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Explainer: पेरिस ओलंपिक में अयोग्य घोषित हुईं विनेश फोगाट, जानिए क्या है नियम ?

पेरिस ओलंपिक में भारत को तगड़ा झटका लगा है। दरअसल, महिला रेसलिंग के 50 किलोग्राम भार वर्ग में भारत को गोल्ड की उम्मीद थी। हालांकि, विनेश फोगाट का वजन 50 किलोग्राम से कुछ ग्राम ज्यादा होने की वजह के कारण उन्हें कुश्ती से अयोग्य घोषित करते हुए डिसक्वालिफाई कर दिया गया है। उन्होंने क्यूबा की युसनेलिस गुजमैन लोपेज को 5-0 से हराकर फाइनल में अपनी जगह बनाई थी। एक तरफ जहां सभी को उनसे गोल्ड की उम्मीद थी,बदलती परिस्थितियों के बादअब वो सिल्वर से भी चूक गई हैं।

  • By: Pragya Shukla
  • Published: Aug 8, 2024 at 03:18 PM
  • Updated: Aug 14, 2024 at 10:37 AM

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। पेरिस ओलंपिक में भारत को तगड़ा झटका लगा है। दरअसल, महिला रेसलिंग के 50 किलोग्राम भार वर्ग में भारत को गोल्ड की उम्मीद थी। हालांकि, विनेश फोगाट का वजन 50 किलोग्राम से कुछ ग्राम ज्यादा होने की वजह के कारण उन्हें कुश्ती से अयोग्य घोषित करते हुए डिसक्वालिफाई कर दिया गया है। उन्होंने क्यूबा की युसनेलिस गुजमैन लोपेज को 5-0 से हराकर फाइनल में अपनी जगह बनाई थी। एक तरफ जहां सभी को उनसे गोल्ड की उम्मीद थी,बदलती परिस्थितियों के बादअब वो सिल्वर से भी चूक गई हैं।

विनेश फोगाट ने ओलंपिक में अपना डेब्यू साल 2016 में रियो ओलंपिक से किया था। उस दौरान क्वालिफाइंग इवेंट मंगोलिया के उलानबटार में हो रहे थे। उस समय फोगाट 48 किग्रा वर्ग कैटेगरी से खेल रही थी। उस दौरान भी उनके साथ ऐसा ही हुआ था। उनका वजन उनके वर्ग से 400 ग्राम ज्यादा था, जिसके कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसके बाद एशियाई खेलों में वो 50 किलोग्राम की कैटेगरी से कुश्ती लड़ी और गोल्ड मेडल हासिल किया। फिर साल 2019 में उन्होंने विश्व चैंपियनशिप में 53 किलोग्राम वाली कैटेगरी से भाग लिया और कांस्य पदक जीता। बार-बार इस बदलाव से जूझने के बाद उन्होंने 53 किलोग्राम वाली कैटेगरी से रेसलिंग करने का फैसला किया और कई खेलों में हिस्सा लिया। साल 2022 में उन्होंने विश्व चैंपियनशिन में 53 कैटेगरी वर्ग में कांस्य  पदक जीता। इसके बाद वो  डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में आगे रही। 

मार्च में ओलंपिक के शुरू होने से पहले विनेश फोगाट दो वेट कैटेगरी  50 और 53 किलो से लड़ना चाहती थी। इसलिए उन्होंने  पटियाला के स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया परिसर में काफी हंगामा भी किया था। हंगामे के बाद उन्हें दोनों वेट कैटेगरी से लड़ने दिया गया था, जिसके बाद वो 50 किलो वाली वेट कैटेगरी में शिवानी पवार से और 53 किलो वाली कैटेगरी में अंजू से लड़ी थी। हालांकि, वो 53 किलो वाली कैटेगरी में अंजू से 0-10 से हार गई थी और क्वालिफाई  नहीं कर पाई थी। वहीं, 50 किलो वाली कैटेगरी में उन्होंने शिवानी पवार को 11-6 से हरा दिया था।

विनेश फोगाट के ओलंपिक क्वालिफायर से पहले ऐसी कई खबरें आई थी कि वो ओलंपिक क्वालिफायर के लिए क्वालिफाई नहीं हो पाई थी। इस दौरान विश्वास न्यूज ने ऐसी खबरों की पड़ताल कर सच्चाई सामने रखी थी।

विनेश फोगाट ने ओलंपिक क्वालिफायर के क्वार्टर फाइनल में कंबोडिया की समनांग दित को हराया था और सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। वहीं. उन्होंने सेमीफाइनल में कजाकिस्तान की लौरा गिनिक्यजी को 10-0 से हराकर ओलंपिक में कोटा हासिल किया था।

तो चलिए जानते हैं कि आखिर क्या है कुश्ती में वजन को लेकर नियम और कानून।

वजन से जुड़े नियम-

पेरिस ओलंपिक में महिला कुश्ती कई वेट कैटेगरी में होती है। जैसे- 50 किग्रा, 53 किग्रा, 57 किग्रा, 62 किग्रा, 68 किग्रा, 76 किग्रा। हर वर्ग में निष्पक्षता रखने के लिए रेसलर का वजन समय-समय पर चेक किया जाता है। मैच से पहले की शाम को और सुबह करीब दो बार रेसलर का पूरा हेल्थ चेकअप किया जाता है और उनके वजन को चेक किया जाता है। जिस दिन उनका मैच होता है उस दिन सुबह भी उनका वजन चेक किया जाता है, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि सभी रेस का वजन उनके कैटेगरी के अनुसार सही है। 

हमने इन नियमों को अच्छी तरह से समझने के लिए यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के नियमों को देखा और समझा। 

ओलंपिक में रेसलिंग मैच प्रतियोगिता दो से तीन दिनों की होती है। इसमें भाग लेने वाले खिलाड़ियों का कई बार हेल्थ और वजन चेक किया जाता है और हर बार प्रत्येक खिलाड़ी को उसके वर्ग के मुताबिक वजन रखना होता है। हेल्थ चेक करने आई कमेटी अपने नियमों को लेकर काफी सख्त  होती है। इस दौरान खिलाड़ियों को केवल सिंगलेट यानी स्लीवलेस शर्ट ही पहनने की इजाजत होती है। इस दौरान नियमों से कोई समझौता नहीं किया जाता है। अगर कोई खिलाड़ी इन नियमों पर खरा नहीं उतर पाता है, तो कमेटी उन्हें आयोग्य घोषित कर देती है। वजन के साथ-साथ यह भी चेक किया जाता है कि खिलाड़ियों को कोई संक्रामक रोग तो नहीं है। उनके नाखून भी चेक किए जाते हैं कि वो छोटे हैं या नहीं। 

चेकअप की यह पूरी प्रक्रिया मैच से पहले शाम को होती है उस दौरान यह आधे घंटे की होती है। फिर सुबह इस प्रक्रिया को दोहराया जाता है। उस दौरान यह प्रक्रिया 15 मिनट की होती है। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान खिलाड़ियों के पास यह हक होता कि वो एक से ज्यादा बार मशीन से अपने वजन को चेक करवा सकते हैं।

कुश्ती के प्रकार और नियम

ओलंपिक में कुश्ती दो तरह की होती है। पहला फ्रीस्टाइल और दूसरा ग्रीको-रोमन। दोनों ही कुश्ती के नियम लगभग एक जैसे ही हैं। हालांकि,  इसमें सबसे बड़ा अंतर यह है कि ग्रीको-रोमन में रेसलर कमर से नीचे अटैक नहीं करते हैं। इसके साथ ही अपने प्रतिद्वंद्वी को होल्ड करने के लिए पैरों का इस्तेमाल भी नहीं किया जाता है। 

कुश्ती के नियमों के बारे में बात करें तो पहले नियम यह है कि खिलाड़ियों को अपने सामने वाले को चित करना होता है। ऐसा करने पर खिलाड़ी को अंक मिलते है। 

फ्रीस्टाइल में रेसलर होल्ड, थ्रो, टेकडाउन के जरिए अंक प्राप्त करते हैं। रेसलर प्रतिद्वंद्वी को मैट पर उनकी पीठ को लगाकर या रिवर्सल करके अंक हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा अगर कोई रेसलर अपने प्रतिद्वंद्वी के साथ सही व्यवहार नहीं कर रहा है तो उसके सामने वाले रेसलर को अंक दिए जाते हैं। बचाव करके भी अंक हासिल किए जाते हैं। 

कुश्ती में चेतावनी के जरिए भी फैसला किया जाता है। अगर कोई रेसलर तीन चेतावनी के बाद भी नहीं सुनता है, तो उसे अयोग्य घोषित कर दिया जाता है। 

यह मुकाबला कुल छह मिनट का होता है और इसे तीन मिनट के तीन राउंड होते हैं। कई मुकाबलों में यह समय दो मिनट भी होता है। इन राउंड्स के बीच में 30 सेकंड का ब्रेक दिया जाता है।  जो भी रेसलर इन राउंड्स में सबसे अधिक अंक हासिल करता है उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है। 

हमने रिपोर्ट में बेसिक नियमों के बारे में बताया है। कुश्ती के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने के लिए आप यहां और यहां पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।

डॉक्टर, पत्रकार और खिलाड़ियों की राय-

हमें espn की वेबसाइट पर खिलाड़ियों के वजन से जुड़ी एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट को साल 2021 में प्रकाशित किया गया है। रिपोर्ट में कई खिलाड़ियों के वजन को लेकर होने वाली परेशानी के अनुभव के बारे में बताया गया है। टोक्यो ओलंपिक में 50 किलोग्राम में कुश्ती लड़ने वाली सीमा बिस्ला ने अपने अनुभव को शेयर करते हुए बताया है कि वजन कुश्ती में एक अहम भूमिका निभाता है। वजन को कैटेगरी के अनुसार बनाए रखना आसान नहीं है। अगर आप ऐसा कर भी लेते हैं तो  इसका ये मतलब नहीं है कि आप मैच जीत जाएंगे। मैच के बाद मसल्स और स्ट्रेंथ बढ़ने लगती है और उसके बाद उसे काबू में लाना और फिर से अगले दिन वजन घटाना काफी मुश्किल होता है। हमें बिना कुछ खाए-पिए ट्रेनिंग करनी होती है।

दूसरे रेसलर रवि दहिया का कहना है कि मिठाई या चॉकलेट तो छोड़िए अगर मैं 10 दिन सिर्फ सामान्य रूप से खाना खा लूं, तो मेरा वजन 61 से 70 किलोग्राम आ जाता है। आप सो भी नहीं सकते और आप किसी से बात भी नहीं कर सकते। आपके सामने खाना और पानी है और आप उसे छू नहीं सकते। यह एक अलग तरह का एहसास है। केवल एक रेसलर ही आपको बता सकता है कि उस दिन उस पर क्या-क्या गुजरता है।

ओलंपिक की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार, भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनशॉ पारदीवाला का कहना है, “कुश्ती में खिलाड़ी आमतौर पर अपने वजन से कम वजन वाली श्रेणी में भाग लेते हैं। इससे उन्हें फायदा होता है, क्योंकि वे कम मजबूत प्रतिद्वंद्वी से लड़ते हैं। वजन कम करने की प्रक्रिया में खाना और पानी को नियंत्रित करना, व्यायाम और सोना  से पसीना निकालना शामिल होता है, जब तक कि सुबह वजन का समय नहीं आ जाता। वजन कम करने से कमजोरी और ऊर्जा की कमी होती है, जो खेलने के लिए उल्टा पड़ता है। वजन बढ़ाने के बाद सीमित पानी और हाई एनर्जी वाले भोजन दिए जाते हैं। विनेश के पोषण विशेषज्ञ ने इसकी गणना 1.5 किलो ग्राम की थी। कभी-कभी प्रतियोगिता के बाद वजन में वापसी भी होती है। विनेश के 3 मुकाबले थे और इसलिए, निर्जलीकरण को रोकने के लिए थोड़ी मात्रा में पानी देना पड़ता था। प्रतियोगिता के बाद यह पाया गया कि उनका वजन बढ़ गया। कोच ने सामान्य वजन घटाने की प्रक्रिया शुरू की, जो उन्होंने हमेशा विनेश के साथ की थी और उन्हें विश्वास था कि यह हासिल हो जाएगा। हालांकि, विनेश का वजन उनके 50 किलो वजन वर्ग से 100 ग्राम अधिक पाया गया। इसके बाद उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। बाल काटने सहित सभी संभावित कठोर उपायों का उपयोग किया गया था।इतना सब करने के बावजूद  विनेश का वजन  50 किलो से अधिक था। अयोग्य घोषित हो जाने के बाद विनेश को निर्जलीकरण से बचाने के लिए IV फ्लुइड्स दिए गए। इसके अलावा, हम यह सुनिश्चित करने के लिए कि सब कुछ ठीक है, स्थानीय अस्पताल में ब्लड टेस्ट भी करवा रहे हैं।”

हमने डाइटिशियन और एम्स की एक्स रिसर्चर खुशबू गुप्ता से विनेशा फोगाट की स्थिति को लेकर बात की। उनका कहना है कि वजन कभी भी समान नहीं रहता है। यह पूरे दिन में बदलता रहता है और यह एक आम-सी बात है। वजन कई फैक्ट्स की वजह से बढ़ता है। उन्होंने मैच खेला और उसके बाद उन्होंने क्या खाया। मैच से पहले उन्होंने किस तरह का खाना खाया और बाद में उन्होंने किस तरह का खाना खाया। इस पूरे प्रॉसेस से गुजरने के बाद कुश्ती लड़ी और उसकी वजह से आपकी बॉडी पर किस तरह का फर्क पड़ा। बॉडी इन सब चीजों से भी खुद को रिकवर  करने की कोशिश करती है। इस फैक्टर की वजह से भी वजन पर फर्क पड़ता है। स्ट्रेस यानी तनाव, सेल्स में वाटर रिटेंशन ज्यादा होना, उनका शरीर किस तरह से काम कर रहा है। उनके पीरियड्स आने वाले हैं और हार्मोनल  चेंज। ये सभी चीजें भी वजन पर काफी फर्क डालती हैं। विनेश फोगाट ने जिस तरह से रातभर मेहनत की और बिना कुछ खाये-पिए यह सब किया। कई बार ऐसा करना शरीर के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है। नींद भी वजन को लेकर एक अहम भूमिका निभाती है। आप ठीक से सोए हैं या नहीं आप कितना सोए हैं इससे भी वजन पर काफी फर्क पड़ता है। 

अधिक जानकारी के लिए हमने पूर्व खेल पत्रकार प्रदीप मैगजीन से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि खिलाड़ी मैच से पहले अपने वजन पर काफी काम करते हैं। उन्हें अपनी कैटेगरी के मुताबिक अपने वजन पर काम करना होता है। मैच से पहले वो कुछ खाते-पीते भी नहीं है और अपने वजन पर काम करते हैं। हमने विनेश के केस में भी देखा कि किसी तरह से उन्होंने रातभर अपने वजन को कम करने के लिए मेहनत की। ओलंपिक के नियमों के अनुसार, अगर खिलाड़ी का वजन 50 ग्राम भी ज्यादा होता है तो उसे आयोग्य घोषित कर दिया जाता है। अक्सर कई खिलाड़ियों के साथ ऐसा हो जाता है कि वह अपना वजन अपनी कैटेगरी के मुताबिक नहीं ला पाते हैं, जिसकी वजह से उन्हें आयोग्य घोषित कर दिया जाता है। दो बार खिलाड़ियों का वजन चेक किया जाता है और दोनों बार खिलाड़ियों को अपना वजन उनकी कैटेगरी के अनुसार दिखाना होता है। 

अधिक जानकारी के लिए हमने पूर्व रेसलर जगन्नाथ यादव से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि ओलंपिक और भारत में होने वाले मैचों के नियम थोड़े अलग हैं। ओलंपिक मैच से पहले सभी खिलाड़ियों का  दो बार हेल्थ चेकअप होता है, जिसमें उनका वजन भी शामिल होता है। इसके बाद जो खिलाड़ी फाइनल के लिए क्वालिफाई कर चुके हैं, उनका मैच से पहले दोबारा दो बार हेल्थ चेकअप किया जाता है। चूंकि यह मैच 50 किलोग्राम वर्ग के लिए था, इसलिए इसमें 50 किलो का होना जरूरी था। हालांकि, फोगाट का वजन ज्यादा होने की वजह से उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।

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