Alert रहें : गैस कनेक्शन डिस्कनेक्ट के नाम पर कॉल या मैसेज से रहें सतर्क, वरना खाली हो सकता है बैंक अकाउंट

पीएनजी सप्‍लाई करने वाली कंपनी इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL) के नाम से उपभोक्‍ताओं के वॉट्सऐप पर फर्जी मैसेज भेजा जा रहा है। इसके अलावा कई केस में फर्जी कॉल्‍स भी की जा रही है।

नई दिल्‍ली। भारत में ऑनलाइन धोखाधड़ी काफी बढ़ गई है। कभी कूरियर में गैरकानूनी सामान तो कभी जीवन बीमा के नाम पर फर्जी कॉल और मैसेज आते हैं। अब इसी क्रम में ऑनलाइन धोखेबाज उन्‍हें निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जिनकी रसोई में पीएनजी यानी पाइप्ड नेचुरल गैस कनेक्‍शन है। पीएनजी सप्‍लाई करने वाली कंपनी इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL) के नाम से उपभोक्‍ताओं के वॉट्सऐप पर फर्जी मैसेज भेजा जा रहा है। इसके अलावा कई केस में फर्जी कॉल्‍स भी की गईं।

उपभोक्‍ताओं को बिल जमा नहीं करने पर कनेक्‍शन काटने की बात कही जाती है। मैसेज में लिखा जाता है, “प्रिय आईजीएल यूजर, आज रात 9:30 बजे आपका गैस कनेक्‍शन काट दिया जाएगा। क्‍योंकि पिछले महीने का बिल अपडेट नहीं है। कृपया हमारे ऑफिस पर संपर्क करें : 8981777604, धन्‍यवाद।”

ऐसे मैसेज मिलने के बाद जब उपभोक्‍ता दिए गए नंबर पर कॉल करता है तो उसे बताया जाता है कि आधिकारिक वेबसाइट या ऐप से पेमेंट नहीं होगा। पेमेंट के लिए एक लिंक भेजा जाता है। स्‍कैमर्स उपभोक्‍ताओं से कहते हैं कि लिंक पर क्लिक करके जल्‍दी से जल्‍दी पेमेंट कर दें, वरना कुछ देर में गैस सप्‍लाई रोक दी जाएगी।

लगातार ऐसे फर्जी मैसेज और धोखाधड़ी से उपभोक्‍ताओं को बचाने के लिए इंद्रप्रस्‍था गैस लिमिटेड की ओर से अगस्‍त 2024 को एक एक्‍स पोस्‍ट की गई। इसमें उपभोक्‍ताओं को फर्जी मैसेज और कॉल से बचने की सलाह दी गई। साथ में धोखाधड़ी से बचने के कुछ टिप्‍स भी बताए गए। पोस्‍ट में बताया गया कि मैसेज में आए किसी भी लिंक पर क्लिक न करें। इसके अलावा निजी जानकारी शेयर न करें। बैंक की डिटेल, ओटीपी या बीपी नंबर बताना खतरनाक हो सकती है। हमेशा स्ट्रॉन्ग पासवर्ड का इस्‍तेमाल करें। ऐसे धोखाधड़ी की शिकायत अपने करीब साइबर क्राइम पुलिस स्‍टेशन या साइबर क्राइम की वेबसाइट पर की जा सकती है।

https://twitter.com/IGLSocial/status/1821738396244701546

इन बातों का रखें ध्‍यान

स्‍कैमर्स कैसे काम करते हैं?

कई बार लोगों के मन में सवाल आता है कि मैसेज के साथ आए लिंक पर क्लिक करने से क्‍या होता है। इसका जवाब देते हुए साइबर एक्‍सपर्ट चातक वाजपेयी कहते हैं कि स्कैमर्स लिंक के पीछे एक ऐसे वायरस को बनाते हैं, जिससे उस पर क्लिक करते ही आपके फ़ोन में मैलिशियस ऐप इंस्टॉल हो जाता है। उसके बाद आप जो भी फ़ोन में करते हैं, उसकी सारी डिटेल्स और डेटा स्कैमर के कंप्यूटर पर सेंड होना स्टार्ट हो जाता है।

धोखाधड़ी वाले मैसेज आने पर क्‍या करें?

साइबर एक्‍सपर्ट चातक वाजपेयी कहते हैं कि कभी भी आपको धोखाधड़ी वाले मैसेज या कॉल आएं तो घबराएं मत। शांत रहें। मैसेज के साथ भेजे गए नंबर पर कॉल न करें। इसके अलावा कभी भी अपनी कोई भी जानकारी इनके साथ शेयर न करें। वाजपेयी आगे कहते हैं कि हमेशा आईजीएल की आधिकारिक वेबसाइट या ऐप के माध्‍यम से ही बिल का भुगतान करें। सतर्क और जागरूक रहकर ही किसी प्रकार की धोखाधड़ी से बचा जा सकता है।

आईजीएल के अलावा कौन बनेगा करोड़पति, राजनीतिक दल को बहुमत मिलने पर जॉब और फ्री रीचार्ज के अलावा कई बार ऑनलाइन शॉपिंग की फ्री स्‍कीम के नाम पर भी स्‍कैमर्स ऐसे लिंक वायरल करके लोगों को चूना लगाते हैं। विश्‍वास न्‍यूज समय-समय पर ऐसे फर्जी दावों की जांच करके अपने पाठकों तक सही जानकारी पहंचाता रहा है। स्‍कैम से जुड़े फैक्‍ट चेक और स्‍पेशल रिपोर्ट यहां क्लिक करके पढ़ा जा सकता है।

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