वर्ष 2020 में केंद्र सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दी थी। इसके तहत एमफिल के कोर्स को बंद करने का फैसला लिया गया था। हालांकि, 10वीं बोर्ड परीक्षा के खत्म होने का दावा गलत है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लेकर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसके मुताबिक, केन्द्रीय कैबिनेट ने नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी है। इसके तहत 10वीं बोर्ड की परीक्षा को खत्म कर दिया गया है। साथ ही MPhil को भी बंद कर दिया गया है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि नई शिक्षा नीति में स्कूल से दूर रहे दो करोड़ बच्चों को मुख्य धारा में लाने के प्रयास पर जोर दिया गया। इसमें 10वीं बोर्ड की परीक्षा खत्म करने के बारे में कोई जिक्र नहीं किया गया है। हां, इसके तहत एमफिल जरूर बंद कर दिया गया है। सोशल मीडिया पर वायरल दावा भ्रामक है। यह दावा पहले भी वायरल हो चुका है। विश्वास न्यूज की फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
फेसबुक यूजर ‘हिंदी प्राध्यापक पंकज वर्मा‘ (आर्काइव लिंक) ने 10 दिसंबर को पोस्ट शेयर की,
नई शिक्षा नीति को केन्द्रीय कैबिनेट की मंजूरी
10वीं बोर्ड खत्म, MPhil भी होगा बंद
माननीय मंत्री , शिक्षा विभाग , भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित नई शिक्षा नीति 2020को आज केन्द्रीय कैबिनेट ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी । आज केन्द्रीय सरकार की कैबिनेट की स्वीकृति के बाद 36साल बाद देश में नई शिक्षा नीति लागू हो गई ।
कैबिनेट ने नई शिक्षा नीति (New Education Policy 2020) को हरी झंडी दे दी है. 34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है. नई शिक्षा नीति की उल्लेखनीय बातें सरल तरीके की इस प्रकार हैं:
—-5 Years Fundamental—
Nursery @4 Years
Jr KG @5 Years
Sr KG @6 Years
Std 1st @7 Years
Std 2nd @8 Years
—- 3 Years Preparatory—
Std 3rd @9 Years
Std 4th @10 Years
Std 5th @11 Years
—– 3 Years Middle—
Std 6th @12 Years
Std 7th @13 Years
Std 8th @14 Years
—- 4 Years Secondary—
Std 9th @15 Years
Std SSC @16 Years
Std FYJC @17Years
STD SYJC @18 Years
खास बातें :
—- केवल 12वीं क्लास में होगा बोर्ड
—- MPhil होगा बंद, कॉलेज की डिग्री 4 साल की
—10वीं बोर्ड खत्म, MPhil भी होगा बंद,
—- अब 5वीं तक के छात्रों को मातृ भाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्र भाषा में ही पढ़ाया जाएगा. बाकी विषय चाहे वो अंग्रेजी ही क्यों न हो, एक सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाएगा।
—- पहले 10वी बोर्ड की परीक्षा देना अनिवार्य होता था, जो अब नहीं होगा.
—- 9वींं से 12वींं क्लास तक सेमेस्टर में परीक्षा होगी. स्कूली शिक्षा को 5+3+3+4 फॉर्मूले के तहत पढ़ाया जाएगा।
—- वहीं कॉलेज की डिग्री 3 और 4 साल की होगी. यानि कि ग्रेजुएशन के पहले साल पर सर्टिफिकेट, दूसरे साल पर डिप्लोमा, तीसरे साल में डिग्री मिलेगी.।
—-3 साल की डिग्री उन छात्रों के लिए है जिन्हें हायर एजुकेशन नहीं लेना है. वहीं हायर एजुकेशन करने वाले छात्रों को 4 साल की डिग्री करनी होगी. 4 साल की डिग्री करने वाले स्टूडेंट्स एक साल में MA कर सकेंगे.
—- MA के छात्र अब सीधे PHD कर सकेंगे.
—- स्टूडेंट्स बीच में कर सकेंगे दूसरे कोर्स. हायर एजुकेशन में 2035 तक ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो 50 फीसदी हो जाएगा. वहीं नई शिक्षा नीति के तहत कोई छात्र एक कोर्स के बीच में अगर कोई दूसरा कोर्स करना चाहे तो पहले कोर्स से सीमित समय के लिए ब्रेक लेकर वो दूसरा कोर्स कर सकता है.
—- हायर एजुकेशन में भी कई सुधार किए गए हैं. सुधारों में ग्रेडेड अकेडमिक, ऐडमिनिस्ट्रेटिव और फाइनेंशियल ऑटोनॉमी आदि शामिल हैं. इसके अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में ई-कोर्स शुरू किए जाएंगे. वर्चुअल लैब्स विकसित किए जाएंगे. एक नैशनल एजुकेशनल साइंटफिक फोरम (NETF) शुरू किया जाएगा. बता दें कि देश में 45 हजार कॉलेज हैं.
—- सरकारी, निजी, डीम्ड सभी संस्थानों के लिए होंगे समान नियम।
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वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले इस बारे में कीवर्ड से गूगल पर ओपन सर्च किया। 29 जुलाई 2020 को पीआईबी की तरफ से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दे दी है। इससे स्कूली और उच्च शिक्षा प्रणालियों में सुधारों का रास्ता साफ होगा। यह 34 साल पुरानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनपीई) 1986 की जगह लेगी।
— इसके तहत स्कूल पाठ्यक्रम के 10+2 ढांचे की जगह पर 5+3+3+4 की नई पाठयक्रम संरचना लागू होगी।
— यह क्रमशः 3 से 8, 8 से 11, 11 से 14 और 14 से 18 उम्र तक के बच्चों के लिए है।
— इसमें अब तक दूर रहे 3 से 6 साल के बच्चों को स्कूली पाठ्यक्रम में लाने का प्रावधान है। इसमें तीन साल की प्री स्कूलिंग के साथ स्कूली शिक्षा 12 साल की होगी।
— कम से कम 5वीं कक्षा तक मातृभाषा/क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई होगी।
— उच्च शिक्षा में जीईआर को 2035 तक 50% तक बढ़ाया जाएगा। 3.5 करोड़ नई सीटें जोड़ी जाएंगी।
— कोर्स के बीच में उपयुक्त प्रमाणीकरण के साथ नामांकन या निकास की अनुमति होगी।
इसमें हमें कही भी 10वीं बोर्ड की परीक्षा खत्म करने को लेकर कोई जिक्र नहीं मिला।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में लिखा है कि कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षा जारी रहेगी। बोर्ड की मौजूदा व्यवस्था और प्रवेश परीक्षाओं में सुधार किया जाएगा, ताकि कोचिंग क्लासेज की आवश्यकता को समाप्त किया जा सके। इसमें 5+3+3+4 की संरचना का भी उल्लेख है।
30 जुलाई 2020 को हिन्दुस्तान में छपी खबर के अनुसार, 34 साल के बाद केंद्र सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी है। इसके तहत एमफिल कोर्स को बंद कर दिया जाएगा। छात्र चार साल की बैचलर डिग्री या मास्टर्स करने के बाद सीधे पीएचडी कर सकते हैं। इसमें चार साल के बैचलर प्रोग्राम के बाद छात्र एक साल का मास्टर्स या पीएचडी कर सकते हैं।
एक साल पहले भास्कर में छपी खबर के अनुसार, दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने एक जरूरी नोटिफिकेशन जारी कर कहा है कि अगले सेशन के लिए एमफिल में एडमिशन नहीं लिए जाएंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत यूनिवर्सिटी ने यह फैसला लिया है।
इसकी अधिक पुष्टि के लिए हमने दिल्ली में एजुकेशन बीट के रिपोर्टर राहुल चौहान से बात की। उनका कहना है, ‘नई शिक्षा नीति को कैबिनेट से मंजूरी करीब दो साल पहले ही मिल गई थी। इसके तहत एमफिल का कोर्स बंद हो चुका है। डीयू और इग्नू समेत कई विश्वविद्यालय इस नीति को लागू कर चुके हैं।‘
इस बारे में इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिर्विसटी के पीआरओ राजेश शर्मा ने कहा, ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत एमफिल के कोर्स को बंद कर दिया गया है। अब फिलहाल इसके एडमिशन नहीं हो रहे हैं।‘
10वी बोर्ड परीक्षा को लेकर हमने नोएडा दैनिक जागरण के बेशिक शिक्षा विभाग देखने वाले रिपोर्टर अंकुर त्रिपाठी से बात की। उन्होंने कहा, ‘10वीं बोर्ड की परीक्षा खत्म होने वाली बात झूठी है। ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है।‘
भ्रामक दावा शेयर करने वाले फेसबुक यूजर ‘हिंदी प्राध्यापक पंकज वर्मा‘ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। 23 जुलाई 2019 को बने इस पेज के करीब 22 हजार फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: वर्ष 2020 में केंद्र सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दी थी। इसके तहत एमफिल के कोर्स को बंद करने का फैसला लिया गया था। हालांकि, 10वीं बोर्ड परीक्षा के खत्म होने का दावा गलत है।
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