Fact Check : अक्षय-टाइगर के इवेंट में हुए लाठीचार्ज के वीडियो को गलत दावे के साथ किया गया वायरल

विश्‍वास न्‍यूज ने इसकी जांच की। दावा भ्रामक साबित हुआ।

Fact Check : अक्षय-टाइगर के इवेंट में हुए लाठीचार्ज के वीडियो को गलत दावे के साथ किया गया वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा-2023 का पेपर लीक होने के बाद इसे निरस्‍त कर दिया गया। अब इससे जोड़ते हुए कई प्रकार की फर्जी और भ्रामक पोस्‍ट वायरल हो रही है। इसी क्रम में एक वीडियो को वायरल किया जा रहा है। इस वीडियो में पुलिस को भीड़ पर लाठीचार्ज करते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि यह यूपी में नौकरी मांग रहे युवाओं पर लाठीचार्ज का वीडियो है।

विश्‍वास न्‍यूज ने इसकी जांच की। दावा भ्रामक साबित हुआ। दरअसल 26 फरवरी को अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ अपनी फिल्‍म की प्रमोशन के लिए लखनऊ में थे। उनके कार्यकम में बेकाबू भीड़ को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। अब उसी घटना के वीडियो को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर महेश गर्ग ने 27 फरवरी को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया, “कावड़ लाओगे तो, फूल बरसाएंगे। नॉकरी मांगोगे तो, लठ बरसायेंगे। आइये, रामराज्य UP में आपका स्वागत है।”

पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने लाठीचार्ज के वीडियो की सच्‍चाई जानने के लिए सबसे पहले इसे ध्‍यान से देखा। वीडियो के ऊपर न्‍यूज ट्रैक डॉट कॉम लिखा हुआ नजर आया। इस क्‍लू के आधार पर हमने इस वीडियो को न्‍यूज ट्रैक डॉट कॉम पर के सोशल मीडिया पेज पर सर्च करना शुरू किया। इससे जुड़ा वीडियो हमें इसके फेसबुक पेज पर मिला। 26 फरवरी को अपलोड इस वीडियो के कैप्‍शन में बताया गया, “फिल्म बड़े मियाँ छोटे मियाँ के प्रमोशन के लिए राजधानी लखनऊ पहुँचे अभिनेता अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ के कार्यक्रम में हुई भगदड़। पुलिस ने किया लाठीचार्ज।”

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए वायरल वीडियो के कई ग्रैब्‍स निकाले। फिर इन्‍हें गूगल लेंस टूल की मदद से सर्च करना शुरू किया। संबंधित घटना से जुड़ी कई खबरें और वीडियो हमें यूट्यूब पर मिले। राजस्‍थान पत्रिका ने अपने यूट्यूब चैनल पर 27 फरवरी को एक रिपोर्ट में बताया कि अपनी फिल्‍म के प्रमोशन के लिए लखनऊ पहुंचे अक्षय कुमार और टाइगर श्राप के कार्यक्रम में जनता ने जूते-चप्‍पलों की बारिश कर दी। जिसके बाद पुलिस को बेकाबू भीड़ को काबू में करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।

गूगल सर्च के जरिए खोजने पर हमें जागरण डॉट कॉम पर पब्लिश एक खबर मिली। इसे 26 फरवरी को पब्लिश किया गया था। इसमें बताया गया कि 26 फरवरी को लखनऊ के घंटाघर में अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ को करीब से निहारने के लिए भीड़ जुटी थी। बैरिकेटिंग पार कर अंदर जाने को उत्साहित भीड़ में धक्का-मुक्की हुई तभी पुलिस ने लोगों को नियंत्रित करने के लिए लाठी भांज दी। इससे परिसर में भगदड़ मच गई। पूरी खबर यहां पढ़ें।

जांच के दौरान हमने दैनिक जागरण, लखनऊ के ईपेपर को भी खंगाला। हमें 27 फरवरी के संस्‍करण में वायरल वीडियो से जुड़ी घटना की खबर मिली। इसमें बताया गया कि अपनी फिल्‍म के प्रमोशन के लिए लखनऊ पहुंचे अक्षय कुमार और टाइगर श्राप को पास से देखने के लिए घंटाघर में काफी भीड़ जुटी थी। पुलिस ने लोगों को नियंत्रित करने के लिए लाठी भांज दी। पूरी खबर को नीचे पढ़ा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, लखनऊ के डिप्‍टी चीफ रिपोर्टर विवेक राव से संपर्क किया। उनके साथ वायरल वीडियो को शेयर किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि यह वीडियो अक्षय कुमार के कार्यक्रम के दौरान हुए लाठीचार्ज का है। यह कार्यक्रम लखनऊ के घंटाघर के पास हुआ था।

पड़ताल के अंतिम चरण में भ्रामक पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर महेश गर्ग के अकाउंट की जांच में पता चला कि इस अकाउंट को सोलह सौ से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। वायरल वीडियो बेरोजगारों के नौकरी मांगने से नहीं जुड़ा हुआ है। लखनऊ में अपनी फिल्‍म की प्रमोशन के लिए पहुंचे अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ के इवेंट में लाठीचार्ज हुई थी। उसी के वीडियो को कुछ लोग वायरल करके भ्रम फैला रहे हैं।

Misleading
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