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फैक्ट चेक & मीडिया लिटरेसी ड्राइव - सच के साथी

Fact Check Sessions Conducted by Team Vishvas News members

राजेश उपाध्याय

एडिटर इन चीफ
राजेश उपाध्याय वरिष्ठ पत्रकार हैं। इन्हें मेनस्ट्रीम मीडिया में 20 वर्षों से अधिक समय तक काम करने का अनुभव है। प्रिंट और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में इन्हें एक लंबा अनुभव है। वर्तमान में वे जागरण समूह के डिजिटल आर्म जागरण न्यू मीडिया के एडिटर-इन-चीफ और वाइस प्रेसिडेंट हैं। वे जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएट हैं और आईआईएम (इंदौर) के एडिटोरियल डेवेलपमेंट प्रोग्राम के पूर्व छात्र हैं। ऑनलाइन मीडिया के लिए कंटेंट की रणनीति तय करने से लेकर उसे अंतिम रूप देने तक हर कार्य में निपुण हैं। गूगल न्यूज़ इनीशिएटिव द्वारा सर्टिफाइड फैक्ट चेक और न्यूज़ वेरिफिकेशन एक्सपर्ट हैं।

फेक न्यूज़ के संबंध में गूगल, फेसबुक, क्राउडटैंगल, आईसीएफजे आदि द्वारा आयोजित अनेक वर्कशॉप अटेंड कर चुके हैं। प्वाइंटर यूनिवर्सिटी द्वारा फेक न्यूज़ पर ऑनलाइन शॉर्ट टर्म कोर्स भी इन्होंने किया है। फैक्ट चेकिंग और न्यूज़ वेरिफिकेशन पोर्टल विश्वास न्यूज़ को मूर्त रूप देने वाले प्रमुख लोगों में से हैं।

प्रत्‍युष रंजन

सीनियर एडिटर
जागरण न्यू मीडिया और विश्वास न्यूज में सीनियर एडिटर प्रत्यूष रंजन के पास डिजिटल मीडिया में 16 वर्ष से अधिक का अनुभव है। फैक्ट चेकिंग, डिजिटल कंटेट मैनेजमेंट (हिन्दी और अंग्रेजी), न्यूजरूम एंड एडिटोरियल प्रोसेस मैनेजमेंट, क्रॉस फंक्शनल टीम लीडरशिप, राइटिंग, एडिटिंग, सर्च इंजन और सोशल मीडिया ऑप्टिमाइजेशन एवं न्यूजरूम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के इस्तेमाल जैसे क्षेत्रों में उन्हें विशेषज्ञता हासिल है। वह इससे पहले ईटीवी न्यूज, इंस्टाब्लॉग्स, इंडिया टूडे डिजिटल, दैनिक भास्कर डिजिटल, हिन्दुस्तान टाइम्स ऑनलाइन, न्यूज नेशन डिजिटल और इंडिया टीवी डिजिटल जैसे प्रमुख मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। प्रत्यूष गूगल न्यूज इनिशिएटिव के इंडिया ट्रेनिंग नेटवर्क के साथ सर्टिफाइड फैक्ट चेकर के रूप में काम करते हैं। प्रत्यूष ने हाल में प्रतिष्ठित ‘JournalismAI’ ग्लोबल प्रोजेक्ट में संस्थान का प्रतिनिधित्व किया है। इस छह माह के प्रोजेक्ट के तहत पत्रकारिता में आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की भूमिका को समग्र अध्ययन किया गया। ‘JournalismAI’ लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पोलिटिकल साइंस के जर्नलिज्म थिंक टैंक POLIS का प्रोजेक्ट है, जिसे Google News Initiative का भी समर्थन प्राप्त है। प्रत्यूष के पास दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रतिष्ठित हिन्दू कॉलेज से पोलिटिकल साइंस और इंटरनेशनल रिलेशन में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री है। इसके साथ ही उनके पास दिल्ली यूनिवर्सिटी से ‘पीजी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म’ की डिग्री भी है।

उर्वशी कपूर

मुख्य उप संपादक
उर्वशी कपूर जागरण न्यू मीडिया में चीफ सब एडिटर के पद पर हैं और विश्वास न्यूज के साथ बतौर फैक्ट चेकर जुड़ी हुई हैं। उर्वशी कपूर जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएट हैं। उर्वशी GNI इंडिया ट्रेनिंग नेटवर्क में ट्रेनर हैं। उर्वशी को डाटा, फैक्ट्स और फेक न्यूज के खिलाफ इस्तेमाल होने वाले टूल्स में महारत हासिल है। उर्वशी ने इसके अलावा कई और सर्टिफिकेशन कोर्स किए हैं जिसमें प्वाइंटर यूनिवर्सिटी से फैक्ट चेकिंग, गूगल से गूगल एनालिटिक्स और डिजिटल मार्केटिंग, हबस्पॉट से ईमेल मार्केटिंग, क्राउड टैंगल में कंटेंट डिस्कवरी, फेसबुक ब्लूप्रिंट से स्टोरी टेलिंग और कंज्यूमर इंगेजमेंट शामिल हैं। उर्वशी ने टैक्सस यूनिवर्सिटी, ऑस्टिन के ‘द नाइट सेंटर फॉर जर्नलिज्म’ से ‘Strategies for increasing reach & engagement of journalism’ का कोर्स भी किया हैI उर्वशी पावर ऑफ डिजिटल मीडिया और ईमानदार पत्रकारिता में विश्वास करती हैं। उनका मानना है कि वर्ल्ड को फेक न्यूज से पूरी तरह से मुक्त होना चाहिए।

संशोधन

1: मई 31, 2020
हमारी टीम की सदस्य (एम्पलॉय आईडी PN0059) ने इन स्टोरी को 31 मई को अपडेट किया. स्टोरी में से एक ऐसा पैराग्राफ हटाया गया, जिसकी इसमें कोई आवश्यक्ता नहीं थी.
https://www.vishvasnews.com/english/health/fact-check-no-who-didnt-warn-against-consuming-cabbage-to-prevent-covid-19/
https://www.vishvasnews.com/english/health/fact-check-no-mustard-oil-cannot-cure-coronavirus-however-it-has-certain-health-benefits/
https://www.vishvasnews.com/english/health/fact-check-who-didnt-issue-proposal-for-extending-lockdowns-to-control-covid-19-fake-post-getting-viral-2/