Fact Check: RBI के रिजर्व से 200 टन सोना विदेश भेजे जाने का दावा गलत, फिर से सोशल मीडिया पर वायरल हुए फेक दावा

देश के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 200 टन सोना को विदेश भेजे जाने का दावा गलत और तथ्यों से परे है। 2014 या उसके बाद से आरबीआई के मौजूदा गोल्ड रिजर्व में से कोई सोना देश से बाहर नहीं भेजा गया है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि सरकार ने चोरी चुपके देश के 200 टन सोना को विदेश भेज दिया है। इसे घोटाला बताते हुए दावा किया जा रहा है कि इस वजह से देश के हालात श्रीलंका जैसे बन सकते हैं।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। देश के गोल्ड रिजर्व के बारे में किया जा रहा दावा गलत है, जिसका सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भी यह दावा वायरल हुआ था, जिसे हमने अपनी जांच में गलत पाया था। साथ ही विश्वास न्यूज ने एक अन्य फैक्ट चेक रिपोर्ट में भारत में श्रीलंका जैसे हालात बनने के दावे की पड़ताल की थी और इसे भी बेबुनियाद पाया था।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘Jagdish Narayan Meena’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “एक और मोदी जी का घोटाला 200 टन सोना आरबीआई का चोरी छुपे विदेश भेजा गया अब बाहर देश में श्रीलंका जैसे हालात होने वाले हैं दोस्तों।”

सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ वायरल पोस्ट

कई अन्य यूजर्स ने इस दावे को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

यह पहली बार नहीं है, जब सोशल मीडिया पर दावा वायरल हुआ हो। 2019 में भी यह दावा सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था और कहा गया था कि मोदी सरकार ने जुलाई 2014 में देश का 286 टन सोना गिरवी रख दिया है। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया था कि आरबीआई के गोल्ड रिजर्व में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

वायरल क्लिप में 2014 का जिक्र किया है, इसलिए हमने उससे एक साल पहले की आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट को देखा। रिपोर्ट के मुताबिक, रिजर्व बैंक में 30 जून 2012 तक 557.75 मीट्रिक टन सोने का भंडार था, जिसकी रुपये में कीमत 1,450.55 अरब रुपये थी।

30 जून 2013 में आरबीआई के गोल्ड रिजर्व में कोई बदलाव नहीं हुआ और वह 557.75 मीट्रिक टन ही रहा, जिसकी रुपये में कीमत कम होकर 1,286.85 अरब रुपये हो गई।

Source-RBI Annual Report

यानी 2012 और 2013 के बीच भारत के गोल्ड रिजर्व में कोई बदलाव नहीं हुआ। इसके बाद हमने 2014 की रिपोर्ट को चेक किया (जिसका दावा वायरल पोस्ट में किया गया है), जिससे यह स्पष्ट है कि इस साल भी भारत के गोल्ड रिजर्व में कोई बदलाव नहीं हुआ।

Source-RBI Annual Report

आरबीआई प्रवक्ता ने कहा कि इस बारे में किया जा रहा दावा गलत है। 2014 या उसके बाद के वर्षों में भारत ने अपना गोल्ड किसी अन्य देश में नहीं भेजा है।

2018 तक आरबीआई का गोल्ड रिजर्व (Source-RBI Annual Report)

विश्वास न्यूज की पुरानी फैक्ट चेक रिपोर्ट्स में 2012 से लेकर 2018 तक के बीच के गोल्ड रिजर्व के बारे में जानकारी दी गई थी। आरबीआई की 2018-19 की वार्षिक रिपोर्ट 2018 तक आरबीआई के पास 566.23 मीट्रिक टन गोल्ड रिजर्व था, जो 30 जून 2019 को बढ़कर 618.16 मीट्रिक टन हो गया।

2019-20 की रिपोर्ट के मुताबिक, 30 जून 2020 तक भारत का गोल्ड रिजर्व 661.41 टन था। वहीं 2020-21 की रिपोर्ट के मुताबिक, 30 जून 2021 तक भारत का गोल्ड रिजर्व 695.31 मीट्रिक टन और 2021-22 की रिपोर्ट के मुताबिक 760.42 मीट्रिक टन गोल्ड रिजर्व था।

हमारी जांच से स्पष्ट है कि 2014 के बाद भारत के गोल्ड रिजर्व में इजाफा ही हुआ है। वायरल दावे की पड़ताल करती विश्वास न्यूज की 2019 की विस्तृत फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।

वायरल पोस्ट को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब दो सौ से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: देश के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 200 टन सोना को विदेश भेजे जाने का दावा गलत और तथ्यों से परे है। 2014 या उसके बाद से आरबीआई के मौजूदा गोल्ड रिजर्व में से कोई सोना देश से बाहर नहीं भेजा गया है।

False
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