Explainer:  जानिए, पहले ओलंपिक से लेकर अब तक की कुछ अहम बातें

Explainer:  जानिए, पहले ओलंपिक से लेकर अब तक की कुछ अहम बातें

नई दिल्ली(विश्वास न्यूज)। फ्रांस की राजधानी पेरिस में 26 जुलाई से शुरू हुए ओलंपिक का समापन हो चुका है। खेलों के इस महाकुंभ का समापन 13 अगस्त को हुआ। समापन के साथ ही  ओलंपिक के झंडे को लॉस एंजिल्स के मेयर को सौंप दिया गया। वो साल 2028 में होने वाले ओलंपिक की मेजबानी करेंगे। भारत की ओर से परेड ऑफ नेशंस की मेजबानी पीआर श्रीजेश और मनु भाकर ने तिरंगे को थाम कर की। इस बार पेरिस में भारत ने कुल छह  मेडल जीते, जिनमें एक रजत और पांच कांस्य मेडल शामिल हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत ने अपना पहला मेडल कब जीता था और ओलंपिक कब शुरू हुआ था। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं ओलंपिक से जुड़ी 10 अहम बातों के बारे में..

पहला – ओलंपिक आज जितना शानदार और बड़ा दिखाई पड़ता है। वो शुरुआत में ऐसा नहीं था। ओलंपिक की शुरुआत करीब तीन हजार साल पहले ग्रीस में हुई थी, लेकिन कई समस्याओं की वजह से यह बंद हो गया। 1894 में फ्रांस के पियरे डी कुवर्तिन ने इसे फिर से शुरू करने की ठानी। कड़ी मशक्कत के बाद उन्होंने 1896 में इसकी शुरुआत की। 

दूसरा – पहला ओलंपिक 1896 में ग्रीस की एथेंस में खेला गया था,जबकि शीतकालीन ओलंपिक की शुरुआत 1924 में फ्रांस में हुआ था। शुरुआत में बुनियादी सुविधाओं की कमी और खिलाड़ियों की कम भागीदारी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा था। हालांकि, धीरे-धीरे चीजें बेहतर होती चली गई। 

तीसरा – ओलंपिया शहर में ओलंपिक का आयोजन किया गया था। इस वजह से इसका नाम ओलंपिक पड़ा। ग्रीस के पलोपोनेस प्रायद्वीप पर ओलंपिया शहर है। 

चौथा – 1900 में ओलंपिक को पेरिस में आयोजित किया गया था। यह पहली बार था, जब महिलाओं ने ओलंपिक के खेलों में भाग लिया था। 22 महिला खिलाड़ियों ने ओलंपिक के अलग-अलग खेलों में हिस्सा लिया था। 

पांचवां – 1936 में ओलंपिक खेलों में मशाल का चलन शुरू हुआ था। इसे बर्लिन में आयोजित किया गया था। वहीं से इसका चलन शुरू हुआ। मशाल को खेलों के उद्घाटन समारोह में जलाया जाता है और पूरे ओलंपिक के दौरान यह जलती रहती है। 

छठा – 1940 और 1944 में ओलंपिक को आयोजित नहीं किया गया था। इसका कारण द्वितीय विश्व युद्ध था। युद्ध के कारण ओलंपिक को रद्द कर दिया गया था।

सातवां – 1960 वह समय था, जब पहली बार ओलंपिक के खेलों को टीवी पर लाइव प्रसारित किया गया था। ऐसा करने से ओलंपिक की लोकप्रियता और ज्यादा बढ़ गई थी। लोग ओलंपिक के खेलों में होने वाली प्रक्रिया को लाइव देख सकते थे। 

आठवां- ओलंपिक के झंडे पर मौजूद पांच अंतर्देशीय छल्ले असल में महाद्वीपों को दर्शाते हैं। यह छल्ले एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और अमेरिका के प्रतीक हैं। इस झंडे को एंटवर्प ओलंपिक में 1920 में लाया गया था। 

नौवां – ओलंपिक के मेडल का डिजाइन हर बार बदल दिया जाता है। जो देश इसे आयोजित करता है इसे उसकी स्थानीय संस्कृति और कला के अनुसार डिजाइन किया जाता है। 

दसवां – भारत ने अपना पहला गोल्ड मेडल साल 1928 में एम्सटर्डम के ओलंपिक में जीता था। यह मेडल भारतीय पुरुष की हॉकी टीम ने दिलाया था।वहीं, भारत ने पहला व्यक्तिगत गोल्ड मेडल साल 2008 में जीता था। इसे पुरुष राइफल में अभिनव बिंद्रा ने दिलाया था।

इस बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने पूर्व खेल पत्रकार विजय लोकापल्ली से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि ओलंपिक का इतिहास काफी पुराना है। यह खेल कई साल से खेला जा रहा है। इसे खेलों का महाकुंभ भी कहा जाता है। भारतीय पुरुषों की टीम ने जब हॉकी में मेडल जीता था। उसके बाद से भारतीयों की दिलचस्पी इसमें बढ़ी है। कई सालों तक भारतीय टीम ने इसमें अच्छा प्रदर्शन कर मेडल जीता था। ओलंपिक में अक्सर चीन और अमेरिका का दबदबा देखने को मिलता है। दोनों ही देशों के बीच में गोल्ड मेडल के लिए काफी टक्कर देखने को मिलती है। इस बार दोनों ने ही 40 गोल्ड मेडल जीते हैं।

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