Fact Check: मोहम्मद रफी के ‘कश्मीर है भारत का, कश्मीर न देंगे’ गाने पर नहीं लगाया गया था बैन, वायरल दावा भ्रामक

विश्वास न्यूज की पड़ताल में पाया कि  मोहम्मद रफी के गाने ‘कश्मीर है भारत का, कश्मीर न देंगे’ के वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक साबित है। इस गाने पर बैन नहीं लगाया गया था। हालांकि, सेंसर बोर्ड ने इस गाने के कई बोलो में बदलाव किया था और हटाए थे, लेकिन गाने पर बैन नहीं लगाया गया था।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। मोहम्मद रफी के गाने का एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो को शेयर कर कुछ यूजर्स दावा कर रहे हैं कि ‘कश्मीर है भारत का, कश्मीर न देंगे’ यह गाना उन्होंने 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान गाया था, जिसे विवादित बोल होने की वजह से बैन कर दिया गया था। दरअसल, पोस्ट में कहा जा रहा है कि पाकिस्तान ने गाने पर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद भारत सरकार ने इस गाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। 

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ। इस गाने पर बैन नहीं लगाया गया था। हालांकि, सेंसर बोर्ड ने इस गाने के कई बोलो में बदलाव किया था और हटाए थे। लेकिन गाने पर बैन नहीं लगाया गया था। 

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर ‘वी कुमार’  ने 20 अक्टूबर 2024 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “मोहम्मद रफ़ी साहब द्वारा गाए गए इस गीत ने पाकिस्तान में बेचैनी पैदा कर दी थी। पाकिस्तानी सरकार ने तत्कालीन भारतीय सरकार पर इस गीत पर प्रतिबंध लगाने का दबाव बनाया था। आश्चर्य की बात यह है कि भारत में तत्कालीन सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार ने इस गीत पर प्रतिबंध लगा दिया था!!! हो सकता है कि आपने यह गीत कभी न सुना हो। कृपया इस दुर्लभ गीत को ध्यान से सुनें।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। हमें वायरल वीडियो एनएच हिंदी सॉग नामक एक यूट्यूब चैनल पर मिला। वीडियो को  14 अगस्त 2020 को अपलोड किया गया था। मौजूद जानकारी के मुताबिक, यह गीत  फिल्म ‘जौहर र इन कश्मीर’ में शामिल किया गया था, जो कि 1966 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म की कहानी भारत के विभाजन के बाद 1940 के दशक के अंत में कश्मीर को लेकर बनी थी।

हमें पड़ताल के दौरान यह गाना कई अन्य यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड हुआ मिला। हमें इस गाने का ऑडियो वर्जन मोहम्मद रफी ऑफिशियल के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड हुआ मिला। वीडियो को 5 अगस्त 2019 को शेयर किया गया था। 

जांच को आगे बढ़ाते हुए जब हमने इस गाने के बैन होने के बारे में गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च किया। हमें दावे से जुड़ा एक नोटिस सूचना और प्रसारण मंत्रालय की वेबसाइट पर मिला। दस्तावेज के अनुसार, सेंसर बोर्ड ने 1966 में इस फिल्म की रिलीज से पहले इस गाने से ‘हाजी पीर‘ शब्द हटाने के लिए कहा था। इस बदलाव के बाद बोर्ड ने गाने को रिलीज करने का आदेश दे दिया था। हमें नोटिस में कही भी गाने को बैन करने वाली बात का जिक्र नहीं मिला। 

इस गाने के बोल ऑनलाइन कई वेबसाइट पर मौजूद हैं। गाना डॉट कॉम और सारेगामा की वेबसाइट पर इस गाने की लिरिक्स को देखा जा सकता है। 

अधिक जानकारी के लिए हमने मुंबई में दैनिक जागरण के एंटरटेनमेंट बीट को कवर करने वाली स्मिता श्रीवास्तव से संपर्क किया। उन्होंने दावे को भ्रामक बताया है। पहले भी यह पोस्ट वायरल हो चुकी है, जिसकी पड़ताल कर विश्वास न्यूज ने सच्चाई सामने रखी थी। उस दौरान हमने सीनियर एंटरटेनमेंट जर्नलिस्ट एस रामचंद्रन से बातचीत की थी। उन्होंने हमें बताया था कि इस गाने पर बैन नहीं लगा था। हालांकि, लिरिक्स में संशोधन जरूर किया गया था। 

भारत सरकार की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, 1966 में भारत में कांग्रेस की सरकार थी और इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थी।

अंत में हमने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है। यूजर ने प्रोफाइल पर खुद को दिल्ली का रहने वाला बताया है। 

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में पाया कि  मोहम्मद रफी के गाने  ‘कश्मीर है भारत का, कश्मीर न देंगे’ के वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक साबित है। इस गाने पर बैन नहीं लगाया गया था। हालांकि, सेंसर बोर्ड ने इस गाने के कई बोलो में बदलाव किया था और हटाए थे, लेकिन गाने पर बैन नहीं लगाया गया था।

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