आखिर कितनी उम्र तक जी सकता है इंसान? विश्वास न्यूज ने लंबी उम्र के कारण और सीमाएं समझने के लिए बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के जेरिएट्रिक मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर शंख शुभ्र चक्रवर्ती से विस्तार से बात की।
नई दिल्ली। पिछले दिनों दुनियाभर में भारत के एक बुजुर्ग का वीडियो काफी वायरल हुआ। बुजुर्ग को लेकर दावा किया गया कि 188 की उम्र के ये शख्स एक गुफा में थे। किसी ने इसे चमत्कार बताया तो किसी ने भारत के अध्यात्म की ताकत। विश्वास न्यूज ने विस्तार से पड़ताल कर अपने पाठकों तक सच पहुंचाया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया के सबसे बुजुर्ग शख्स जॉन टिनिसवुड हैं। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज इस शख्स की उम्र 112 साल है।
इसी साल वेनेजुएला के 114 साल के जॉन विसेंटे पेरेज के निधन के बाद ब्रिटेन के टिनिसवुड को दुनिया के सबसे बुजुर्ग आदमी के रिकॉर्ड से नवाजा गया है। फिलहाल टिनिसवुड ब्रिटेन के मर्सीसाइड के साउथपोर्ट के केयर होम में रहते हैं।
विश्वास न्यूज ने लंबी उम्र का राज समझने के लिए बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के जेरिएट्रिक मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर शंख शुभ्र चक्रवर्ती से संपर्क किया। उन्होंने विस्तार से लंबी उम्र के कारणों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विज्ञान में किसी भी चीज को असंभव बोलना बहुत मुश्किल है। आज जो असंभव लगता है, हो सकता है कि आगे चलकर वह संभव हो जाए।
भारत के संदर्भ में बात करें तो यहां लोगों की औसत उम्र बढ़ी है। इसके लिए बेहतर हेल्थ केयर और हाइजिन प्रमुख रूप से जिम्मेदार है। जिसके कारण, कुपोषण और इन्फेक्शन में गिरावट आई है। यहां औसत उम्र 40 साल से बढ़कर 67 वर्ष हो गई है। औसत उम्र 100 से ऊपर जाने के लिए अपक्षयी रोग (degenerative disease) जैसे कि अल्जाइमर, पार्किंसंस, ऑस्टियोआर्थराइटिस, हृदय की स्थिति, किडनी की समस्या आदि बीमारियों पर नियंत्रण चाहिए। इसे लेकर वैज्ञानिक अभी भी काफी लाचार हैं।
प्रोफेसर शंख शुभ्र चक्रवर्ती कहते हैं कि जहां तक लंबी उम्र के पीछे के रहस्य की सच्चाई है, उसे लेकर दुनियाभर में शोध चल रहा है। दुनिया के बाकी देशों की तुलना में जापान और स्कैंडिनेवियाई देशों की औसत उम्र ज्यादा है। इसके लिए वहां का वातावरण, जीवनशैली, खानपान जिम्मेदार है। हेल्थ केयर फैसिलिटीज काफी बेहतर होने से भी लंबी उम्र पर प्रभाव पड़ता है।
दुनियाभर में लोगों की उम्र बढ़ रही है। संयुक्त राष्ट्र के एक अनुमान के अनुसार, सदी के मध्य तक लोगों की औसत आयु बढ़कर 77 वर्ष हो सकती है। जीवन प्रत्याशा में वृद्धि और प्रजनन स्तर में गिरावट के कारण दुनिया की आबादी बूढ़ी हो रही है। सबसे गरीब देशों में लोग अभी भी वैश्विक औसत से 7 साल कम जीते हैं। दुनिया में जन्म के समय जीवन प्रत्याशा 1990 में 64.2 वर्ष से बढ़कर 2019 में 72.6 वर्ष हो गई, जिसके 2050 में और बढ़कर 77.1 वर्ष होने की उम्मीद है।
बीबीसी की एक खबर के मुताबिक, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं, मसलन वैक्सीन, एंटीबायोटिक्स और बेहतर दवाओं के विकास के अलावा साफ- सफाई, खाने-पीने और जीने की स्थितियां बेहतर होने से औसत उम्र बढ़ी है। इसी खबर में आगे बताया गया कि लंबी उम्र के लिए आनुवांशिक वजह सबसे प्रमुख कारण होता है, लेकिन दूसरी बातें भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। जैसे शख्स जहां पैदा हुआ है, वहां की स्थिति कैसी थीं। इसके अलावा इंसान के खुद के फैसले भी काफी हद तक लंबी उम्र के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। बेहतर हेल्थ सिस्टम और अच्छी डाइट के साथ ‘स्मार्ट डिसीजन’ भी उम्र बढ़ा सकते हैं। जैसे कि संतुलित डाइट (खान-पान), भरपूर नींद लेने, तनाव पर नियंत्रण हासिल करने और व्यायाम करने से जुड़े फ़ैसले।
डिस्क्लेमर : दुनियाभर में लंबी उम्र के कारण को समझने के लिए शोध हो रहे हैं। इसलिए अभी किसी भी अंतिम या तय नतीजे पर पहुंचा संभव नहीं है। यह लेख एक्सपर्ट और प्रकाशित रिपोर्ट और खबरों के अनुसार लिखा गया है।
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