Explainer : माइट्स के काटने से फैलता है स्क्रब टाइफस, लक्षण और बचाव के बारे में जानें
सक्रिय रूप से सुरक्षा उपाय अपनाकर और सही समय पर इलाज कराकर स्क्रब टाइफस से बचा जा सकता है और इसका सफल इलाज संभव है।
- By: Ashish Maharishi
- Published: Oct 9, 2024 at 05:44 PM
नई दिल्ली। संक्रामक रोग स्क्रब टाइफस का प्रकोप देश के कई हिस्सों में देखने को मिल रहा है। हिमाचल प्रदेश, राजस्थान के अलावा यूपी के कुछ हिस्सों में भी स्क्रब टाइफस के मरीज सामने आए हैं। शिमला में तो स्क्रब टाइफस के कारण एक व्यक्ति की मौत भी हो गई। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वरिष्ठ डॉक्टर प्रो. विजय नाथ मिश्रा कहते हैं कि स्क्रब टाइफस एक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो मुख्य रूप से माइट्स के काटने से फैलता है। इसके लक्षण दिखने पर बिलकुल भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए। इसे गंभीरता से लेते हुए तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।
स्क्रब टाइफस के प्रकोप की बात की जाए तो यह मुख्य रूप से मानसून और इसके बाद के महीनों (जुलाई से नवंबर) में ज्यादा होता है। यह बीमारी उन क्षेत्रों में ज्यादा होती है, जहां बारिश और नमी अधिक होती है, जैसे भारत के ग्रामीण और पहाड़ी इलाके।
मानसून और नमी वाले मौसम में माइट्स की संख्या बढ़ जाती है। यह छोटे कीड़े गीली मिट्टी, घास और झाड़ियों में पनपते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा अधिक रहता है। बरसात में किसान और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग खेतों और घास वाले क्षेत्रों में ज्यादा काम करते हैं, जिससे माइट्स के संपर्क में आने की आशंका बढ़ जाती है। बारिश के मौसम में झाड़ियों और घास का ज्यादा उगना माइट्स के पनपने के लिए अनुकूल होता है, जो इंसानों को आसानी से काट सकते हैं।
स्क्रब टाइफस से बचना है तो ध्यान रखें इन बातों का
खुद को बचाएं : स्क्रब टाइफस से खुद को बचाने के लिए लंबी बाजू के कपड़े पहनें। कोशिश करें कि शरीर को ढककर रखें। खासतौर से जंगल या खेतों में।
माइट्स से बचाव : माइट्स के काटने से बचने के लिए कीटनाशक (repellents) का उपयोग करें, खासकर ग्रामीण और झाड़ीदार क्षेत्रों में।
साफ-सफाई का ध्यान : घर और आसपास की जगहों को हमेशा साफ-सुथरा रखें। समय-समय पर घास, झाड़ियों को काटते रहें, ताकि माइट्स का खतरा कम से कम हो।
लक्षणों पर नजर : माइट्स के काटने के बाद घाव या लाल धब्बा भी दिखाई दे सकता है। यदि बुखार है, शरीर पर दाने हैं, तेज सिरदर्द, सांस फूलना और थकान जैसे लक्षण हैं, तो इसे पूरी गंभीरता से लें।
स्क्रब टाइफस का इलाज
प्रोफेसर विजय नाथ मिश्रा कहते हैं कि कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। देर से इलाज करने पर स्थिति गंभीर हो सकती है। स्क्रब टाइफस के इलाज के बारे में प्रोफसर विजय नाथ मिश्रा विस्तार से बताते हुए निम्नलिखित इलाके के बारे में बताते हैं।
एंटीबायोटिक्स : स्क्रब टाइफस का मुख्य इलाज एंटीबायोटिक्स (जैसे डॉक्सीसाइक्लिन) से होता है। शुरुआती चरण में इलाज करने पर रोगी जल्दी स्वस्थ हो सकता है।
प्रोपर हाइड्रेशन : मरीज को हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी है। मरीज को पानी पिलाते रहें, ताकि शरीर में पानी की कमी नहीं हो।
आराम : बीमारी के दौरान मरीज को पूरी तरह से आराम करने दें। आराम से शरीर को रिकवरी में मदद मिलेगी।
फॉलोअप : मरीज को दवा की पूरी खुराक दें। नियमित रूप से डॉक्टर के पास फॉलोअप के लिए जाएं, ताकि बीमारी पूरी तरह ठीक हो सके और कोई जटिलता न हो।
डॉक्टर्स कहते हैं कि सक्रिय रूप से सुरक्षा उपाय अपनाकर और सही समय पर इलाज कराकर स्क्रब टाइफस से बचा जा सकता है और इसका सफल इलाज संभव है।
डिस्क्लेमर : यह लेख केवल जानकारी के लिए है। किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर अपने चिकित्सक से संपर्क करें।
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