हमारी पड़ताल में ये साबित होता है कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के एग्जाम में इस्लामिक स्टडीज नाम का कोई विषय नहीं है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर दावा किया जा रहा है कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) में एक विषय के रूप में ‘इस्लामिक स्टडीज’ भी शामिल है। यूजर्स पोस्ट को शेयर करते हुए मांग कर रहे हैं कि या तो इस विषय को हटाया जाए या फिर वैदिक स्टडीज को भी शामिल किया जाए। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत साबित हुआ। यूपीएससी के पाठ्यक्रम में ‘इस्लामिक स्टडीज’ नाम का कोई भी विषय मौजूद नहीं है।
फेसबुक यूजर राजू अग्रवाल ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा है, “UPSC से इस्लामिक स्टडी तुरंत हटाई जाय या फिर वैदिक स्टडी को भी जोड़ा जाय। सभी हिंदुओं से अनुरोध है कि इसका समर्थन करें…जय श्री राम”
पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखें।
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया, लेकिन हमें दावे से जुड़ी कोई विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट्स नहीं मिली। इसके बाद हमने यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट पर इस बारे में सर्च करना शुरू किया। वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा दो चरण में होती हैं। पहले प्रीलिम्स और फिर मेन्स।
पहले चरण यानी प्रीलिम्स के पाठ्यक्रम में इंडियन पॉलिटिक्स, ज्योग्राफी, इकोनॉमिक्स एंड सोशल डेवलपमेंट, जनरल अवेयरनेस, लॉजिकल रीजनिंग, रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन, हिस्ट्री, क्लाइमेट चेंज, जैसे विषय शामिल हैं। हमें कहीं भी इस्लामिक स्टडीज जैसा विषय नहीं मिला, जबकि मेन्स में पांच विषय सभी विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य हैं। विद्यार्थी छठवां और सातवां विषय अपनी मर्जी से चुन सकते हैं, लेकिन इन ऑप्शनल सब्जेक्ट्स की लिस्ट में भी हमें ‘इस्लामिक स्टडीज’ नाम का कोई भी विषय नहीं मिला। सर्च के दौरान हमें यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट पर ‘इस्लामिक स्टडीज’ नामक विषय की कोई जानकारी नहीं मिली।
पड़ताल के दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ा एक ट्वीट आईएएस अधिकारी सोमेश उपाध्याय के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर मिला। ये ट्वीट उन्होंने 28 अगस्त, 2020 को किया था। ट्वीट में उन्होंने दावे का खंडन करते हुए लिखा कि वॉट्सऐप की दुनिया में यूपीएससी के ऑप्शनल सब्जेक्ट में इस्लामिक स्टडीज भी है।
पूरी तरह से पुष्टि करने के लिए हमने आईएएस की तैयारी करवाने वाली अमात्य कोचिंग सेंटर के डायरेक्टर राजेश भारती अनुज अग्रवाल से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि इस्लामिक स्टडीज नाम का कोई भी विषय यूपीएससी के एग्जाम में नहीं है। इस एग्जाम में उर्दू साहित्य का विषय जरूर है, जो कि ऑप्शनल सब्जेक्ट है।
पड़ताल के अंत में विश्वास न्यूज ने फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर राजू अग्रवाल की सोशल स्कैनिंग की। प्रोफाइल पर दी गई जानकारी के अनुसार, यूजर दिल्ली का रहने वाला है।
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में ये साबित होता है कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के एग्जाम में इस्लामिक स्टडीज नाम का कोई विषय नहीं है।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।