डिजिटल वॉलेट धोखाधड़ी और उसे ब्लॉक करने के उपायों को बताने के दावे के साथ आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के नाम पर वायरल हो रहा वीडियो फेक व एडिटेड है। वायरल वीडियो में एडिटिंग की मदद से एक अन्य यूट्यूब के ऑडियो और विजुअल को जोड़कर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें फोन चोरी होने और डिजिटल वॉलेट फ्रॉड की स्थिति में वॉलेट अकाउंट को ब्लॉक करने के बारे में उपायों को बताते हुए देखा और सुना जा सकता है। विश्वास न्यूज के WhatsApp चैटबॉट नंबर +91 9599299372 पर कई यूजर्स ने इस वीडियो को भेजकर उसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है।
हमने अपनी जांच में पाया कि वायरल हो रहा वीडियो फेक और अल्टर्ड है। वीडियो में सुनाई दे रही आवाज आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की नहीं है और इसे एडिटिंग की मदद से जोड़ा गया है।
ट्विटर पर भी कई यूजर्स ने इस वीडियो को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की तरफ से की गई अपील का समझते हुए शेयर किया है।
वहीं, विश्वास न्यूज के टिपलाइन पर कई यूजर्स ने इस वीडियो को भेजकर उसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है।
वायरल वीडियो में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के पीछे आरबीआई का बड़ा लोगो नजर आ रहा है। आरबीआई के यू-ट्यूब चैनल पर मौजूद वीडियो को देखकर यह स्पष्ट हो जाता है कि यह आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के मीडिया को दिए गए बयान में किसी एक का है। वायरल वीडियो में शक्तिदांस दास जिस विशिष्ट परिधान में नजर आ रहे हैं, उससे मिलता-जुलता वीडियो आरबीआई के यू-ट्यूब चैनल पर करीब एक साल पहले अपलोड किए हुए वीडियो में मिला।
नीचे दर्शाए गए कोलाज में दोनों वीडियो के स्क्रीनशॉट के बीच की समानता को साफ साफ देखा जा सकता है।
5 मई 2021 को अपलोड किया गया उनका यह वीडियो लाइव किया गया था और इस संबोधन के दौरान शक्तिकांत दास ने कोविड-19 संक्रमण के संदर्भ में अर्थव्यवस्था को लेकर महत्वपूर्ण घोषणाएं की थी।
आरबीआई की वेबसाइट पर उनके इस संबोधन का पूरा बयान भी मौजूद है, जिसमें आरबीआई गवर्नर ने तत्कालीन आर्थिक स्थिति की समीक्षा करते हुए अतिरिक्त राहत उपायों की घोषणा की थी।
करीब आधे घंटे के अपने पूरे संबोधन के दौरान उन्होंने कहीं भी वॉलेट भुगतान या उससे संबंधित खतरों के बारे में कोई बात नहीं की। आरबीआई सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर आधिकारिक रूप से मौजूद है। आरबीआई के ट्विटर हैंडल ने पीआईबी के एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए वायरल वीडियो को फेक बताया है।
ट्वीट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वीडियो में सुनाई दे रही आवाज आरबीआई गवर्नर की नहीं है। वीडियो के साथ सुनाई दे रही आवाज के स्रोत का पता लगाने के लिए सोशल मीडिया सर्च का सहारा लिया। वायरल वीडियो में डिजिटल वॉलेट और हेल्पलाइन नंबर का जिक्र है, इसलिए हमने इन्हें ही की-वर्ड बना कर सर्च किया। सर्च रिजल्ट के रूप में हमें 13 अगस्त 2022 को ‘Reel Shorts’ यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड किया हुआ वीडियो मिला, जिसमें मोबाइल चोरी होने की स्थिति में डिजिटल वॉलेट को ब्लॉक करने के बारे में बताया गया है। वायरल वीडियो में इसी वीडियो के विजुअल और ऑडियो का इस्तेमाल किया गया है।
स्पष्ट है कि आरबीआई गवर्नर के नाम पर डिजिटल वॉलेट को ब्लॉक करने के उपायों को बताने वाला वीडियो एडिटेड और फेक है। वायरल वीडियो को लेकर हमने आरबीआई के प्रवक्ता से संपर्क किया। उन्होंने बताया, ‘वायरल हो रहा वीडियो फेक है और आरबीआई के ट्विटर हैंडल से इस बारे में जानकारी भी दी गई है।’
निष्कर्ष: डिजिटल वॉलेट धोखाधड़ी और उसे ब्लॉक करने के उपायों को बताने के दावे के साथ आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के नाम पर वायरल हो रहा वीडियो फेक व एडिटेड है। वायरल वीडियो में एडिटिंग की मदद से एक अन्य यूट्यूब के ऑडियो और विजुअल को जोड़कर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
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