विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। तमिलनाडु की साल 2020 की खबर को कुछ लोग अभी का समझकर वायरल कर रहे हैं। वायरल खबर खबर का हाल-फिलहाल से कोई संबंध नहीं है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर अखबार की एक कटिंग वायरल हो रही है। जिसमें कुछ लोगों के साथ पुलिसकर्मी नज़र आ रहे हैं। तस्वीर में पैसे, दस्तावेज समेत कई अन्य समान देखा जा सकता है। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स इस कटिंग को वायरल करते हुए इसे हालिया बता रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। यह भ्रामक साबित हुई। वायरल खबर साल 2020 की है, जब तमिलनाडु में कुछ लोगों ने मिलकर एसबीआई की ब्रांच ही खोली थी। हालांकि,बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। लोग पुरानी खबर की कटिंग को अभी का समझकर वायरल कर रहे हैं।
फेसबुक यूजर शुक्ला जी शुक्रताल वाले ने 9 जनवरी को अखबार की कटिंग को अपने अकाउंट पर अपलोड करते हुए लिखा, “तमिलनाडु में कुछ लोगो ने मिलकर फर्जी एसबीआई बैंक की शाखा खोल दी। लॉकर्स और वेबसाइट भी। और अच्छे से चलने भी लगी। लोगो को शक तो तब हुआ,जब SBI के स्टाफ का व्यवहार बहुत अच्छा था और वो लंच में भी काम कर रहे थे । आलस्य और कामचोरी ऐसे करो की पहचान बन जाए। स्टेट बैंक आपकी सेवा में।”
फेसबुक पोस्ट को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। इसका आर्काइव वर्जन यहां देखें।
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने कीवर्ड बनाकर सर्च करना शुरू किया। हमें जी न्यूज की वेबसाइट पर वायरल दावे से जुड़ी खबर मिली। 13 जुलाई 2020 को प्रकाशित खबर में बताया गया, “देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक के साथ फर्जीवाड़े का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। तमिलनाडु में कुछ लोगों ने मिलकर SBI की ब्रांच ही खोल डाली। मामला है राज्य के कुड्डालोर जिले के पन्रुति का, जहां आरोपी एसबीआई की फर्जी ब्रांच चला रहे थे।आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 473, 469, 484 और 109 के तहत मामला दर्ज हुआ।”
सर्च के दौरान हमें टाइम्स नाउ न्यूज की वेबसाइट पर भी दावे से जुड़ी खबर मिली। 11 जुलाई 2020 को प्रकाशित खबर में वायरल तस्वीर के साथ बताया गया है, “तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले की पनरुति पुलिस ने इलाके में भारतीय स्टेट बैंक की डुप्लिकेट शाखा चलाने के आरोप में पूर्व बैंक कर्मचारियों के बेटे सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया। तीन लोगों को आईपीसी की अन्य धाराओं के अलावा जालसाजी और नकली मुहर बनाने या रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।” पूरी खबर यहां पढ़ें।
वायरल दावे से जुड़ी अन्य खबरों को यहां पढ़ा जा सकता है।
अधिक जानकारी के लिए हमने तमिलनाडु के स्थानीय पत्रकार सुरेश मूर्ति से संपर्क किया। उन्होंने वायरल खबर को पुराना बताया है। उनका कहना है कि यह खबर पुरानी है, हाल- फिलहाल से इसका कोई संबंध नहीं है।
अंत में हमने पुरानी खबर को वायरल करने वाले फेसबुक यूजर ‘शुक्ला जी शुक्रताल वाले‘ की प्रोफाइल को स्कैन किया। इसके मुताबिक, वह मुज़फ्फरनगर में रहते हैं। यूजर को फेसबुक पर पांच हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। तमिलनाडु की साल 2020 की खबर को कुछ लोग अभी का समझकर वायरल कर रहे हैं। वायरल खबर खबर का हाल-फिलहाल से कोई संबंध नहीं है।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।