खास पहल है। यह इंटरनेशनल फैक्ट चेकिंग नेटवर्क (IFCN) से प्रमाणित भी है। और पढ़ें
'सच के साथी' फर्जी खबरों के खिलाफ एक ट्रेनिंग प्रोग्राम है। मिसइन्फॉर्मेशन और समाज पर इसके असर को लेकर आम लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम को शुरू किया गया। इस ट्रेनिंग कार्यक्रम के तहत विश्वास न्यूज की टीम भारत के 3 राज्यों के 9 शहरों तक पहुंची। इन शहरों में लोगों को फर्जी खबरों की पहचान करने और खुद से इनसे बचने को लेकर ट्रेनिंग दी गई। इस कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य लोगों को फर्जी खबरों के प्रति जागरूक करना और फैक्ट चेकिंग से जुड़ी चीजों को अपने सामाजिक दायरे, परिवार, दोस्त, सहयोगियों के साथ साझा करने के लिए प्रोत्साहित करना था।' और पढ़ें
विश्वास न्यूज मीडिया लिटरेसी पर साप्ताहिक वेबिनार आयोजित किये गए इसमें कोरोना वायरस और इसके रोकथाम से जुड़ी फर्जी खबरों के बारे में भी लोगों को जागरूक किया गया। इस एक घंटे के वीडियो कॉन्फ्रेंस में फैक्ट चेकर्स और एक्सपर्ट ने न केवल कोरोना वायरस से जुड़ी फर्जी खबरों का खुलासा किया बल्कि लोगों को इनकी खुद से पहचान करने का तरीका भी बताया। वेबिनार के दौरान कोरोना वायरस से जुड़ी ताजातरीन आधिकारिक जानकारियां भी ऑडियंस के साथ साझा की गयीं। साथ ही साथ, कोरोना वायरस से बचाव के उपायों, अपने परिवार को सुरक्षित रखने के तरीकों, कोरोना संक्रमण के लक्षणों और बीमारी में मदद पाने के तरीकों इत्यादि की भी जानकारी दी गयी। सच के साथी सीनियर्स समाप्त होने तक वेबिनार रूके हुए हैं।
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