Explainer : जानिए, एक मेडल के साथ पाकिस्तान की रैंकिंग भारत से आगे क्यों

26 जुलाई से शुरू हुए पेरिस ओलंपिक का समापन रविवार को हो चुका है। टॉम क्रूज से लेकर बड़े हॉलीवुड स्टार इस समापन समारोह का हिस्सा बने। अमेरिका और चीन ने ओलंपिक में सबसे ज्यादा मेडल जीते। 126 मेडल के साथ अमेरिका नंबर वन रहा तो 91 मेडल के साथ चीन नंबर दो पर रहा। बात भारत की जाए तो छह मेडल के साथ भारत 71 वें स्थान पर रहा, जबकि पाकिस्तान एक मेडल के साथ 62वें स्थान पर रहा। सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, कई ऐसे देश हैं, जिन्होंने भारत से कम मेडल हासिल किए हैं, लेकिन रैंकिंग में उनका स्थान भारत से ऊंचा है। तो चलिए जानते हैं ऐसा क्यों है..

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। 26 जुलाई से शुरू हुए पेरिस ओलंपिक का समापन 12 अगस्त को हो चुका है। टॉम क्रूज से लेकर बड़े हॉलीवुड स्टार इस समापन समारोह का हिस्सा बने। अमेरिका और चीन ने ओलंपिक में सबसे ज्यादा मेडल जीते। 126 मेडल के साथ अमेरिका नंबर वन रहा तो 91 मेडल के साथ चीन नंबर दो पर रहा। बात भारत की जाए तो छह मेडल के साथ भारत 71 वें स्थान पर रहा, जबकि पाकिस्तान एक मेडल के साथ 62वें स्थान पर रहा। सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, कई ऐसे देश हैं, जिन्होंने भारत से कम मेडल हासिल किए हैं, लेकिन रैंकिंग में उनका स्थान भारत से ऊंचा है। तो चलिए जानते हैं ऐसा क्यों है..

मेडल टैली के रूल्स –

पाकिस्तान ही सिर्फ ऐसा देश नहीं है, जिसने भारत से कम मेडल जीते हैं। कई ऐसे देश हैं, जिन्होंने भारत से कम मेडल जीते हैं, फिर भी वे पदक तालिका में भारत से आगे हैं। जैसे कि बोत्सवाना, युगांडा, सेंट लूसिया, और चिली ने सिर्फ दो ही मेडल जीते है। फिर भी ये देश 55 वें स्थान पर है। ग्वाटेमाला और मोरक्को ने भी दो मेडल जीते हैं और वो 60वें स्थान पर हैं। पाकिस्तान और डोमिनिका एक मेडल के साथ 62वें स्थान पर है। यानी  कि भारत से 9 पायदान ऊपर, जबकि भारत छह मेडल के साथ 71वें स्थान पर है। ऐसा इसलिए, क्योंकि मेडल टैली को टोटल मेडल से नहीं रैंक किया जाता है। इसे गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज के हिसाब से तय किया जाता है। इसका मतलब यह है कि जिस देश के पास सबसे ज्यादा गोल्ड होंगे उन्हें ऊपर रखा जाएगा। चूंकि भारत ने एक भी गोल्ड मेडल नहीं जीता है, इसलिए वह मेडल टैली में पाकिस्तान और कई अन्य देशों से नीचे है।

इस बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने पूर्व खेल पत्रकार विजय लोकापल्ली से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि ओलंपिक की मेडल टैली टोटल मेडल के अनुसार नहीं, बल्कि गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज के मुताबिक डिजाइन किया गया है। अगर कोई देश ज्यादा गोल्ड मेडल जीतता है, लेकिन उनके टोटल मेडल नंबर किसी अन्य देश से कम है, फिर भी उसकी रैंकिंग उससे ऊपर ही रहेगी। जैसे कि हमें भारत और पाकिस्तान के केस में देखने को मिला। भारत के पास मेडल ज्यादा होने के बाद भी उसकी रैंक पाकिस्तान से कम है, क्योंकि इस बार भारत एक भी गोल्ड मेडल जीतने में नाकाम रहा है।

जानिए कब-कब पाकिस्तान मेडल टैली में भारत से आगे रहा – 

साल 1960 में ओलंपिक को रोम में आयोजित किया गया था। इस ओलंपिक में भी पाकिस्तान भारत से आगे रहा था। 1960 में पाकिस्तान ने एक गोल्ड और एक ब्रॉन्ज जीता था और 20 वें स्थान पर अपनी जगह बनाई थी,जबकि भारत एक सिल्वर के साथ 32वें स्थान पर था। 1968 में भी ऐसा ही देखने को मिला था। उस दौरान मैक्सिको में ओलंपिक का आयोजन किया गया था। मैक्सिको ओलंपिक में पाकिस्तान एक गोल्ड के साथ 29वें स्थान पर रहा था, जबकि भारत एक ब्रॉन्ज मेडल ही जीत पाया था, जिसकी वजह से उसे 42वां स्थान मिला था। 1972 में जर्मनी के म्यूनिख में ओलंपिक का आयोजन किया गया था। इस ओलंपिक में पाकिस्तान ने एक सिल्वर मेडल जीता था और भारत ने एक ब्रॉन्ज, जिसकी वजह से पाकिस्तान की रैंकिंग भारत से ऊपर थी। पाकिस्तान 33वें स्थान और भारत दस पायदन नीचे 43वें स्थान पर था। 1984 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक में भारत एक भी मेडल नहीं जीत पाया था, जबकि पाकिस्तान एक गोल्ड के साथ 25वीं रैंकिंग पर था। इसी तरह 1988 सियोल और 1992 बार्सिलोना ओलंपिक में भी भारत के हाथ एक भी मेडल नहीं लगा था, जबकि पाकिस्तान ने दोनों ही ओलंपिक में एक-एक ब्रॉन्ज मेडल जीता था और भारत से आगे रहा था। 

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