दैनिक जागरण के नाम से 'लव जिहाद' से जोड़कर खबरों का फेक पैकेज वायरल हो रहा है। इसमें छपी खबरों का दैनिक जागरण में प्रकाशन नहीं हुआ है। इस मनगढ़ंत और फेक पैकेज को एडिटिंग सॉफ्टवेयर की मदद से बनाया गया है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। दैनिक जागरण के नाम से सोशल मीडिया पर फेक पोस्ट शेयर की जा रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि दैनिक जागरण के अखबार में ‘लव जिहाद’ से जोड़कर एक पैकेज छपा है। इसमें एक खबर का शीर्षक है, “भारत में लव जिहाद के प्रति वर्ष करीब 20 हजार मामले”। इसी पेज पर नीचे धर्म परिवर्तन के बाद महिला को मारने की खबर है, जबकि साथ में एक आपत्तिजनक पोस्टर और ऊपर कई युवतियों की फोटो के दो कोलाज छपे है, जिन्हें ‘लव जिहाद’ का शिकार बताया गया है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि सोशल मीडिया पर दैनिक जागरण के नाम से फेक पोस्ट वायरल हो रही है। ‘लव जिहाद’ के नाम से खबरों का यह पैकेज दैनिक जागरण में नहीं छपा है। इसमें ऊपर वाली पहली खबर मनगढ़ंत और फेक है, जबकि नीचे वाली खबर दैनिक भास्कर की है। इनके साथ में दिया गया युवतियों की फोटो के कोलाज और नीचे दिया गया पोस्टर इंटरनेट पर मौजूद है। इनको एडिट कर पैकेज बनाकर दैनिक जागरण के नाम से वायरल किया जा रहा है।
एक्स यूजर ‘गोपाल गोस्वामी’ (आर्काइव लिंक) ने 1 सितंबर को इसको पोस्ट करते हुए लिखा,
“लव जिहाद का इतना हो हल्ला होता है परंतु हिंदू बेटियाँ फिर भी कैसे चक्कर में पड़ जाती हैं ?”
फेसबुक यूजर ‘शर्मा जी कहिन‘ (आर्काइव लिंक) ने भी 2 सितंबर को वायरल पोस्ट को शेयर किया है।
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने दोनों खबरों, युवतियों की फोटो के कोलाज और नीचे दिए गए पोस्टर को सर्च किया।
सबसे पहले ऊपर दी गई खबर के बारे में हमने कीवर्ड से गूगल पर सर्च किया, लेकिन ऐसी कोई खबर नहीं मिली। दैनिक जागरण की स्टाइलशीट के मुताबिक, खबर में डेटलाइन में लोकेशन नहीं दी गई है और वाक्यों के अंत में पूर्ण विराम की जगह डॉट लगा हुआ है, जबकि अखबार में वाक्यों के अंत में पूर्ण विराम का इस्तेमाल होता है। इसका फॉन्ट भी दैनिक जागरण के फॉन्ट से अलग है।
सर्च में हमें पता चला कि पोस्ट में ऊपर दी गई खबर की कटिंग फेसबुक पर 2019 और 2020 में भी शेयर की जा चुकी है।
इसके बाद हमने वायरल पोस्ट में नीचे दी गई खबर के बारे में सर्च किया। सर्चिंग में यह हमें फेसबुक यूजर ‘अली सोहराब‘ (आर्काइव लिंक) के फेसबुक प्रोफाइल से की गई एक पोस्ट के कमेंट सेक्शन में मिली। 12 अक्टूबर 2019 को इस प्रोफाइल से एक पोस्ट की गई है।
इसके जवाब में रिंकू सोधिया नाम के फेसबुक यूजर ने 6 सितंबर 2020 को पोस्ट में नीचे दी गई खबर की कटिंग को शेयर किया है। इसका शीर्षक है, “धर्म परिवर्तन करा निकाह किया, फिर बीवी को मार कर दफनाया”। इसमें डेटलाइन में भास्कर संवाददाता, भगलपुर लिखा है। मतलब यह खबर दैनिक भास्कर के संवाददाता ने लिखी है, दैनिक जागरण के नहीं।
गूगल लेंस से सर्च करने पर हमें पैकेज में मौजूद पोस्टर इंटरनेट पर मिला। एक्स यूजर डॉ. ऋचा राजपूत (आर्काइव लिंक) ने इस पोस्टर को 31 दिसंबर 2022 को शेयर किया है।
युवतियों की तस्वीरों वाले दो कोलाज को भी गूगल लेंस की मदद से सर्च किया। इसमें एक 7 नवंबर 2020 को इसे अग्निबाण नाम की वेबसाइट में ‘लव जिहाद’ को लेकर छपी खबर में इस्तेमाल किया गया है। जबकि दूसरे कोलाज को एक्स यूजर ‘अह्म ब्रह्मास्मि’ (आर्काइव लिंक) ने 2 जून 2023 को पोस्ट किया है।
इस बारे में अधिक जानकारी के हमने दैनिक जागरण के ऑनलाइन एडिटर कमलेश रघुवंशी से संपर्क कर उनसे वायरल पोस्ट शेयर किया। उन्होंने इसे फेक बताया। उनका कहना है, “दैनिक जागरण में यह खबर नहीं छपी है।“
पड़ताल के अंत में हमने फेक पोस्ट शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। सितंबर 2009 से एक्स (ट्विटर) से जुड़े यूजर के 40 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। उनकी लोकेशन सूरत दी हुई है।
इससे पहले भी दैनिक जागरण के नाम से फेक पोस्ट वायरल हुई थी। उसमें दावा किया गया था कि अखबार में ‘एक मुहल्ला-एक बकरा’ अभियान छपा हुआ है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा झूठा निकला था। दैनिक जागरण के ‘एक मुहल्ला-एक होलिका’ अभियान के विज्ञापन को एडिट करके वायरल कर दिया गया था।
निष्कर्ष: दैनिक जागरण के नाम से ‘लव जिहाद’ से जोड़कर खबरों का फेक पैकेज वायरल हो रहा है। इसमें छपी खबरों का दैनिक जागरण में प्रकाशन नहीं हुआ है। इस मनगढ़ंत और फेक पैकेज को एडिटिंग सॉफ्टवेयर की मदद से बनाया गया है।
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